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epes MP Education : Ek Parisar Ek Shala जानिए - एक परिसर एक शाला के सम्बन्ध में


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Ek Parisar Ek Shala
MP Education : Ek Parisar Ek Shala जानिए - एक परिसर एक शाला के सम्बन्ध में
लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश द्वारा शिक्षा विभाग के अंतर्गत शाला प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम "एक परिसर एक शाला" के रूप में लिया गया है, म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक / एफ 44-19/2018/20-2 भोपाल दिनांक 05-09-2018 (एक परिसर एक शाला परिपत्र क्रमांक-1) द्वारा एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं (PS/MS/HS/HSS) को एकीकृत करते हुए एक शाला (एकीकृत शाला) के रूप में संचालित किये जाने का निर्णय लिया है। 



DPI द्वारा एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिनांक 03-07-2019 को आदेश क्रमांक / ईपीईएस / अ.संचा. / 2019 / 20 द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किए गए. 

एकीकरण उपरांत शाला वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम से एकीकृत शाला जानी जायेगी। वरिष्ठ शाला से आशय उस शाला से है जिसमें परिसर में उच्चतम स्तर की कक्षाएं संचालित है। समान स्तर की शाला में अधिक नामांकन (सत्र 2018-19) वाली शाला को मुख्य शाला के रूप में नामांकित किया गया है। एकीकृत शालाओं में संचालन संबंधी अभिलेख संधारण हेतु स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं, एक परिसर – एक शाला की प्रमुख बातें निम्नानुसार है
एक परिसर - एक शाला (epes) की प्रमुख बातें -
  • विद्यालय के नाम का बोर्ड एक ही होगा
  • एक ही शिक्षक बैठक व्यवस्था (स्टॉफ रूम)
  • एकीकृत शिक्षक उपस्थिति पंजी
  • एकीकृत समय सारणी
  • टीचर शेयरिंग
  • स्कॉलर पंजी एकीकृत
  • एकीकृत पुस्तकालय
  • एकीकृत भण्डार स्टॉक पंजी


उपरोक्त व्यवस्थाओं के बारे में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी विस्तृत निर्देश इस प्रकार है -
1. विद्यालय के नाम का बोर्ड :- एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरांत एकीकृत शाला के वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम का ही एक बोर्ड होगा जिसमें 'एकीकृत शाला के साथ शाला का नाम लिखा जायेगा। अन्य शाला के नाम के बोर्ड को सफेद पेंट किया जावेगा साथ ही अन्य भवनों पर लिखे गये शाला के नाम को हटा दिया जाये। एकीकृत शाला के बोर्ड में शाला किस कक्षा से किस कक्षा तक संचालित है इसका उल्लेख अनिवार्य रूप से किया जाये साथ ही एकीकृत शाला के बोर्ड में उपर एक परिसर एक शाला भी अंकित किया जाये।

2. शिक्षक बैठक व्यवस्था :- एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर को शालाओं के एकीकरण उपरांत एकीकृत शाला में शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था एक ही कक्ष में (स्टाफ रूम) होगी जो वरिष्ठ स्तर की शाला का होगा। इसी प्रकार सम्मिलित की गयी शालाओं के प्रभारियों के अलग अलग कक्ष नहीं होंगे, वरिष्ठतम स्तर की शाला प्रभारी (प्राचार्य/प्र.अ.) का एक ही कक्ष होगा।

3. शिक्षक उपस्थिति पंजी : एक परिसर एक शाला अन्तर्गत सम्मिलित समस्त शालाओं के लिये एक ही स्टॉफ उपस्थिति पंजी संधारित की जावेगी जिसमें सभी शिक्षकों/अन्य स्टॉफ सदस्यों के नाम पदीय वरिष्ठता के क्रम में लिखे जाएंगे।
उदाहरण :- व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक (यदि हो तो), प्रधानाध्यापक मा.शाला समकक्ष पद है अतः उक्त पदों पर नियुक्ति/पदोन्नति से आने वाले लोक सेवकों के नाम उक्त संवर्गों में नियुक्ति/पदोन्नति की वरिष्ठता के क्रम में लिखे जायेंगे। यही सिद्धांत उच्च श्रेणी शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, अध्यापक(यदि हो तो), व्यायाम शिक्षक वर्ग 'ब', के प्रकरणों में लागू होगा।

