Super Section Scheme for 9th Students - जानिए सुपर सेक्शन योजना क्या है? सुपर सेक्शन योजना अंतर्गत चयनित विद्यालयों की सूची (List of Schools Selected under Super Section Scheme) यहाँ देखिये.
Super Section Scheme for 9th Students
सुपर सेक्शन योजना क्या है? (What is Super Section Scheme?)
सुपर सेक्शन योजना कक्षा 9वीं के अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए है, इस योजना को शासकीय संस्थाओं में सत्र 2024-25 से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है।
सुपर सेक्शन योजना का उद्देश्य (Objective of Super Section Scheme)
कक्षा 9वीं में अनुत्तीर्ण होने के बाद बहुत से छात्र शाला त्यागी हो जाते हैं। इस योजना से उनकी इस प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
इनमें बहुत से छात्र ऐसे भी है जो 2 वर्ष अनुत्तीर्ण होने के कारण उन्हें स्कूल के द्वारा ही बाहर कर दिये जाते हैं, वो भी इस योजना में पंजीकृत होंगे।
किन विद्यालयों में रहेंगे सुपर सेक्शन ? (In which schools will there be super sections?)
इसके लिए प्रत्येक ऐसे शासकीय विद्यालयों में जहाँ विगत वार्षिक परीक्षा में कक्षा 9वीं में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या 30 या 30 से अधिक है उन सभी में यह योजना क्रियान्वित की जायेगी। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. सुपर सेक्शन योजना अंतर्गत चयनित विद्यालयों की सूची (List of Schools Selected under Super Section Scheme) देखने की लिंक पोस्ट में आगे दी गई है.
सुपर सेक्शन योजना संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण कार्यालय के दायित्व
प्रत्येक संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण अपने कार्यालय के एक ऐसे सहायक संचालक जिसका अकादमिक पक्ष दृढ़ हो इस योजना के लिए प्रभारी के रूप में नामांकित करेंगे।
योजना के प्रभारी सहायक संचालक अपने संभाग अंतर्गत समस्त जिलों में योजना के समन्वय का कार्य करेंगे। राज्य स्तर पर आयोजित समस्त (ऑनलाइन/आफलाइन) मीटिंग में उपस्थित रहेंगे।
समय-समय पर जिलेवार इन विद्यालयों की जिले के प्रभारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग आयोजित कर योजना की समीक्षा करेंगे।
समय-समय पर अपने दौरे के समय इन विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे।
सुपर सेक्शन योजना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दायित्व
प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय से एक सहायक संचालक/योजना अधिकारी जिसकी अकादमिक कार्यों में रूचि हो योजना के लिए प्रभारी के रूप में नामांकित करेंगे।
प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं समय-समय पर सुपर सेक्शन योजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
जिन जिलों में 5 या 5 से अधिक ऐसे विद्यालय होंगे जहाँ यह योजना क्रियान्वित हो रही है कम से कम 5 विद्यालयों का प्रत्येक माह में निरीक्षण करेंगे।
जिला प्रभारी सहायक संचालक ऐसे सभी विद्यालयों से इस सेक्शन के प्रभारी शिक्षक का नाम एवं बच्चों का डाटा प्राप्त करेंगे।
ऐसे विद्यालयों का इस प्रकार से निरीक्षण करेंगे कि माह में योजना से संबंधित सभी विद्यालयों का निरीक्षण हो सके।
जिला नोडल अधिकारी जो ईएफए विद्यालय के प्राचार्य हैं के साथ मिलकर योजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे एवं समय-समय पर जिले के विद्यालयों के इन प्रभारियों की मीटिंग आयोजित कर उनका मार्गदर्षन करेंगे। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं.
