Header Ads

Subject Wise Career Opportunities - कैरियर काउंसलिंग विषयवार कैरियर अवसर

Career Counseling Subject Wise Opportunities - कैरियर काउंसलिंग विषयवार कैरियर अवसर

Career Counseling Subject Wise Opportunities - कैरियर काउंसलिंग विषयवार कैरियर अवसर

परिशिष्ट-2 कैरियर काउंसलिंग विषयवार कैरियर अवसर

1. कृषि क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in agriculture sector)

कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिन्दु रहा है। यह अधिकांश भारतीय परिवारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यवसाय है। नित्य नई खोज और तकनीकी उन्नतियां इस क्षेत्र में कई अवसर पैदा कर रही है। बागवानी, कृषि जैव विविधता प्रौद्योगिकी, पशुपालन आदि भी कृषि क्षेत्र में शामिल है।

विज्ञान या कृषि शाखा में बारहवीं कक्षा को पूरा करने के बाद निम्नलिखित उच्च शिक्षा विकल्प उपलब्ध है -

  • बी.एससी. कृषि एवं बी.एससी. फारेस्ट्री
  • बी.टेक. (कृषि इंजीनियरिंग) इसके लिये 12वी में गणित अनिवार्य विषय है।
  • मध्यप्रदेश के दो बड़े कृषि विश्वविद्यालय है।

2. ललित कला क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in fine arts field)

मानव सभ्यता की शुरुआत से ही, ललित कला हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहाहै। ललित कला का वर्गीकरण आम तौर पर तीन प्रकारों में किया जा सकता है विजुअल आर्ट्स यानि दृश्य कला, परफोर्मिंग आर्ट्स यानि प्रदर्शन कला और एप्लाइड आर्ट्स यानि व्यावहारिक कला। विजुअल आर्ट्स में चित्रकला, रंगकला, मूर्तिकला, और डिजाइनिंग शामिल है, जबकि परफोर्मिंग आर्ट्स में नृत्य, नाटक और संगीत का समावेश है एप्लाइड आर्ट्स के तहत पाक विज्ञान, सौंदर्य कला या ब्यूटी कल्चर, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, एडवर्टाइजिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, एनिमेशन और मल्टीमीडिया, फोटोग्राफ़ी और फिल्म निर्माण जैसी कलाओं को शामिल किया गया है।

कला में विशेष रूचि रखने वाले छात्र, बारहवीं कक्षा के बाद प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करकेनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाईन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी और आई.आई.टी में अंडरग्रेज्युएट (स्नातक) पाठ्यक्रमों में शामिल होने का विचार भी कर सकते हैं। फाइन आर्टस में एक और विकल्प है वास्तु कला, जो तकनीकी क्षेत्रऔर ललित कला दोनों का मिश्रण है। मगर यह विकल्प केवल उन्हीं छात्रों के लिए खुला है जिन्होंने बारहवीं कक्षा मेंअनिवार्य विषय के रूप में गणित और विज्ञान चुना हो। ये छात्र NATA की प्रवेश परीक्षा देकर वास्तुकला के क्षेत्र में प्रवेश ले सकते हैं। फाइन आर्ट्स में करियर बनाने के लिए, धीरज और दृढ़ता रखनाबहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपनी कला कोखिलने के लिएऔर उसके विकास के लिए समय देना होगा। रचनात्मकता और कला के लिए गहरा जुनून हीइस क्षेत्र में सफलता की पहली सीढ़ी है।

3. वाणिज्य क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in commerce sector)

वाणिज्य क्षेत्र व्यापार से संबंधित है। यह हमारे दैनंदिन जीवन का अविभाज्य अंग है। सी.ए. सी.एस., आई.सी.डब्ल्यू.ए. एम.बी.ए. तो लोकप्रिय है। टैक्सेशन, बैंकिंग, अकाउंटिंग, पर्चेस, सेल्स, मार्केटिंग इनशुरन्स, लॉजिस्टिक्स, बिजनेस, डेव्हलपमेंट, फायनान्स, रिटेल मैनेजमेंट, ऑडिट इत्यादि जैसे व्यवसाय वाणिज्य का हिस्सा है।