इसी प्रकार एकीकृत शाला होने की स्थिति में सहायक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक, सहायक अध्यापक(यदि हो तो), के नाम लिखे जायेंगे । तदोपरान्त गैर शिक्षकीय स्टॉफ के नाम यथा लेखापाल, लिपिक, एवं भृत्य के नाम अंकित होंगे।

किसी भी परिस्थिति में शिक्षक/स्टाफ उपस्थिति पंजी में शिक्षकों के नाम पदनाम वर्गीकरण प्राथमिक विभाग, माध्यमिक विभाग, उच्च माध्यमिक विभाग, उच्चतर माध्यमिक विभाग के रूप में नहीं लिखे जायेंगे चाहे वह शिक्षा किसी भी रतर की कक्षा में अध्यापन कराते हों।



4. एकीकृत समय सारणी :- एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं की एकीकृत समय सारणी तैयार की जाये जिसमें उच्चतम स्तर की कक्षा से प्रारम्भ करते हुए निम्नतम कक्षा तक की एक ही समय सारणी होगी, जिसमें काल खण्डों का समय निर्धारण लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किये गये शैक्षणिक कैलेण्डर अनुसार होगी परन्तु कक्षा 1 से 5 तथा क्षा 6 से 8 तक के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा सुझाई गयी विषय अनुसार समय सारणी का अनुपालन किया जावेगा। कक्षा 1 से 12 तक की एकीकृत शाला हेतु सुझावात्मक समय सारणी पत्र के साथ संलग्न की जा रही है विद्यालय अपनी आवश्यकता अनुसार समय सारणी में परिवर्तन कर सकते है।

5. टीचर शेयरिंग :- एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरांत एकीकृत शाला में अध्यापन कार्य हेतु निम्नानुसार व्यवस्था की जाये -
1. प्राथमिक शिक्षक/सहायक शिक्षक यदि स्नातक है तो विषय अनुसार कक्षा 6 से 8 तक आवश्यकतानुसार अध्यापन कार्य करायेंगे।
2. इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षक,उच्च श्रेणी शिक्षक आवश्यकतानुसार कक्षा 4 एवं 5 में अध्यापन कार्य करायेंगे।
3. माध्यमिक शिक्षक/उथ श्रेणी शिक्षक विषय अनुसार कक्षा 6 से 10 तक अध्यापन कार्य करायेंगे।
4. माध्यमिक शिक्षक/उच्च श्रेणी शिक्षक/प्र.अ.मा.शा. यदि स्नातकोत्तर है तो विषय अनुसार कक्षा 6 से 12 तक आवश्यकता होने पर अध्यापन कार्य करायेंगे।
5, उच्च माध्यमिक शिक्षक / व्याख्याता कक्षा 9 से 12 तक अध्यापन कार्य करायेंगे, आवश्यकतानुसार कक्षा 6 से 8 में अध्यापन करायेंगे।
उपरोक्तानुसार व्यवस्था एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्र.अ. द्वारा एकीकृत शाला में शिक्षकों की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए की जा सकेगी। अपरिहार्य स्थितियों में प्राचार्य/प्र.अ. एकीकृत शाला के शिक्षकों के किसी भी कक्षा में शिक्षण कार्य हेतु निर्णय ले सकेंगे। परन्तु ऐसा निर्णय लेने से पूर्व उस कक्षा को पढ़ाने हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता का ध्यान रखना अनिवार्य होगा।



