School Disaster Management Committee : स्कूलों में गठित की जाएगी शाला आपदा प्रबंधन समिति, लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किये निर्देश
School Disaster Management Committee :
स्कूलों में गठित की जाएगी शाला आपदा प्रबंधन समिति, लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किये निर्देश
Safety and Security at School level
शाला स्तर पर सेफ्टी एण्ड सिक्युरिटी (आपदा प्रबंधन) के सम्बन्ध में लोक शिक्षण संचालनालय, समग्र शिक्षा अभियान, मध्यप्रदेश (Email: nvenfmp3@gmail.com) का आदेश क्र./स.शि.अभि/सेफ्टी एण्ड सिक्यु./438/2024-25/1753, भोपाल, दिनाक 02/07/2024इस प्रकार है -
शाला स्तर पर सेफ्टी एण्ड सिक्युरिटी (आपदा प्रबंधन)
घर एवं विद्यालय हमारे समाज और समुदाय (society and community) के महत्वपूर्ण अंग है अतः यह आवश्यक है कि हमारे घर एवं विद्यालय का वातावरण सुरक्षित, शांत एवं संरक्षित हो। शाला में विद्यार्थी अत्यधिक समय व्यतीत करते है। अतः स्कूलों की सेफ्टी एवं सुरक्षा के मानकों को बनाये रखने के लिए प्राकृतिक एवं मानवीयकृत, जाने एवं अनजाने, अप्रत्याशित आपदा या खतरों से तथा आपदाओं से उन्हें सुरक्षित रखने हेतु शाला स्तर पर शाला आपदा प्रबंधन होना अति आवश्यक है। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं इस हेतु निम्नलिखित व्यवस्थाए की जाए -
1. इस हेतु शाला स्तर पर एक समिति (School Disaster Management Committee)
शाला आपदा प्रबंधन समिति (SDMC) - इस समिति का पूर्ण उत्तरदायित्व विद्यालय परिवार को आपदाओं से सुरक्षित करना होगा। अतः समिति गाइडलाइन के साथ-साथ खतरों से सुरक्षा कैसे की जाए, प्लान तैयार करेगी एवं लगातार मॉकड्रिल (mock drill) कराएगी। जिससे आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इस समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे -
- प्राचार्य, एस.डी.एम.सी. प्रमुख होंगे
- टीचर-1 आर्ट, 1 सांईस, 1 गणित
- शाला कप्तान/छात्र/छात्रा
- पालक शिक्षक संघ अध्यक्ष / उपाध्यक्ष
- स्थानीय प्रशासन पुलिस-1 महिला, 1 पुरुष
- स्वास्थ विभाग-आशा कार्यकर्ता
- वॉलेंटियर- (एन.सी.सी., एन.एस.स., स्काउट एण्ड गाइड)
- नगरीय प्रशासन / नगर निगम / नगर पालिका / नगर पंचायत / ग्राम पंचायत से चुने हुए एक-एक सदस्य-पुरुष / महिला
- स्थानीय प्रतिष्ठित गणमान्य जन / सेवानिवृत्त शिक्षक
- महिला मध्यान्ह भोजन समूह-1 महिला
जिला स्तर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण
जिला स्तर पर शाला आपदा प्रबंधन हेतु प्रत्येक शाला से कम से कम दो सदस्यों यथा प्राचार्य तथा एक अशासकीय सदस्य का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जाये। पूर्व में प्रशिक्षित अथवा स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन में दस रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षक के रूप में सम्मिलित किया जाए। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं इस टीम की सदस्यों की सम्पर्क की जानकारी सभी कर्मचारियों के पास होना चाहिए।
समिति द्वारा की जाने वाली कार्यवाही निम्नानुसार है -
A. आपदाओं / खतरों के प्रभावकारी कारकों को चिन्हित करना (Identifying the influencing factors of disasters/hazards)