वाणिज्य क्षेत्र में कुछ पॉलीटेक्नीक डिप्लोमा कोर्सेस भी उपलब्ध है। बारहवीं के बाद, वाणिज्य में कई डिप्लोमा कोर्सेस, अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस है। बैंकिंग, रेलवे और स्पर्धात्मक परीक्षाओं को भी वाणिज्य क्षेत्र के माध्यम से कर सकते है। जिन छात्रों के पास सीखने की क्षमता है, संख्यात्मक और तर्क क्षमता का ज्ञान और समझ है वे चार्टर्ड अकांटेन्सी (सी.ए.), कास्ट और वर्क अकांटेन्सी (आईसीडब्ल्यूए), कंपनी सेक्रेटरी (सी.एस.) जैसे व्यावसायिक कोर्सेस के प्रवेश परीक्षा के लिए 11वीं और 12वीं से तैयारी शुरू कर सकते है।

4. कला क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in art field)

कला क्षेत्र जो ह्युमन साइन्सेस के नाम से भी जाना जाता है। आर्ट्स या कला का यह क्षेत्र केवल भाषाओं के अध्ययन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, विदेशी भाषा और दर्शनशास्त्र जैसे विषय भी शामिल है। इतिहास, भूगोल, राजनीति, सामाजिक विज्ञान जैसे विषय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यू.पी.एस.सी/एम.पी.पी.एस.सी, आर्ड सर्विसेज, और बैंकिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कला विषय की जानकारी, सामान्य ज्ञान एवं विषय में अच्छे अंक अर्जित करने में सहायक होती है।

यदि छात्र मनोविज्ञान विषय को लेकर स्नातक कोर्स करते है, तो वे काउंसिलिंग, एम.बी.ए. (मानव संसाधन) जैसे क्षेत्रों में भी करियर बना सकते है। सामाजिक कार्य में रुचि के लिये बारहवीं के बाद बैचलर इन सोशल वर्क/सोशल साइंस की डिग्री का विकल्प है। भूगोल विषय के साथ बैचलर की डिग्री पूरी करने पर मेट्रोलॉजी (मौसम विज्ञान), ओशनोलॉजी (समुद्र विज्ञान) में करियर के दरवाजे भी खुल सकते हैं। अर्थशास्त्र के साथ स्नातक की डिग्री मैनेजमेंट, फाइनांस, बिजनेस एनेलेटिक, मार्केट रिसर्च, रूरल फाइनेंसिंग या शेयर मार्केट में करियर की नींव रखती है। कला शाखा के अभ्यास से पत्रकारिता/जन संचार जैसे क्षेत्रों में भी प्रवेश के अलावा, लाइब्रेरी साइंस, म्यूजियम स्टडीज, आर्कियोलॉजी और एन्थ्रोपोलॉजी के क्षेत्र में भी करियर के कई अवसर हैं।

12वी जीवविज्ञान के पश्चात उपलब्ध अवसर (Opportunities available after 12th Biology)

