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Teachers को BLO Duty से Free रखने के निर्देश राज्य शिक्षा केन्द्र ने शिक्षकों को बी.एल.ओ के दायित्व से मुक्त रखने के संबंध में निर्देश जारी किए.


Teachers को BLO Duty से Free रखने के निर्देश

राज्य शिक्षा केन्द्र ने शिक्षकों को बी.एल.ओ के दायित्व से मुक्त रखने के संबंध में निर्देश जारी किए.



Teachers को B.L.O. Duty से मुक्त रखने सम्बन्धी निर्देश में राज्य शिक्षा केन्द्र ने RTE का उल्लेख करते हुए कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 27 में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाए जाने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया गया है, यह प्रावधान निम्नानुसार है -

  • RTE की धारा 27 के अनुसार  – “किसी शिक्षक को दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधान मंडलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर शैक्षिक प्रयोजनों के लिए अभियोजित नहीं किया जाएगा”
निर्देश में राज्य शिक्षा केन्द्र ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों को गैर - शिक्षकीय कार्य में न लगाये जाने संबंध में भारत निर्वाचन आयोग विरूद्ध सेंट मेरी स्कूल एवं अन्य के प्रकरण में दिनांक 6.12.2007 को पारित आदेश को विचार में लेते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अधिनियम के अंतर्गत निर्वाचन कार्य में शिक्षकों को लगाए जाने के संबंध में पृथक से दिशा निर्देश जारी किये गये है। इन निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि विधान मंडल/संसद/स्थानीय निकायों के निर्वाचन में मतदान, मतगणना एवं प्रशिक्षण तथा सामग्री प्राप्त करने के कार्य में शिक्षकों को नियोजित किया जा सकेगा, लेकिन मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़े हर कार्य अवकाश के दिन और गैर शैक्षिक दिन एवं समय में ही सौंपे जा सकेंगे। दिशा निर्देश निम्नानुसार है : -



Duties relating to election to the local authority of the State Legislatures of Parliament relate to couduct of elections and the consequent deployment of teachers on training to them and collection of election material for such deployment. All other duties telating to electoral roll revisions will be undertaken on holidays and during non-teaching hour and non teaching days

संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने म0प्र0 शासन स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्रमांक एफ-44-47/2011/20-2 भोपाल दिनांक 25.03.2013, पत्र दिनांक 27.02.2015 एवं पत्र क्र. एफ-44-15/2017/20-2 भोपाल दिनांक 24.07.2017 का उल्लेख करते हुए कहा कि संदर्भित पत्रों द्वारा स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी कुछ जिलों द्वारा शिक्षकों को बी.एल.. कार्य में लगाया गया है। शिक्षकों को दी.एल.ओ. के रूप में कार्य करने से शिक्षा विभाग की शाला स्तर की गतिविधियों को संपादित करने में प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। यहां तक कि बी.एल.ओ. ड्यूटी होने के कारण शिक्षकों हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव शिक्षा की गुणवत्ता पर होगा।

शासन निर्देश दिनांक 25-03-2013 में यह स्पष्ट किया गया है कि यथा संभव बीएलओं के रूप में कार्यरत शिक्षकों को उक्त कार्य से मुक्त किया जाये। यदि अपरिहार्य कारणो से दिसी शिक्षक को बीएलओ के कार्य का दायित्व सौपना आवश्यक है तो यह सुनिश्चित किया जाये कि यह कार्य उस गांव/बसाहट से ही संबंधित हो जिस स्कूल में शिक्षक पदस्थ है। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह कार्य अवकाश के दिन और गैर शिक्षक दिवस / समय में ही संपादित हों।

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