इस हेतु विद्यालय स्तर से प्रत्येक कक्षा के दो छात्र एवं दो शिक्षकों की एक उपसमिति बनाई जाये जो आपदाओं / खतरों के प्रभावकारी कारकों को चिन्हित करेगी।
उदाहरण - प्रयोगशाला कक्ष में घातक सामग्री की सूची बनाना, घातक केमिकल की सूची, जंग लग रही/सड़ रही सामग्री / घातक स्थान विशेष / लीकेज / सीपेज / विद्युत सप्लाई व्यवस्था की सूची आदि।
B. भवन की संरचना की मरम्मत एवं देखभाल समिति का निर्माण (Creation of building structure repair and maintenance committee)
इस हेतु नगरीय प्रशासन / नगर पंचायत / ग्राम पंचायत की मदद से सिविल इंजीनियर या स्ट्रक्चर इजीनियर द्वारा समय-समय पर भवन के कमजोर हिस्से / भाग को चिन्हित करते हुए आवश्यक मरम्मत के प्रस्ताव तैयार कर फंड की व्यवस्था करना।
C. महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं सामग्री की सूची तैयार करना (Preparing a list of important people and materials)
ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सूचीबद्ध करना जिनसे आपदा के दौरान सम्पर्क किया जा सके। सभी महत्वपूर्ण कार्यालय एवं व्यक्तियों के फोन नंबर फ्लेक्स में लिखकर विद्यालय में ऐसी जगह चस्पा की जाए, जहाँ पर आसानी से पढ़ा जा सके। इसमें प्राथमिक चिकित्सा जानकार / ए.एन.एम. / फायर फाइटिंग / खोजपूर्ण एवं रक्षात्मक कार्यों में माहिर की सूची डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित हो। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं साथ ही आवश्यक सामग्री जैसे स्ट्रेचर, रोप, अग्निशामक यंत्र, परिवहन व्यवस्था, अस्पताल, डॉक्टर, पुलिस थाना आदि आकस्मिक सुविधा भी सूचीबद्ध हों।
D. प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के द्वारा सी.पी.आर. (कार्डियों पल्मोनरी रिससिटैशन) ट्रेनिंग (Cardio Pulmonary Resuscitation CPR Training through Primary Health Center
प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के द्वारा सी.पी.आर. के माध्यम से कार्डियक अरेस्ट (हृदय घात) और सांस ना ले पाने जैसी आपात कालीन स्थिति में व्यक्ति की जान बचाई जा सके ऐसी ट्रेनिंग विद्यार्थियों को दी जाना चाहिए।
E. आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम (Disaster Management Awareness Program)
शिक्षकों में आपदा प्रबंधन के प्रति जाने चाहिए। जैसे - रैली, नुक्कड़ इसमें स्थानीय जन प्रतिनिधि / नागरिकों / छात्र / छात्राओं / जागरूकता पैदा करने एवं रूचि बढ़ाने के कार्यक्रम निरंतर किये नाटक आदि के माध्यम से जागरूकता पैदा की जाये।
F. मैपिंग प्रेक्टिस - इसका मूल उद्देश्य है कि आपदा के समय विद्यालय परिवार एवं जन समुदाय पूर्ण रूपेण जागरूक रहे कि किस दिशा से उन्हें सुरक्षित निकलना / निकालना है। इस हेतु निम्नलिखित कार्य शाला स्तर पर किये जायेगें।
I. सामान्य मैप - इस मैप (मानचित्र) में कक्षाओं की संख्या (कच्चा / पक्का / खपरैल / आर.सी. सी.) स्टाफ रूम, प्रयोगशाला, शाला से जुडा एवं खुला क्षेत्र एवं खुले मैदान आदि की जानकारी चिन्हित होगी।
II. रिसोर्स मैप - इस मैपिंग में सभी स्थान दृष्टिगत हो ताकि आपदा के समय अतिशीघ्र दिखाई पड़ सके।
