Adhyapak se Shikshak Samvarg Sewa Sharte 2018 - अध्यापक संवर्ग की स्कूल शिक्षा विभाग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति उपरांत सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम - 2018, स्कूल शिक्षा विभाग आदेश 27-07-2019 यहाँ देखिये
अध्यापक संवर्ग से नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति नियम - 2018 आदेश दिनांक 27/07/2019
मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत अध्यापक संवर्ग की स्कूल शिक्षा विभाग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति उपरांत सेवा शर्तें जारी कर दी.
स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्रमांक / एफ 1-14 / 2019 / 20-1 भोपाल, दिनांक 27/07/2019 के अनुसार सेवा शर्तों की प्रमुख बातें इस प्रकार है -
01/07/2018 से 7 वे वेतन का लाभ – स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी सेवा शर्तों के बिन्दू क्रमांक 2.1 के अनुसार भर्ती नियम, 2018 की धारा 4(1) के अंतर्गत सेवा में नियुक्त व्यक्ति की सेवायें दिनांक 01.07.2018 से प्रारम्भ होगी तदनुसार इस सेवा में नियुक्ति पर दिनांक 01.07.2018 की स्थिति में मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षणनियम 2017 के प्रावधानों के अंतर्गत वेतन निर्धारण किया जायेगा। 7th Pay Table के लिए यहाँ क्लिक कीजिए।दिनांक 01.07.2018 की स्थिति में 6वें वेतनमान में प्राप्त हो रहें वेतन के आधार पर सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण की पात्रता होगी। 7वें वेतनमान में निर्धारित किये गये वेतन का अनुमोदन वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017 के प्रावधान अनुसार किया जाना आवश्यक होगा।
7 वे वेतनमान का एरियर - दिनांक 01.07.2018 से भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत नियुक्ति दिनांक तक की 7वें वेतनमान की एरियर की राशि नियुक्त किये गये समस्त शिक्षकों को देय होगी। संबंधित आहरण एवं संतिवरण अधिकारी 7वें वेतनमान के लंबित स्वत्वों के देयक कोषालय को प्रस्तुत कर देय राशि संबंधित शिक्षकों को अंतरित कर सकेंगे।
6 वे वेतनमान का शेष एरियर किश्त - अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01.01.2016 से 6वां वेतनमान स्वीकृत किया गया है तथा दिनांक 01.07.2017 से इसका नकद भुगतान स्वीकृत है. दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 30.06.2017 तक एरियर की राशि दिनांक 01.04.2018 से प्रारंभ कर 03 वित्तीय वर्षों में भुगतान किये जाने के निर्देश हैं वर्तमान में 6वें वेतनमान, के एरियर की दिनांक 01.04.2018 को देय प्रथम किश्त के आहरण की प्रक्रिया प्रचलित है। भर्ती नियम, 2018 में नियुक्ति के फलस्वरूप अध्यापक संवर्ग की 6वें वेतनमान की प्रथम किश्त की राशि, यदि शेष हो तो, तथा द्वितीय एवं तृतीय किश्त की राशि पूर्व में की गई गणना एवं सेवा पुस्तिका में की गई प्रवृष्टि अनुसार देय होगी। इस राशि का आहरण संबंधित आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा किया जाकर संबंधित शिक्षकों के खाते में अंतरित किया जायेगा।
सिविल सेवा नियम - भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किये गये शिक्षकों पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के प्रावधान प्रभावशील होगा।
शासकीय आवास गृह आवंटन एवं गृह भाड़ा भत्ता - शासकीय आवास आवंटन नियम. 2000 के प्रावधानों के अनुरूप शासकीय आवास गृह के आवंटन की पात्रता होगी सुसंगत पदों पर नियुक्त किये गये शिक्षकों को मध्यप्रदेश मूलभूत नियम, 45-ए एवं बी के अंतर्गत शासकीय सेवकों के समान गृह भाड़ा भत्ता का लाभ प्राप्त होगा।
यात्रा भत्ता एवं स्थानांतरण यात्रा भत्ता - मध्यप्रदेश यात्रा भत्ता नियमों के प्रावधान अनुसार यात्रा भरते / स्थानांतरण यात्रा भत्ते की पात्रता होगी।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति - म.प्र.सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 1958 के प्रावधान अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पात्रता होगी।
समूह बीमा सह बचत योजना - मध्यप्रदेश समूह बीमा सह बचत योजना 2003 के यथा संशोधित प्रावधान प्रभावशील होगे।
NPS यथावत - अध्यापक संवर्ग को वर्तमान में प्रभावशील राष्ट्रीय पेंशन योजना यथावत प्रभावशील रहेगी। योजना के प्रावधान अनुसार शिक्षकों के अंशदान तथा नियोक्ता अंशदान (शासन का अंशदान) यथास्थिति संचालनालय, कोष एवं लेखा तथा संचालनालय, पेंशन द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रिया अनुसार एन.एस.डी.एल. को प्रेषित किये जाएँगें।
अवकाश नगदीकरण की पात्रता - म.प्र.सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के अंतर्गत जारी निर्देशों के अनुसार सेवा निवृत्ति/सेवा में रहते मृत्यु होने पर अवकाश नगदीकरण की पात्रता होगी।
