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COVID-19 Treatment for Government Employee & Dependent - Govt. Employee को मिलती है निःशुल्क इलाज की सुविधा - शासकीय सेवक के लिए चिकित्सा सुविधाओं व चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति प्रक्रिया व नियम

Medical expenses reimbursement procedure for government servant

COVID-19 Treatment for Government Employee & Dependent
शासकीय सेवक के लिए चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति प्रक्रिया
शासकीय सेवकों को शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में एक प्रमुख सुविधा ‘चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति ‘ होती है, Government Employee के बीमार होने पर स्वास्थ्य लाभ हेतु किये जाने वाले व्यय का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है, किन्तु जानकारी के आभाव में अनेक लोकसेवक इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. 
नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति के बाद अध्यापक संवर्ग के शिक्षक (प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक) को भी अन्य शासकीय सेवकों के समान चिकित्सा सुविधाओं की पात्रता है.
शासकीय सेवक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति (Government servant medical expenses reimbursement) हेतु सामान्यतः अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी MP Education Gyan Deep के मार्गदर्शक Sri Deepak Halwe (Principal) द्वारा दी जा रही है, श्री हलवे सर द्वारा बताया जा रहा है कि  शासकीय सेवक के अस्वस्थ (बीमार) होने पर बिना अस्पताल में भर्ती हुए उपचार की स्थिति में तथा Hospital में भर्ती होने की स्थिति में Medical treatment पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति शासन से किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है.

शासकीय कर्मचारियों एवं उनके आश्रित सदस्यों के जाँच / उपचार हेतु आपदा COVID-19 महामारी संक्रमण हेतु जानकारी निम्नानुसार है -

शासकीय कर्मचारियों के उपचार की प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी (लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग)

MEDICAL FACILITIES For Government Employees - TREATMENT PERMISSION ORDER DATED 26-08-2013 

1. क्या शासकीय कर्मचारी शासकीय अस्पताल में निशुल्क उपचार का हकदार है?

हाँ (म.प्र. सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम 1958 के नियम 4 (1)में प्रावधान है कि शासकीय कर्मचारी   शासकीय चिकित्सालय में निशुल्क उपचार का हकदार होगा। यथा -

1. प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालय

2. प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कालेज

3. प्रदेश में भारत शासन द्वारा संचालित एम्स भोपाल, वी.एम.एच.आर.सी. भोपाल

(परिपत्र कमांक एफ 9-9/2013/17/ मेडि.-3 भोपाल दिनांक 26/08/2013


2. राज्य के अंदर मान्यता प्राप्त चिकित्सालय की सूची क्या विभाग की वेबसाइट पर अपलोड है ?
हाँ (वर्तमान में निजी संस्थाओं को मान्यता है। सूची विभाग की वेबसाइट http://www.health.mp.gov.in/ पर अपलोड है) 


3. राज्य के अंदर शासकीय चिकित्सालय में शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के सदस्यों के उपचार हेतु रेफरल की आवश्यकता होगी?
नहीं (राज्य में संचालित शासकीय चिकित्सालय में उपचार कराने हेतु रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी) यथा -

1. प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालय

2. प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कालेज

3. प्रदेश में भारत शासन द्वारा संचालित एम्स भोपाल, बी.एम.एच.आर.सी. भोपाल

(परिपत्र कमांक एफ 9-9/2013/17/ मेडि-3 भोपाल दिनांक 26/08/2013) 


4. राज्य के अंदर शासकीय चिकित्सालय में शासकीय सेवक एवं उनके सदस्यों के उपचार हेतु अनुमति की आवश्यकता होगी?
नहीं (राज्य में संचालित शासकीय चिकित्सालय में उपचार कराने हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी) यथा -

1. प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालय

2. प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कालेज

3. प्रदेश में भारत शासन द्वारा संचालित एम्स भोपाल, बी.एम.एच.आर.सी भोपाल

(परिपत्र कमांक एफ 9-9/2013/17/ मेडि -3 भोपाल दिनांक 26/08/2013) 


5. निजी चिकित्सालयों में रेफरल की प्रक्रिया क्या है ?
निजी चिकित्सालयों में रेफरल की प्रक्रिया राज्य के अंदर शासन से मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में उपचार कराने के लिये रैफरल हेतु जिला स्तर पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा रेफरल किया जायेगा। मेडिकल बोर्ड द्वारा केवल उन्हीं जांच/उपचार की सुविधायें हेतु रेफरल किया जायेगा जो जिला चिकित्सालय/शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में उपलब्ध नहीं होगी।
6. फालोअप उपचार अनुमति किसके द्वारा प्रदान की जाती है एवं कितने समय के लिये प्रदान की जाती है?

राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को फालोअप उपचार अनुमति सिविल सर्जन सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा 6 माह के लिये प्रदान की जाती है।


7. राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों हेतु शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सा अग्रिम की वर्तमान व्यवस्था क्या है?

राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों हेतु शासकीय चिकित्सालयों में उपचार हेतु चिकित्सा अग्रिम जिला स्तर पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा गठित मेडिकल बोड को अधिकार दिये गये है।

(परिपत्र कमांक एफ 9-9/2013/17/ मई भोपाल दिनांक 26/08/2013

8. राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों शासन द्वारा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में उपचार हेतु चिकित्सा अग्रिम / अनुमति / फालोअप अनुमति वर्तमान व्यवस्था क्या है ?

राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार आश्रित सदस्यों हेतु मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों (सूची यहाँ देखिए) में उपचार हेतु जिला स्तर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड को अधिकार दिये गये हैं। मेडिकल बोर्ड द्वारा केवल उन्ही जाँच/उपचार की सुविधा हेतु निजी चिकित्सालय में रेफरल किया जायेगा जो शासकीय जिला चिकित्सालय /शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में जाँच / उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। (परिपत्र क्रमांक एफ 9-9 /2013/17 /मेडि-3 भोपाल दिनांक 26/08/2013) विभाग की वेबसाईट http://www.health.mp.gov.in पर अपलोड है। 

9. निजी चिकित्सालयों (द्वारा शासकीय सेवकों एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों की) मान्यता की प्रक्रिया

निजी चिकित्सालयों को शासकीय मान्यता हेतु आवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रेषित करना होता है।

आवेदन फार्म http://www.health.mp.gov.in/ पर अपलोड है। उन्हीं निजी चिकित्सालयों को मान्यता दी जाएगी जिन्हें National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare Providers (NABH) द्वारा अधिमान्यता दी गई हो। निजी चिकित्सालयों को मान्यता हेतु NABH को एक वर्ष में प्रमाणीकरण प्राप्त करना होगा।

10. राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों आकस्मिक उपचार हेतु क्या व्यवस्था है ?

राज्य के अंदर शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को आकस्मिक स्थिति में उपचार के लिये मान्यता प्राप्त संस्था एवं गैर मान्यता प्राप्त संस्थाओं में उपचार करा सकते है। इस हेतु उपचार उपरांत उन्हें कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी इस विषय में म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग परिपत्र कमांक एफ 9-2/ 2006/ 17/ मेडि.-3 भोपाल दिनांक 20/02/2006 द्वारा राज्य शासन के कर्मचारियों एवं उनके आश्रित सदस्यों को राज्य के अंदर गठित प्राईवेट निजी चिकित्सा संस्थाओं में चिकित्सा प्रतिपूर्ति की स्वीकृति हेतु संभागीय स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है जो निजी संस्थाओं में उपचार उपरांत कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान करते है। (परिपत्र क्रमांक 9-2/2006/17/ मेडि -3 भोपाल दिनांक 20/02/2006 ) विभाग की वेबसाईट http://www.health.mp.gov.in/ पर अपलोड है।

