Cyber Dost : Cyber Safety Hindi Booklet “साइबर दोस्त” साइबर अपराधों से किशोरों / विद्यार्थियों बचाने के लिए ‘गृह मंत्रालय, भारत सरकार’ की पहल
Cyber Safety Hindi Booklet |
Cyber Dost : “साइबर दोस्त” साइबर अपराधों से किशोरों / विद्यार्थियों बचाने के लिए ‘गृह मंत्रालय, भारत सरकार’ की पहल
#Cyber_Dost इन्टरनेट की दुनिया में फ्राड / धोखाधड़ी आदि घटनाएँ आए दिन सुनने को
मिल जाती है. वर्तमान में कंप्यूटर, मोबाइल जीवन के अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं.
इन smart उपकरणों के प्रयोग से सुचना सम्प्रेषण में बहुत आसानी हो गई है, विभिन्न
Social Media माध्यमों Google, facebook, Whatsapp,Twitter,
Emails आदि
आज हमारी दैनिक गतिविधियों का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं. ज्ञान – विज्ञान और विविध जानकारियां Smart
Phone के माध्यम से बहुत सुलभ हो गई है, किन्तु इस सब के साथ – साथ साइबर अपराधों
/ ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
लोगों खाशकर किशोरों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा साइबर जागरूकता अभियान के अंतर्गत “साइबर दोस्त” के रूप में जागरूकता की एक पहल की गई है. आज MP Education Gyan Deep द्वारा गृह मंत्रालय की इसी पहल की जानकारी दी जा रही है, आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी. यदि आपको जानकारी उपयोगी लगे तो आप इस पोस्ट की लिंक को facebook, whatsapp आदि के माध्यम से अपने मित्रों को share जरुर कीजिए जिससे यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके.
साइबर अपराध क्या है?
Computer, Internet या Mobile Technology का प्रयोग कर किए जाने वाले अपराध साइबर अपराध
कहलाते हैं, साइबर अपराधी facebook, Whatsapp,Twitter, Emails आदि के माध्यम से नकली software, website आदि
का प्रयोग कर व्यक्तियों, कम्पनियों पर साइबर अटैक करते हैं.
साइबर हमले से कैसे बचें ?
साइबर हमलों से बचने का उपाय सजगता है, ऑनलाइन फ्राड के मामलों में
साइबर अपराधी हमारे द्वारा सोशल मीडिया साइट्स पर share की गई व्यक्तिगत
जानकारियों फोन नम्बर, पता, फोटोग्राफ, बैंक सम्बन्धी विवरण आदि का प्रयोग करते
हैं.
आपके पास whatsapp के माध्यम से अनेक ऐसे मुफ्त ऑफर लिंक आते होंगे
जिनमें मोबाइल नम्बर, ई मेल, पता आदि जानकारियां मांगी जाती है तथा टास्क पूर्ण
करने के लिए 10 या अधिक लोगों / ग्रुप्स में share करने को कहा जाता है. आप इस तरह
की लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं.
ऑनलाइन गेमिंग भी साइबर अपराधियों का पीड़ितों को हानि पहुँचाने का
मुख्य हथियार है. इसके शिकार कम उम्र के बच्चे, किशोर और विद्यार्थी अधिक होते
हैं.
साइबर अपराधियों द्वारा सामान्य रूप से प्रयोग किए जाने वाले कुछ तरीके इस प्रकार है –
साइबर अपराधियों द्वारा सामान्य रूप से प्रयोग किए जाने वाले कुछ तरीके इस प्रकार है –
- ई-मेल स्पूफिंग
- द्वेषपूर्ण फाइल एप्लीकेशन
- सोशल इंजीनियरिंग
- साइबर बुलिंग
- पहचान चुराना
- जॉब सम्बंधित फ्राड
- बैंकिंग फ्राड आदि.
यदि आप साइबर अपराधों से बचना चाहते हैं तो इन्टरनेट का उपयोग सजग
होकर करें, कभी भी अपनी पर्सनल जानकारियां किसी ऐसी साईट पर share न करे. मुफ्त ऑफर, सरकारी योजनाओं
का लाभ दिलाने का वादा करने वाली फर्जी वेबसाइट आदि के लिंक पर बिना पूरी जानकारी
के क्लिक करने से बचिए.
साइबर दोस्त पुस्तिका - Cyber Safety Hindi Booklet
गृह मंत्रालय द्वारा किशोरों / छात्रों को साइबर सुरक्षा की जानकारी
देने के लिए एक पुस्तिका जारी की है, पुस्तिका में विभिन्न प्रकार के साइबर
अपराधों, साइबर अपराध के तरीकों व उनसे बचने के उपायों आदि की जानकारी दी गई है. पुस्तिका
में Cyber Bullying, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, ई-मेल धोखाधड़ी, ऑनलाइन लेनदेन में
धोखाधड़ी, सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल्स की सुरक्षा के उपाय आदि के बारे में उपयोगी
जानकारी दी गई है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी इस पुस्तिका की पीडीएफ
प्रति डाउनलोड करने के लिए लिंक निचे दी है, इसे डाउनलोड कर स्वयं भी पढ़ें
और अपने बच्चों को भी जानकारी दें जिससे वे साइबर अपराधियों के हमलों का शिकार
होने से बचें.
- Cyber Dost : “साइबर दोस्त” साइबर अपराधों से किशोरों / विद्यार्थियों बचाने के लिए ‘गृह मंत्रालय, भारत सरकार’ द्वारा जारी Cyber Safety Hindi Booklet डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए.
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