अनुकम्पा नियुक्ति - भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किये गये शिक्षकों की शासकीय सेवा में रहते हुये निधन होने पर तत्समय सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रभावशील अनुकंपा नियुक्ति की नीति के अनुसार पात्रता होगी।
स्थानांतरण नीति - भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किये गये शिक्षकों के स्थानांतरण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर प्रभावशील की गई नीति अनुसार किये जा सकेंगे।
पदोन्नति एवं क्रमोन्नति में अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा की गणना – सेवा शर्तों के बिन्दू क्रमांक 3 के अनुसार शासकीय सेवकों को सुसंगत भर्ती नियमों के अंतर्गत निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर पदोन्नति की पात्रता होती है पदोन्नति हेतु पदों की उपलब्धता नहीं होने के कारण शासकीय सेवक को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से क्रमोन्नति/समयमान का प्रावधान है। भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत नियुक्ति यद्यपि नवीन नियुक्ति है किन्तु सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अध्यापक संवर्ग में उनके द्वारा की गई सेवा को पदोन्नति/क्रमोन्नति एवं समयमान की पात्रता में गणना में लिये जाने का निर्णय लिया गया है। तद्नुसार;
- भर्ती नियम, 2018 की अनुसूची 4 में अगले पद पर पदोन्नति हेतु 5 वर्ष का अनुभव निर्धारित हैं। इस प्रयोजन के लिये अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि को गणना में लिया जायेगा उदाहरणार्थ; यदि कोई व्यक्ति अध्यापक संवर्ग में वर्ष 2015 में नियुक्त हुआ है तथा दिनांक 01.07.2018 को उसकी नवीन नियुक्ति प्राथमिक शिक्षक के पद पर हुई है तब प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति के लिये अनुभव की गणना के लिए वर्ष 2015 से दिनांक 30.06.2018 तक के अनुभव को जोड़ा जाएगा। तद्नुसार उपरोक्त प्रकरण में वह शिक्षक वर्ष 2020 में पदोन्नति हेतु विचार किये जाने के लिये पात्र होगा।
- प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान हेतु 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होना आवश्यक है। इस प्रयोजन के लिए उपर्युक्त अनुसार क्रमोन्नति के लिये भी अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा को सेवा अवधि की गणना में लिया जाएगा । अध्यापक संवर्ग में संविदा शाला शिक्षक को नियुक्ति दिनांक से योग्यता एवं अन्य शतों की पूर्ति करने पर वरिष्ठता का लाभ कमोन्नति के लिए प्राप्त है। उदाहरण स्वरूप, यदि कोई व्यक्ति दिनांक 01.04.2008 को संविदा शाला शिक्षक में नियुक्त हुआ है एवं दिनांक 01.04.2011 से अध्यापक संवर्ग में कार्यरत है तो अध्यापक सर्वर्ग में नियमानुसार 12 वर्ष अर्थात दिनांक 01.04.2020 को प्रथम क्रमोन्नति तथा 24 वर्ष अर्थात दिनांक 01.04.2032 को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान हेतु विचार किये जाने के लिए पात्र होगा। भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत दिनांक 01.07.2018 को नियुक्त प्राथमिक शिक्षक को सामान्य अवस्था में प्रथम क्रमोन्नति दिनांक 01.07.2018 से 12 वर्ष पूर्ण होने पर अर्थात दिनांक 01.07.2030 को पात्रता होती; परन्तु अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि को गणना में लिया जाकर उपरवर्णित उदाहरण में संबंधित शिक्षक दिनांक 01.04.2020 को ही प्रथम क्रमोन्नत के विचार के लिए पात्र होंगे। इसी प्रकार यदि किसी संविदा शाला शिक्षक को वर्ष 2013, 2015 एवं 2017 में प्रथम क्रमोन्नति प्राप्त है तब उन्हें द्वितीय कमोन्नति, प्रथम कमोन्नति के 12 वर्ष पश्चात अन्य आवश्यक अर्हतायें पूर्ण करने पर वर्ष क्रमशः 2025, 2027 एवं 2029 में पात्रता होगी।
- शासकीय सेवक को संपूर्ण सेवाकाल में तीन उच्चतर वेतनमान, इस हेतु निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर प्राप्त हो सकती हैं। अध्यापक संवर्ग में प्रप्त क्रमोन्नति/समयमान/पदोन्नति को उपर्युक्त तीन उच्चतर वेतनमान की पात्रता पर विचार करते समय गणना में लिया जायेगा अर्थात अध्यापक संवर्ग में यदि एक पदोन्नति तथा एक क्रमोन्नति/समयमान के माध्यम से दो उच्चतर वेतनमान प्राप्त हो चुके है तब आवश्यक सेवा अवधि पूर्ण करने पर तीसरे उच्चतर वेतनमान की पात्रता के लिए विचार में लिये जाने की पात्रता होगी।
पदोन्नति/क्रमोन्नत/समयमान का लाभ प्राप्त करने के लिये भर्ती नियम तथा संगत नियम, निर्देशों में उल्लेखित शत तथा मापदंडों की पूर्ति की जानी आवश्यक होगी।
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