6. स्कॉलर पंजी एकीकृत :- शालाओं में पूर्व से संधारित स्कॉलर पंजीयों को वरिष्ठ स्तर की शाला के प्रभारी/प्र.अ./प्राचार्य को सौपते हुए एकीकृत शाला में सत्र 2019-20 से वरिष्ठ शाला की स्कॉलर पंजी को ही आगे के स्कॉलर नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावें, जिसकी प्रक्रिया निम्नानुसार होगी-
  • एकीकृत शाला (प्राथमिक + माध्यमिक + हायर सेकेण्डरी स्कूल) कक्षा 1 से 12 - इस एकीकृत शाला में हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी को आगे के नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावेगा। प्राथमिक स्तर शाला की कक्षा 1, 2, 3, 4, तथा 5 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमशः कक्षा 2, 3, 4, 5, 6 में कक्षोन्नति की जावे तथा माध्यमिक स्तर शाला की कक्षा 6, 7, तथा 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमशः कक्षा 7, 8, 9 में कक्षोन्नति की जावे। सत्र 2019-20 के कक्षा 1 से 11 तक के सभी नवीन प्रवेश हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में ही अंकित किये जायेंगे। स्पष्ट है कि प्राथमिक + माध्यमिक स्तर की स्कॉलर पंजी में सत्र 2019-20 में नवीन प्रवेश अंकित नहीं किये जावेंगे । अर्थात सत्र 2018-19 के अंतिम स्कॉलर नम्बर के बाद कोई प्रविष्टि नहीं की जावेगी। परन्तु कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों की कक्षोन्नति हायर सेकेण्डरी स्तर की नवीन स्कॉलर पंजी में अगले स्कॉलर क्रमांक देते हुए की जावेगी साथ ही रिमार्क में PS या MS कोडिंग के साथ छात्र का पुराना स्कॉलर क्रमांक भी लिखना होगा।

उदाहरण -
प्राथमिक + माध्यमिक स्तर की कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में आगे के स्कॉलर नम्बरों में प्रविष्टि की जाकर यह भी लिखा जावे कि यह छात्र PS या MS के किस स्कॉलर नम्बर से आया है तथा इस छात्र के प्राथमिक माध्यमिक स्तर के वर्तमान स्कॉलर नम्बर पर अंकित किया जावे कि इस छात्र को हायर सेकेण्डरी स्तर में किस स्कॉलर नम्बर पर दर्ज किया गया है। उदाहरण के लिये कक्षा 2 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक प्राथमिक स्कॉलर पंजी में 100 है तथा हायर सेकेण्डरी स्तर क स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 300 पर अंकित करते हुए रिमार्क में PS 100 लिखा जायेगा तथा प्राथमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-300 पर कक्षा 3 में कक्षोन्नति की गई है तथा छात्र की शेष प्रविष्टि पूर्ववर्ती अनुसार रहेगी सिर्फ स्कॉलर नम्बर ही बदलेगा। इसी प्रकार कक्षा 6 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक माध्यमिक स्कॉलर पंजी में 200 है तथा हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 301 पर अंकित करते हुए रिमाक में MS 200 लिखा जायेगा तथा माध्यमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-301 पर कक्षा 7 में कक्षोन्नति की गई है छात्र की शेष प्रविष्टियों पूर्ववत अनुसार रहेंगी सिर्फ स्कॉलर नम्बर ही बदलेगा।
  • एकीकृत शाला (माध्यमिक + हायर सेकेण्डरी स्कूल) कक्षा 6 से 12 :- इस एकीकृत शाला में हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी को आगे के नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावेगा। माध्यमिक स्तर शाला की कक्षा 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमशः कक्षा 7, 8, 9 में पदोन्नति की जावे। सत्र 2019-20 के कक्षा 6 से 11 तक के सभी नवीन प्रवेश भी हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में ही अंकित किये जायेंगे। स्पष्ट है कि माध्यमिक स्तर की स्कॉलर पंजी में इस वर्ष (सत्र 2019-20) नवीन प्रवेश ऑफर किये जायेंगे। अर्थात सत्र 2018-19 के अंतिम स्कॉलर नम्बर के बाद कोई प्रविष्टि नहीं की जावेगी। परन्तु कक्षा 6, 7, 8 में दर्ज छात्रों की कक्षोन्नति हायर सेकेण्डरी स्तर की नवीन स्कॉलर पंजी में अगले स्कॉलर क्रमांक देते हुए की जावेगी साथ ही रिमार्क में SMS कोड के साथ छात्र का पुराना स्कालर क्रमांक भी लिखना होगा।