सुपर सेक्शन योजना ईएफए प्राचार्य सह जिला नोडल अधिकारी के दायित्व
प्रत्येक जिले के ईएफए के प्राचार्य इस योजना के लिए जिला नोडल अधिकारी होंगे।
जिला नोडल अधिकारी का दायित्व होगा कि वह अपने जिला अंतर्गत समस्त विद्यालयों से विद्यार्थियों की संख्या एवं विद्यालय के प्राचार्य एवं इस सुपर सेक्शन के कक्षा शिक्षक जो विद्यालय में योजना के प्रभारी भी रहेंगे का डाटा एकत्र करेंगे।
इन शिक्षकों एवं प्राचार्यो का एक अलग से वॉट्सएप ग्रुप बनायेंगे एवं म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देश शैक्षणिक सामग्री की लिंक विद्यालय तक पहुँचायेंगे
इस कार्य में नोडल पर्सन की मदद ले सकेंगे और नियमित समीक्षा कर आवष्यक जानकारियाँ म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड को भेजेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के इस योजना के प्रभारी के साथ ऑनलाइन मीटिंग माह में कम से कम एक बार आयोजित कर प्रगति की समीक्षा करेंगे।
ऑनलाइन मीटिंग आयोजित करने लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के वेवेक्स प्लेटफार्म या अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म के सब्सक्रिप्षन का उपयोग करेंगे।
सुपर सेक्शन योजना संस्था प्राचार्य के दायित्व
प्रत्येक ऐसी संस्था जहाँ सुपर सेक्शन योजना के कक्षा 9वीं में पृथक से सेक्शन संचालित हैं उनमें इस सेक्शन के कक्षा शिक्षक को योजना का प्रभारी नियुक्त करेंगे।
एक से ज्यादा सेक्शन होंने पर प्रत्येक सेक्शन के शिक्षक योजना का प्रभारी होगा। इनमें से वरिष्टतम शिक्षक विद्यालय के प्रभारी के रूप में काम करेगा।
प्रभारी शिक्षक अपने-अपने सेक्शन के प्रत्येक बच्चे का सीखने का एवं टेस्ट/परीक्षाओं का सम्पूर्ण रिकार्ड रखेंगे।
प्रत्येक प्राचार्य योजना के संबंध में सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेंगे। इन समस्त बच्चों के पालकों के साथ प्रारम्भ में बैठक आयोजित कर बच्चों के पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
समय-समय पर म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देषों के आधार पर स्वयं योजना की समीक्षा करेंगे एवं सम्पूर्ण जानकारियाँ समय पर जिला नोडल के माध्यम से उपलब्ध करायेंगे।
बहुत बच्चों के घरों में उचित अध्ययन की सुविधा नहीं होती है इसलिए प्रत्येक प्राचार्य यदि ऐसे बच्चे चिन्हित होते हैं तो अपने विद्यालय में एक पुस्तकालय सह अध्ययन कक्ष की व्यवस्था करेगा जहाँ पर बच्चे शाला समय के अलावा भी बैठकर अध्ययन कर सकेंगे।
सुपर सेक्शन योजना संस्था प्रभारी शिक्षक के दायित्व
प्रत्येक बच्चे का प्रत्येक टेस्ट का रिकार्ड आपको संधारित करना होगा एवं समय-समय पर विभिन्न स्तरों से मांगी गयी जानकारी समय पर प्रेशित करनी होगी।
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड का शिक्षा के सम्पूर्ण सिस्टम पर पूर्ण विष्वास है। हम यह मानते हैं कि हमारे सभी शिक्षक पूर्ण लगन व ईमानदारी से कार्य करते हैं।
इस योजना के प्रभारी के रूप में आप और हम मिलकर शिक्षा की पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़े बच्चों की मदद कर रहे हैं।
इस पुण्य कार्य में आप पूर्ण लगन एवं ईमानदारी से अपनी 100 प्रतिशत प्रयास इसके लिए करेंगे। ऐसी आशा है। हम अपने पूर्ण प्रयासों से इन बच्चों को सुपर लेवल पर पहुँचायेंगे।
हर लेवल पर म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड आपके साथ रहेगा।, इन छात्रों के खराब रिजल्ट पर आप पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
आशा है आप इसे चैलेन्ज के रूप में स्वीकार करेंगे।
सुपर सेक्शन योजना अकादमिक कार्य योजना
सर्वप्रथम बच्चों को चिन्हित कर पृथक सेक्शन में दर्ज करना।
दो वर्ष के अनुत्तीर्ण बच्चे जिन्हें विद्यालय से नाम खारिज कर दिया गया है उनसे सम्पर्क कर उन्हें पुनः इस योजना के माध्यम से दर्ज किया जायेगा।
प्रारम्भ में सत-प्रतिशत बच्चों का बेसलाइन टेस्ट हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित का लिया जायेगा जो 20 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जायेगा। अनुपस्थित बच्चों का टेस्ट अगले दिन होगा।
प्रत्येक यूनिट के बाद बच्चों के विषयवार टेस्ट लिये जायेंगे जो कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर बहुविकल्पीय क्विज के आधार पर होगा। जिसके कारण बच्चे मनोरंजन के साथ इन टेस्टों को देंगे। प्रारम्भिक टेस्ट राज्य स्तर से उपलब्ध कराया जायेगा। आप यह जानकारी MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. बाद में शिक्षकों की सहायता से बच्चे इन टेस्टों को तैयार करेंगे और संचालित भी करेंगे।
मासिक टेस्ट, त्रैमासिक परीक्षा, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा पेपर उपलब्ध कराये जायेंगे।
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा विशय शिक्षकों की समितियों के माध्यम से कठिन अवधारणाओं के वीडियो तैयार कर यू-ट्यूब पर उपलब्ध कराये जायेंगे।
बच्चों को उनके न्यूनतम स्तर के आधार पर अध्यापन कराया जायेगा।
प्रतिदिन अंग्रेजी के पाँच नये शब्द, हिन्दी में शुद्धलेख एवं 20 तक पहाड़ों का अभ्यास कराया जायेगा।
समय-समय पर समीक्षा में जो सुझाव एवं कठिनाईयाँ आयेंगी उन पर क्रियान्वयन किया जायेगा।
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले श्री सोनम वॉगचुग के साथ एम.ओ.यू. किया गया है उनके अनुभवों का लाभ भी हम लेंगे।
यदि संभव हुआ तो लद्दाख में स्थिति उनके विद्यालय का वर्चुअल विजिट भी कराया जा सकेगा। श्री सोनम वॉगचुग शाला त्यागी एवं फेल बच्चों के लिए ही विद्यालय संचालित करते हैं और उनका यह बहुत सफल प्रयोग है।
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