  • 12वीं के बाद NEET परीक्षा के द्वारा एम.बी.बी.एस, दंत चिकित्सा, होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी जैसे कोर्सेस है।
  • बी.एससी. (नर्सिंग), DMLT(Diploma in Medical Laboratory Technology) पैरामेडिकल, फिजियोथेरेपी, स्पीच और ऑडियो थेरैपी
  • मेडिसिन के क्षेत्र में फार्मेसी डिप्लोमा, बैचलर इन फार्मेसी के विकल्प है।
  • अल्टरनेटिव मेडीसिन- वैकल्पिक औषधि के क्षेत्र में नेचरोपैथी प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग जैसे कॉर्सेस उपलब्ध है।
  • बेचलर इन - पशुचिकित्सा विज्ञान, कृषि, हॉरटिकल्चर, फिशरीज
  • माईक्रोबॉयलोजी, इन्वॉयरनमेंटसाइंस, फॉरेस्ट्री, फूड टेक्नोलॉजी
  • पारंपरिक कॉर्सेस में बी.एससी. (बॉटनी/जूलोजी/केमेस्ट्री), बी.एससी.बी.एड., बी.ए.
  • नर्सिंग, पैरामेडिकल, बायोमेडिकल, हेल्थकेयर आदि जैसे कम ज्ञात पाठ्यक्रम भी करियर के कई अवसर प्रदान करते हैं। इस क्षेत्र में फिजिकलट्रेनर (स्वास्थ्य शिक्षक) और न्यूट्रिशनिस्ट (पोषण विशेषज्ञ) जैसे कुछ नए उभरते अवसर भी हैं ।

6. विज्ञान प्रौद्योगिकी / विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in Science Technology/Science and Technology sector)

विज्ञान एवं तकनीकी हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। विज्ञान शाखा में बारहवीं को पूरा करने के बाद, छात्र प्योर् साइंस या एप्लाइड साइंस का क्षेत्र चुन सकता है। प्योर साइंस में भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणि विज्ञान, गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स, सांख्यिकी, बायोटेक, जेनेटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, खगोल भौतिकी और खगोल विज्ञान जैसे विषय शामिल हैं। प्योर साइंस का विकल्प बारहवीं के बाद बीएससी में दाखिला द्वारा अपनाया जा सकता है। और उसके आगे एम.एस.सी, एम.फिल, पी.एच.डी जैसे पाठ्यक्रमों को पूरा करते हुए किसी छात्र को अनुसंधान (शोध) या शिक्षण के क्षेत्र में आगे करियर के कई अवसर मिलते हैं। विज्ञान शाखा से बारहवीं के बाद एप्लाइड साइंस का विकल्प छात्र को तकनीकी क्षेत्र की ओर लेजाता है जिसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलिकम्यूनिकेशन, मैकेनिकल, केमिकल, कम्प्यूटर साइंस, सिविल, माइनिंग, ऑटोमोबाइल, या आई.टी इंजीनियरिंग के क्षेत्र शामिल हैं। एन.आई.टी. तथा राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के इंजीनियरिंग कोर्सेस में दाखिला लेने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम जेईई (मेन) में पास होना आवश्यक है। इसी तरह, जेईई एडवांस्ड में अच्छे अंक प्राप्त करके आई.आई.टी में प्रवेश संभव है।

7. सैन्य सेवा क्षेत्र में उपलब्ध अवसर (Opportunities available in military service sector)

सैन्य सेवा क्षेत्र में करियर बनाना किसी अन्य क्षेत्र में करिअर बनाने से अलग है। ये मातृभूमि के लिए असाधारण साहस, बहादुरी, त्याग और प्रेम की माँग करती हैं। इन्हीं असाधारणगुणों की वजह से यह एक बहुत सम्मानित और प्रतिष्ठित करियर माना जाता है। सीमा पर देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों और अधिकारीयों से लेकर हमारे घर-दफ्तर के बाहर सुरक्षा में तैनात सिक्युरिटी गार्ड, इनसभी का यूनिफार्मेड सेवाओं के क्षेत्र में समावेश है। यूनिफोर्मड सर्विसेस को 4 मुख्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। पहली श्रेणी है डिफेन्स यानि रक्षा बलों की, जिसमें थलसेना, नौसेना और वायु सेना शामिल है। दूसरी श्रेणी में पैरामिलिट्री फोर्सेस यानि अर्धसैनिक बल जैसे कि इंडियन कोस्ट गार्ड्स, असम राइफल्स और स्पेशल फ्रंटियर फोर्सेस का समावेश है। तीसरी श्रेणी मेंआते हैं केंद्रीय और राज्य सशस्त्र पुलिस बल जैसे कि सेंट्रल रिजर्व पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, इंडो-तिबेटीयन बोर्डर पुलिस, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सेक्युरिटी फ़ोर्स, सशस्त्र सीमा बल, रेलवे सुरक्षा बल और स्टेट रिजर्व पुलिस और अंत में चौथी श्रेणी में सिविल डिफेन्स ऑर्गनाइजेशन, होमगार्ड और अग्निशमन सेवा शामिल है। किसी भी व्यक्ति के लिए उम्र और शिक्षा केविभिन्न चरणों पर इन सेवाओं में शामिल होना संभव है। हालांकि इस क्षेत्र के लिए उसकामानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है।