उदाहरण -
माध्यमिक स्तर की कक्षा 6, 7, 8 में सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में आगे के स्कॉलर नम्बरों में प्रविष्टि की जाकर यह भी लिखा जावे कि यह छात्र MS के किस स्कॉलर नम्बर से आया है तथा इस छात्र के माध्यमिक स्तर के वर्तमान स्कॉलर नम्बर पर अंकित किया जावे कि इस छात्र को हायर सेकेण्डरी स्तर में किस स्कॉलर नम्बर पर दर्ज किया गया है। उदाहरण के लिये कक्षा 6 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक माध्यमिक स्कॉलर पंजी में 100 है तथा हायर सेकेण्डरी स्तर की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 300 पर अंकित करते हुए रिमार्क में MS 100 लिखा जायेगा तथा माध्यमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-300 पर कक्षा 7 में कक्षोन्नति की गई है तथा छात्र की शेष प्रविष्टियों पूर्ववत अनुसार रहेंगी सिर्फ स्कॉलर नम्बर ही बदलेगा।
  • एकीकृत शाला ( प्राथमिक + माध्यमिक + हाईस्कूल) कक्षा 1 से 10 :- इस एकीकृत शाला में हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी को आगे के नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावेगा। प्राथमिक स्तर शाला की कक्षा 1, 2, 3, 4, तथा 5 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमशः कक्षा 2, 3, 4, 5, 6 में कक्षोन्नति की जावे तथा माध्यमिक स्तर शाला की कक्षा 6, 7, तथा 8 के छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रभश: कक्षा 7, 8, 9 में कक्षोन्नति की जावे।

सत्र 2019-20 के कक्षा 1 से 9 तक के सभी नवीन प्रवेश भी हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में ही अंकित किये जायेंगे। स्पष्ट है कि प्राथमिक + माध्यमिक स्तर की स्कॉलर पंजी में इस वर्ष (सत्र 2019-20) नवीन प्रवेश अंकित नहीं किये जायेंगे, अर्थात सत्र 2018-19 के अंतिम स्कॉलर नम्बर के बाद कोई प्रविष्टि नहीं की जावेगी, परन्तु कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 में सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों की कक्षोन्नति हाईस्कूल स्तर की नवीन स्कॉलर पंजी में अगले स्कॉलर क्रमांक देते हुए की जावेगी साथ ही रिमार्क में PS या MS कोडिंग के साथ छात्र का पुराना स्कालर क्रमांक भी लिखना होगा।
उदाहरण -
प्राथमिक + माध्यमिक स्तर की कक्षा 1, 2, 3, 4, 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में आगे के स्कॉलर नम्बरों में प्रविष्टि की जाकर यह भी लिखा जावे कि यह छात्र PS या MS के किस स्कॉलर नम्बर से आया है तथा इस छात्र के प्राथमिक + माध्यमिक स्तर के वर्तमान स्कॉलर नम्बर पर अंकित किया जावे कि इस छात्र को हाईस्कूल स्तर में किस स्कॉलर नम्बर पर दर्ज किया गया है। उदाहरण के लिये कक्षा 2 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक प्राथमिक स्कॉलर पंजी में 100 है तथा हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 300 पर अंकित करते हुए रिमार्क में PS 100 लिखा जायेगा तथा प्राथमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-300 पर कक्षा 3 में कक्षोन्ति की गई है तथा छात्र की शेष प्रविष्टियों पूर्ववत् अनुसार रहेंगी सिर्फ स्कॉलर नम्बर ही बदलेगा। इसी प्रकार कक्षा 6 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक माध्यमिक स्कॉलर पंजी में 200 है तथा हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 301 पर अंकित करते हुए रिमार्क में MS 200 लिखा जायेगा तथा माध्यमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ट पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-301 पर कक्षा 7 में कक्षोन्नति की गई है, छात्र की शेष प्रविष्टियॉँं पूर्ववत् अनुसार रहेगी सिर्फ स्कॉलर नंबर ही बदलेगा।
  • एकीकृत शाला (माध्यमिक + हाई स्कूल) कक्षा 6 से 10 :- इस एकीकृत शाला में हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी को आगे के नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जायेगा। माध्यमिक स्तर शाला की कक्षा 6, 7, तथा 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमश: कक्षा 7,8,9 में कक्षोन्नति की जावे। सत्र 2019-20 के कक्षा 6 से 9 तक के सभी नवीन प्रवेश भी हाईस्कल ! स्तर की स्कॉलर पंजी में ही अंकित किये जायेंगे। स्पष्ट है कि माध्यमिक स्तर की स्कॉलर पंजी में इस वर्ष (सत्र 2019-20) नवीन प्रवेश अंकित नहीं किये जायेंगे। अर्थात सत्र 2018-19 के अंतिम स्कॉलर नम्बर के बाद कोई प्रविष्टि नहीं की जाएगी । परन्तु कक्षा 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों की कक्षोन्नति हाईस्कूल स्तर की नवीन स्कॉलर पंजी में अगले स्कॉलर क्रमांक देते हुए की जावेगी साथ ही रिमार्क में MS कोडिंग के साथ छात्र का पुराना स्कॉलर क्रमांक भी लिखना होगा।

