Deputation Rules : प्रतिनियुक्ति के सम्बन्ध में Order दिनांक 29/02/2008
Deputation Rules : प्रतिनियुक्ति
के सम्बन्ध में Order दिनांक 29/02/2008
शिक्षक संवर्ग स्थानांतरण नीति के
अंतर्गत एक विभाग से दूसरे विभाग (शिक्षा विभाग से आदिवासी विकास विभाग तथा
आदिवासी विकास विभाग से शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किए
गए हैं। प्रतिनियुक्ति आदेश में प्रतिनियुक्ति नियमों के अनुसार 2
वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति का उल्लेख है।
प्रतिनियुक्ति नियमों के बारे में
आपकी सामान्य जानकारी के लिए MP Education Gyan Deep द्वारा सामान्य प्रशासन
विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा प्रतिनियुक्ति के सम्बंध में जारी
मार्गदर्शी सिद्धांत की जानकारी दी जा रही है, आशा है यह
जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
मध्यप्रदेश शासन, सामान्य
प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल
के आदेश क्रमांक सी/3-14/06/3/एक, भोपाल,
दिनांक 29 फरवरी 2008 के
अनुसार प्रतिनियुक्ति के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा
प्रतिनियुक्ति के सम्बंध में नियम (मार्गदर्शन) बाह्य सेवा अथवा एक्स केडर पदों पर
प्रतिनियुक्ति के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 29
फरवरी, 2008 को जारी किए थे। आर्डर में सामान्य प्रशासन
विभाग के जाप क्रमांक एफ ए 10-18/88/49/एक, दिनांक 2-12-88 ज्ञापन क्रमांक सी/3-18/94/3/एक, दिनांक 12-12-1994 एवं
ज्ञापन क्रमांक सी/3-7/95/3/एक, दिनांक
5 जून, 1995 के संदर्भ के साथ
निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए थे -
बाह्य सेवा अथवा एक्स केडर पदों पर
प्रतिनियुक्ति के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत के विषय मे इस विभाग द्वारा
समय-समय पर जारी संदर्भित आदेशों को निरसित करते हुए निम्नानुसार एकजायी आदेश जारी
किये जाते हैं:
(एक) जब किसी एक विभाग को किसी
दूसरे विभाग से शासकीय सेवक की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लेना हो तो उसे संबंधित
विभाग से कम से कम तीन अधिकारियों के नामों का पैनल, मय
गोपनीय प्रतिवेदन मूल्यांकन पत्रक तथा विभागीय जांच आदि की जानकारी मंगाना चाहिए. |
(दो) संबंधित विभाग को चाहिए कि
वह यदि अपने लोक सेवक की प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं देने को सहमत हो तो उक्त जानकारी
यथाशीघ्र संबंधित विभाग को उपलब्ध कराएं. यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं. |
(तीन) उक्त पैनल के आधार पर
उपयुक्त लोक सेवक के चयन उपरांत चयनित लोक सेवक की सेवाएँ कम से कम दो वर्ष के लिए
प्रतिनियुक्ति पर ले जाना चाहिए. |
(चार) विभाग लोक सेवक की
सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर देने के लिए सहमत हो तो ही सेवाएं लेने वाले विभाग की
सहमति पश्चात एवं पैनल चयन होने पर संबंधित लोक सेवक की सेवाएं सौंपने हेतु औपचारिक
आदेश जारी करना चाहिए. यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं.आदेश में यह स्पष्ट टीप अंकित करना चाहिए कि सेवाएं लेने
वाले विभाग पदस्थापना के औपचारिक आदेश शीघ्र जारी करें, पदस्थापना
आदेश जारी होने के पश्चात् ही शासकीय सेवक को पैतृक विभाग द्वारा कार्यमुक्त किया
जाएं. |
(पांच) यदि प्रतिनियुक्ति की
अवधि के भीतर प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाना हो तो दोनों विभागों काआपसी परामर्श से
प्रतिनियुक्ति समाप्त की जा सकेगी. परन्तु
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी का कार्य संतोषजनक नहीं होने पर सेवा
लेने वाले विभाग द्वारा कारणों का उल्लेख करते हुए समय पूर्व सेवाएं वापस की जा
सकेंगी. |
2.इसके पश्चात् सामान्य
प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी/3-18/94/3/एक, दिनांक 12-12-94 के निर्देश अनुसार 4 वर्ष से अधिक के लिए प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाए जाने संबंधी प्रकरणों को
समन्वय में भेजने की आवश्यकता नहीं रहेगी, जिस विभाग में
अधिकारी / कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं तथा जिस विभाग से सेवाएं ली गई हैं उन
दोनों विभागों की सहमति होने पर विभाग स्तर पर ही निर्णय ले लिया जाएँ अब ऐसे
मामले समन्वय में न भेजे जाकर इनका निराकरण उक्तानुसार सुनिश्चित किया जावे. |
3. प्रतिनियुक्ति के संबंध में
उक्त मार्गदर्शीय सिद्धांत का कड़ाई से पालन किया जाये. |
4. प्रतिनियुक्ति की सेवा
शर्तों के संबंध में वित्त विभाग द्वारा समय पर जारी निर्देश लागू होंगे. |
5. यह प्रतिनियुक्ति की नीति
शासकीय विभागों के अलावा निगमों/मंडलों/प्राधिकरणों या अन्य स्वायत संस्थाओं के
लिए भी लागू होगी. |
Deputation Rules in PDF : प्रतिनियुक्ति के सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए. |
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