III. घातीय मैप - इस मैप में भवन में नुकसान पहुंचाने वाले स्थलों का चित्रण हो। प्रत्येक कक्षा में बालक, बालिका, दिव्यांग, बीमार आदि छात्रों की स्पष्ट जानकारी हो। घातक स्थल, विद्युत विवरण, स्विच बोर्ड, ढलान वाला क्षेत्र विशेष अंकित हो।
IV. सुरक्षित स्थान एवं रास्ता चार्ट मैप - इसमे शाला में सुरक्षित स्थान कहाँ है / वह स्थान जहाँ शाला परिवार शरण ले सके/ सुरक्षित रास्ते का चिन्हांकन आदि अग्नि दुर्घटना/अन्य आपदा में सुरक्षित निकास का रास्ता दीवारों पर विद्यालय में जगह-जगह चस्पा हो एवं आकस्मिक निकास द्वार भी चिन्हित हो।
3. शाला आपदा प्रबंध समिति का प्रशिक्षण (Training of School Disaster Management Committee)
* टीम के सदस्य (छात्र एवं शिक्षक) पोस्टर, फोक गीत, डांस, फिल्मांकन, नाटक आदि के माध्यम से शाला स्तर पर आपदा पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के पश्चात कौन कौन सी सावधानियाँ / उपाय करेंगे, इसका प्रचार राष्ट्रीय पर्व / सामाजिक पर्व पर करेंगे। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं
* इसमें शाला स्तर पर छात्र-छात्राओं का चयनित ग्रुप सूचना / चेतावनी देने का कार्य / प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
* प्राथमिक चिकित्सा की टीम का गठन करना।
* खेल प्रशिक्षक एवं छात्र-छात्राओं की सतर्कता टीम का गठन करना।
* मॉकड्रिल संचालन एवं कार्यक्रम - शाला आपदा समिति के निर्देशन एवं सहयोग से समय-समय पर अग्नि / सड़क / रेल / पानी / भूकंप / लीकेज / सीवेज दुर्घटना आदि पर मॉकड्रिल कार्यक्रम रखे जाएगे।
* फायर फाईटर (अग्निशमन दस्तों) का प्रदर्शनः सभी विद्यालयों में अग्निशमन दस्तों द्वारा प्रदर्शन, अभ्यास तथा प्रस्तुतीकरण किया जाना है।
* स्वयं पर आने वाली आपदाएं' जैसे मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा पूरी न कर पाना, यौन हिंसा, महिला सुरक्षा, तनाव से दूर रहना आदि विषयों पर पोस्टर चस्पा कर जागरूक करना।
4. आपदा प्रबंधन किट (Disaster Management Kit)- इसके अन्तर्गत शाला स्तर पर आपदा प्रबंधन किट अनिवार्यताः होना चाहिए जिसमें निम्नलिखित आवश्यक सामग्री हो -
- महत्वपूर्ण सम्पर्क सूची
- बैट्री, टॉर्च ट्रांजिस्टर, रेडियो
- फर्स्ट एड बॉक्स
- अग्निशामक यंत्र
- रेत से भरी बाल्टियाँ
- सायरन (आपात कालीन स्थिति के लिए)
5. मास्टर ट्रेनर चार्ट - इसमें आपदाओं एवं इनसे सुरक्षा के उपायों से जुड़े पोस्टर बैनर एवं चार्टस का समावेश कक्षाओं एवं कॉरिडोर में लगाना सुनिश्चित करेंगे।
6. आपदा प्रबंध फंड - इसमें जन सहयोग के माध्यम से स्थानीय स्तर से राशि की व्यवस्था की जाए। प्राप्त सहयोग निधि की रसीद संबंधित को दिया जाना सुनिश्चित करेगें एवं ऑडिट हेतु संधारित करेंगे।
8. प्रत्येक विद्यालय हेतु ए.डब्ल्यू.पी. वर्ष 2024-25 के सब कम्पोनेन्ट (3.1) में 2000 का प्रावधान किया गया है जिसका उपयोग कर उपरोक्त शाला सुरक्षा की गतिविधियाँ सुनिश्चित की जाएं।
संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी एक माह की अवधि में उपरोक्तानुसार कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन इस कार्यालय की ई-मेल nveqfmp3@gmail.com पर प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
शाला आपदा प्रबंधन समिति के सम्बन्ध में DPI आदेश
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