उदाहरण -
माध्यमिक स्तर की कक्षा 6, 7, 8 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में आगे के स्कॉलर नायरों में प्रविष्टि को जाकर यह भी लिखा जावे कि यह छात्र MS के किस स्कॉलर नम्बर से आया है तथा इस छात्र के माध्यमिक स्तर के वर्तमान स्कॉलर नम्बर पर अंकित किया जावे कि इस छात्र को हाईस्कल स्तर में किस स्कॉलर नम्बर पर दर्ज किया गया है।
उदाहरण के लिये कक्षा 6 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक प्राथमिक स्कॉलर पंजी में 100 है तथा हाईस्कूल स्तर की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 300 पर अंकित करते हुए रिमार्क में MS 100 लिखा जायेगा तथा माध्यमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-300 पर कक्षा 7 में कक्षोन्नति की गई है तथा छात्र की शेष प्रविष्टियों पूर्ववत् अनुसार रहेगी सिर्फ स्कॉलर नम्बर ही बदलेगा।
  • एकीकृत शाला (प्राथमिक + माध्यमिक) कक्षा 1 से 8 :- इस एकीकृत शाला में माध्यमिक स्तर शाला की स्कॉलर पंजी को आगे के नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावेगा। प्राथमिक स्तर की कक्षा 1, 2, 3, 4, तथा 5 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों को नवीन स्कॉलर क्रमांक देते हुए क्रमशः कक्षा 2, 3, 4, 5, 6 में कक्षोन्नति की जावे। सत्र 2019-20 के कक्षा 1 से 8 तक के सभी नवीन प्रवेश भी माध्यमिक स्तर शाला की स्कॉलर पंजी में ही अंकित किये जायेंगे। स्पष्ट है कि प्राथमिक स्तर की स्कॉलर पंजी में सत्र 2019-20 में नवीन प्रवेश अंकित नहीं किये जायेंगे। अर्थात सत्र 2018-19 के अंतिम स्कॉलर नम्बर के बाद कोई प्रविष्टि नहीं की जायेगी। परन्तु कक्षा 1, 2, 3, 4 तथा 5 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्रों की कक्षोन्नति माध्यमिक शाला की नवीन स्कॉलर पंजी में अगले स्कॉलर क्रमांक देते की जाएगी साथ ही रिमार्क में PS कोडिंग के साथ छात्र का पुराना स्कालर क्रमांक भी लिखना होगा।