बारहवीं कक्षा के बाद फिटनेस टेस्ट, मेडिकल टेस्ट और प्रवेश परीक्षा दे सकता है, जो यूनिफॉर्मड सर्विसेज में शामिल होने के लिए अनिवार्य हैं। इस क्षेत्र में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ सहनशीलता भी उतनी ही जरुरी है। यदि कोई व्यक्ति इन मापदंडों पर खरा उतरता है तो वह सैनिक या एक कांस्टेबल के रूप में आर्ड फोर्सेस (सशस्त्र बलों), पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्सेस (अर्धसैनिक बलों) में शामिल हो सकता है। इसके लिए नियमित रूप से प्रकाशित होने वाले भर्ती के विज्ञापनों पर नज़र रखना आवश्यक और महत्वपूर्ण बन जाता है। 

रक्षा बलों में यानि थल सेना, नौसेना और वायु सेना मेंशामिल होने के लिए, बारहवीं कक्षा के बाद, एन.डी.ए कीप्रवेश परीक्षा का विकल्प उपलब्ध है। यह परीक्षा यू.पी.एस.सी द्वारा आयोजित की जाती है। सेना की किसी भी धारा में शामिल होने के लिए, बारहवीं कक्षा को पूरा करना जरूरीहै। हालाँकि नौसेना और वायु सेना में शामिल होने के लिए बारहवीं साइंस में गणित और भौतिक शास्त्रविषय का होना भी अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा में पास होने पर, एस.एस.बी इन्टरव्यू और मेडिकल टेस्ट भी अनिवार्य है। इंजीनियरिंग या किसी अन्य क्षेत्र में ग्रेज्युएशनके बाद भी सेना में शामिल होने के कई तरीके हैं। यदि किसी छात्र ने अच्छे ग्रेड्स से एन.सी.सी के तीन साल पूरे किए हैं, तो उसे प्रवेश परीक्षा से छुट मिल सकती है।

आपने Gyan Deep पर विजिट कियाथैंक्स। आपको यदि ज्ञान दीप की जानकारियां उपयोगी लगे तो कृपया शेयर अवश्य कीजिए। 

Gyan Deep के facebook पेज पर जाने के लिए यहाँ click कीजिए, और हमारे facebook पेज को like कीजिए   

Telegram पर MP Education Gyan Deep की अपडेट पाने के लिए ज्ञानदीप टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए.

Gyan Deep Info : स्कूल शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य विभाग , सामान्य प्रशासन विभाग, राज्य शिक्षा केन्द्र, लोक शिक्षण संचालनालय, MPBSE, MPPEB आदि द्वारा जारी महत्वपूर्ण आदेश की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिए.

MP Education Gyan Deep की अपडेट Whatsapp पर प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक  कर WhatsApp Group Join कीजिए. 

Follow the MP Education Gyan Deep Channel on WhatsApp:

👉शिक्षा से जुड़ी ऐसी ही उपयोगी जानकारियों की अपडेट अपने Whatsapp पर प्राप्त करने के लिए  MP Education Gyan Deep का Whatsapp Channel यहाँ क्लिक कर Follow कीजिए 

कोई टिप्पणी नहीं

Gyan Deep. Blogger द्वारा संचालित.