Guidelines on School Safety and Security : स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा निर्देश जारी, लोक शिक्षण संचालनालय आदेश यहाँ देखिये
स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा निर्देश (2021) जारी करने संबंधी आदेश
Guidelines on School Safety and Security
विभाग / कार्यालय का नाम - लोक शिक्षण संचालनालय गौतम नगर भोपाल, मध्यप्रदेश (ई-मेल dpividhya@gmail.com)
आदेश क्रमांक तथा दिनांक - आदेश क्र/अकादमिक/सी/2025/1366 , भोपाल, दिनांक 04.08.2025
आदेश का विषय - स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा निर्देश (2021) जारी करने संबंधी।
संदर्भ - सचिव, भारत सरकार, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, मंत्रालय, का पत्र क्र. / D.O. No. 3-9/2025-15-12 दिनांक 26.07.2025 |
संदर्भित पत्रानुसार विगत दिनों स्कूलों में कई दुखद घटनाएँ घटी हैं, जिनमें कई बच्चे घायल हुए हैं और कई बच्चों की असमय ही जान चली गई है। बुनियादी ढाँचे की कमियों और सुरक्षा संबंधी चूकों से जुड़ी इन घटनाओं को रोकने हेतु तत्काल ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। विद्यार्थियों की सुरक्षा की तैयारी में कमी या जर्जर बुनियादी ढाँचे के कारण भविष्य में और किसी भी तरह की जान-माल की क्षति ना हो इससे बचने के लिए, सक्रिय उपाय, सतर्कता और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की जरूरत है।
इस संबंध में, 'स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशानिर्देश (2021) और स्कूल सुरक्षा पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशानिर्देश (एनडीएमए, 2016) के आधार पर तत्काल निम्नलिखित्त 05 सुझावों पर क्रियान्वयन किया जाना है -
1. निवारक सुरक्षा उपाय : राष्ट्रीय सुरक्षा संहिताओं और आपदा प्रबंधन दिशा निर्देशों के अनुसार सभी स्कूलों एवं बच्चों और युवाओं द्वारा उपयोग किये जाने वाले जन सुविधाओं के स्थानों का सुरक्षा ऑडिट कराना होगा। भवन की मजबूती, अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकास और विद्युत तारों की बारीकी से जांच की जानी चाहिए।
2. जागरूकता और प्रशिक्षण : यह सुनिश्चित किया जाये कि विद्यालयों के कर्मचारी और छात्र आपातकालीन परिस्थितियों के लिये प्रशिक्षित हों, जिसमें निकासी अभ्यास, प्राथमिक उपचार और सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं। स्थानीय अधिकारियों (एनडीएमए, अग्निशमन सेवाएँ, पुलिस और चिकित्सा एजेंसियों) के साथ समय-समय पर अशिक्षण और गॉक ड्रिल के लिए सहयोग लिया जाना चाहिए।
3. मनोसामाजिक कल्याण : बच्चों की शारीरिक सुरक्षा के साथ-साथ उनके मन और भावनाओं का ध्यान रखना भी जरूरी है। इसके लिए काउंसलिंग (परामर्श), दोस्तों का सहयोग और समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
4. रिपोर्टिंग तंत्र : किसी भी आपदा की स्थिति, या बच्चों को संभावित नुकसान पहुँचाने वाली किसी चूक संबंधी घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर प्रदेश के प्राधिकरण को दी जानी चाहिए। सूचना देने में देरी, लापरवाही या आपातकालीन परिस्थितियों में कोई कार्रवाई न किये जाने के मामलों में संबंधितों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
5. सार्वजनिक दायित्व : स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों एवं बच्चों और युवाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले परिवहन में असुरक्षित स्थितियों की सूचना देने के लिए माता-पिता, अभिभावक, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, आदि को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
>>> "स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा-निर्देश (2021)" परिपत्र (PDF)
अतः सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्रमुखों को उपरोक्त उपायों को तत्काल लागू करने के लिये निर्देश जारी किये जाने का अनुरोध है।
Guidelines on School Safety and Security DPI Order Date 04/08/2025
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