उदाहरण -
प्राथमिक स्तर की कक्षा 1, 2, 3, 4 तथा 5 के सत्र 2018-19 में उतीर्ण छात्रों को माध्यमिक स्तर शाला की स्कॉलर पंजी में आगे के स्कॉलर नम्बरों में प्रविष्टि की जाकर यह भी लिखा जाये कि यह छात्र प्राथमिक स्तर के किस स्कॉलर नम्बर से आया है तथा इस छात्र के प्राथमिक स्तर के वर्तमान स्कॉलर नम्बर पर अंकित किया जाये कि इस छात्र को माध्यमिक स्तर शाला में किस स्कॉलर नग्बर पर दर्ज किया गया है। उदाहरण के लिये कक्षा 2 के सत्र 2018-19 में उत्तीर्ण छात्र जिसका स्कॉलर क्रमांक प्राथमिक स्कॉलर पंजी में 100 है तथा माध्यमिक स्तर शाला की स्कॉलर पंजी में इस छात्र को अग्रिम स्कॉलर क्रमांक 300 पर अंकित करते हुए रिमार्क में PS 100 लिखा जायेगा तथा प्राथमिक स्तर में उक्त छात्र के स्कॉलर पृष्ठ पर अंकित किया जावे कि छात्र को एकीकृत शाला अन्तर्गत स्कॉलर क्रमांक EPES-300 पर कक्षा 3 में कक्षोन्नति की गई है छात्र की शेष प्रविष्टियों पूर्व अनुसार रहेगी सिर्फ स्कॉलर नंबर ही बदलेगा।
समान स्तर की एकीकृत शाला की स्कॉलर पंजी :- समान स्तर की एकीकृत शालाओं में पूर्व से संधारित स्कॉलर पंजीयों को अधिक नामांकन वाली शाला के मुख्य शाला मानते हुए उसके प्रभारी/प्र.अ./प्राचार्य को सौपते हुए एकीकृत शाला में सत्र 2019-20 से मुख्य शाला की स्कॉलर पंजी को ही आगे के रकॉलर नम्बरों में नवीन प्रवेश दिया जावें, जिसकी प्रक्रिया निम्नानुसार होगी
  • एकीकृत शाला (हायर सेकेण्डरी + हायर सेकेण्डरी) / (हाई स्कूल + हाई स्कूल ) / (मा्यमिक + माध्यमिक)/ ( प्राथमिक + प्राथमिक ) - इस प्रकार की समान स्तर वाली एकीकृत शाला में अधिक नामांकन (सन 2018-19) वाली शाला को मुख्य शाला के रूप में नामांकित किया गया है तथा नामांकित मुख्य शाला की स्कॉलर पंजी में सत्र 2019-20 के नवीन प्रवेश दिये जायेंगे। कम नामांकन वाली शाला के सत्र 2018-19 में दर्ज सभी कक्षोन्नति पाने वाले छात्रों को एकीकृत मुख्य शाला (अधिक नामांकन) की स्कॉलर पंजी के अगले स्कॉलर क्रमांक पर प्रविष्टि की जायेगी तथा रिमार्क में कम नामांकन वाली शाला के स्कालर क्रमांक को अंकित करते हुए से लाया गया लिखा जायेगा।

7. पुस्तकालय - एकीकृत शाला में सभी स्तर शालाओं की पुस्तकों को भी एक ही कक्ष में अलग अलग अलमारियों में संकलित किया जायेगा एवं पुस्तक स्टॉक पंजी, पुस्तक वितरण पंजी सभी स्तर की एक ही होगी। उच्चतम स्तर के विद्यालय पर गठित समिति से प्राथमिक व माध्यमिक स्तर की स्टॉक पंजी का भौतिक सत्यापन कराया जा कर पुस्तकों की प्रविष्टि हायर सेकेण्डरी स्तर की स्टॉक पंजी में अगले क्रमांक पर करते हुए मार्क वाले कॉलम में पूर्व स्टॉक पंजी का क्रमांक ठीक उसी तरह PS या MS कोडिंग के साथ लिखा जायेगा जैसा कि स्कॉलर पंजी में किया गया है।
उदाहरण :- प्राथमिक विभाग के स्टॉक पंजी में एक पुस्तक पृष्ठ क्रमांक 18 के सरल क्रमांक 2 पर अंकित है तो इसे नवीन वरिष्ठ स्तर की स्टॉक पंजी में अग्रिम क्रमांक पर पुस्तक की प्रविष्टि उपरांत रिमार्क कॉलम में (PS 18/2 से अंतरित) अंकित करें।

8. भण्डार स्टॉक पंजी :- एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरांत एकीकृत शाला के वरिष्ठ स्तर की शाला के भण्डार स्टॉक पंजी में नवीन अग्रिम क्रमांक देते हुए प्राथमिक + माध्यमिक के भण्डार स्टॉक पंजी से सामग्री का भौतिक सत्यापन उच्चतम स्तर के विद्यालय पर गठित समिति से कराते हुए प्रविष्टि की जाये तथा भंडार स्टॉक पंजी के सिमाक कॉलम में किस स्तर की भण्डार स्टॉक पंजी के पृष्ठ क्रमांक के सरल क्रमांक से सामग्री अंतरित की गई है का उल्लेख अनिवार्य रूप से करें।
उदाहरण के लिए प्राथमिक विभाग के भण्डार स्टॉक पंजी में एक पंखा पृष्ठ क्रमांक 18 के सरल क्रमांक 2 पर अंकित है तो इसे नवीन वरिष्ठ स्तर की भण्डार स्टॉक पंजी में अग्रिम क्रमांक पर सामग्री की प्रविष्टि उपरांत मार्क कॉलम में (PS 18/2 से अंतरित) अंकित करें।

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