Shikshak Bharti Niyam 2018 : शिक्षक भर्ती नियम में संशोधन - शिक्षक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलेगा आरक्षण
MP Education : Rajya School
Shiksha Sewa Bharti Niyam 2018
मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा
(शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 में संशोधन,
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण तथा परिवीक्षा अवधि में बदलाव.
भर्ती नियम 2018 में संशोधन - स्कूल
शिक्षा विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल भोपाल,
द्वारा दिनांक 24 दिसम्बर 2019 को जारी राजपत्र (531) क्र.
एफ-1-176-2018-बीस-1 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग)
सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 में संशोधन किया गया है.
भर्ती नियम 2018 में दो संशोधन किए गए
हैं, पहला संशोधन भर्ती में आरक्षण के सम्बन्ध में है. यह संशोधन आर्थिक
रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने सम्बन्धी है. संशोधन इस प्रकार है -
1. नियम 11 में, उप-नियम
(7) में, खण्ड (क) के स्थान पर, निम्नलिखित
खण्ड प्रतिस्थापित किया जाए, अर्थात्:
(क) मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित
जातियों,
अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम,
1994 (क्रमांक 21 सन् 1994) के उपबंधों, सामान्य
प्रशासन विभाग द्वारा उसकी अधिसूचना क्रमांक एफ-6-1/2002/आ.प्र./एक, दिनांक 19 सितम्बर, 2002 द्वारा जारी किए गए
अनुदेशों के अनुसार, मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों,
अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) नियम,
1998 और राज्य शासन द्वारा, समय-समय पर जारी
किये गये आदेश के अनुसरण में, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों और
अनारक्षित प्रवर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए पद आरक्षित
किए जाएंगे।
जबकि दूसरा संशोधन परिवीक्षा अवधि एवं
परिवीक्षा अवधि में मिलने वाले वेतन (स्टायपेंड) के सम्बन्ध में है, पूर्व जारी
नियम में परिवीक्षा अवधि दो वर्ष रखी गई थी जिसे बढ़ाकर तीन वर्ष किया गया है साथ
ही परिवीक्षा अवधि के प्रथम वर्ष में उस पद के वेतनमान का 70%, द्वितीय वर्ष में
80% तथा तृतीय वर्ष में 90% राशि स्टायपेंड के रूप में देने का प्रावधान किया गया
है. संशोधन इस प्रकार है -
2. नियम 13 के स्थान पर निम्नलिखित
नियम प्रतिस्थापित किया जाए, अर्थात्:
"13. परिवीक्षा -
सीधी भर्ती के पद पर प्रथमतः तीन वर्ष
की परिवीक्षा अवधि होगी। परिवीक्षा अवधि में उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का प्रथम
वर्ष 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष
में 90 प्रतिशत राशि, स्टायपेंड के रूप में देय होगी।
परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर वेतनमान में वेतन दिया जाना प्रारंभ
किया जाएगा। परिवीक्षा अवधि में असफल होने पर नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी द्वारा
सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् परिवीक्षा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकेगी।
बढ़ी हुई परिवीक्षा अवधि के लिए तृतीय वर्ष के अनुसार ही स्टायपेंड देय होगा।
परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण नहीं करने पर परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त लोकसेवक
की सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
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