11. म.प्र. चिकित्सा परिचर्या नियम 1958 अनुसार मरीज के भर्ती की स्थिति में
1. आक्सीजन देने में हुआ सम्पूर्ण व्यय.
2. वार्ड या कमरे का किराया में व्यय शामिल होगा, चतुर्थ श्रेणी के शासकीय कर्मचारियों तथा आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों के मामले में सम्पूर्ण एवं अन्य मामलों में केवल पचास प्रतिशत.
3. रुधिराधान के लिए रक्त खरीद पर हुआ व्यय.
4. शल्य क्रिया तथा रोग सम्बन्धी (पैथालाजिक) जीवाणु सम्बन्धी रेडियोलाजिकल एवं अन्य परिक्षण जो कि प्राधिकृत चिकित्सीय परिचारक द्वारा आवश्यक समझे जाए और प्रमाणित किये जाए, किया गया पूर्ण व्यय. 
12. वर्तमान कोविड-19 संक्रमण की महामारी को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित समस्त शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों का उपचार शासन द्वारा मान्यता प्राप्त 101 निजी चिकित्सालयों में कराया जा सकता है?
आकस्मिकता की स्थिति में कोविड-19 आपदा के चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों पर कार्योत्तर स्वीकृति संभागीय कार्योत्तर स्वीकृति समिति द्वारा प्रदान की जायेगी.
13. क्या शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य वर्तमान कोविड-19 संक्रमण इलाज हेतु अशासकीय (गैर मान्यता प्राप्त) निजी चिकित्सालय में जा सकता है?
हाँ, आकस्मिकता के आधार पर मरीज जा सकता है परन्तु ऐसे प्रकरणों पर अपने विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. उसके पश्चात् ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु देयक प्रस्तुत कर सकता है.
14. क्या शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य वर्तमान कोविड-19 संक्रमण इलाज हेतु अशासकीय (गैर मान्यता प्राप्त) निजी चिकित्सालय में जहाँ पर कोविड-19 जाँच / उपचार की दरें निर्धारित नहीं है क्या वहन उपचार कराया जा सकता है?
हाँ, आकस्मिकता के आधार पर.
15. क्या म.प्र.शासन द्वारा आपदा कोविड-19 हेतु दरें निर्धारित है?
हाँ. आयुष्मान भारत निरामय योजना के अंतर्गत दरें निर्धारित है. निर्धारित दरों पर ही निजी चिकित्सालय अपनी सेवाएँ दे रहे हैं.
16. क्या म.प्र.शासन के शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य वर्तमान कोविड-19 संक्रमण इलाज हेतु मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय (नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) में आतंरिक रोगी (IPD) के रूप में जाँच / उपचार एवं दवाइयां जैसे Tab. Favipiravir, injection Remdesivir, injection Tocilizumab आदि के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी?
हाँ. म.प्र.शासन के शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य जो आपदा कोविड-19 से संक्रमित होते है. इलाज हेतु मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय (नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) में आतंरिक रोगी (IPD) के रूप में जाँच / उपचार एवं दवाइयां जैसे Tab. Favipiravir, injection Remdesivir, injection Tocilizumab आदि के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी. शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के चिकित्सा देयक अपने विभाग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रतिहस्ताक्षर करने के उपरांत शासकीय सेवक से सम्बन्धित विभाग द्वारा ऐसे चिकित्सा देयकों में नियमानुसार भगतन की कार्यवाही की जावेगी. यह स्पष्ट किया जाता है कि यह व्यवस्था आपदा कोविड-19 के मरीजों के उपचार के चिकित्सा देयकों पर लागु होगी. (आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएँ मध्यप्रदेश के परिपत्र क्रमांक IDSP/2020/1504 Bhopal 04/09/2020 के परिपालन में)

अस्पताल में भर्ती न होने की स्थिति में चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति
(Medical expenses reimbursement in case of non-hospitalization)

(क) ऐसे प्रकरणों में जिसमें पेशेंट को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता है, तब क्या करना  होता है -
1-   पेशेंट को सरकारी अस्पताल (government hospital) में इलाज करवाने के लिए पहले सरकारी अस्पताल में जाकर अपने इलाज के लिए पर्ची कटवाना होती है अर्थात पेशेंट अस्पताल में पंजीबद्ध हो गया है। इसके बाद डॉक्टर से दवाइया लिखवाना होती है। यदि ये दवाइयां अस्पताल से मिल जाती है तो इसका पैसा आपको नहीं मिलेगा और अस्पताल जो दवाइयां नहीं दे पता है तो उन दवाइयों को आप बाजार से खरीद सकते है। दवाइयां खरीदते वक्त आपको बिल लेना होगा। 

2- अब आपको बाजार से चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का फॉर्म (Medical expense reimbursement form) खरीदना होगा। उसकी पूर्ति करके बिल के साथ आपको फिर उसी चिकित्सालय में निर्धारित खिड़की पर जमा करवाना होगा।  डॉक्टर क्रय की गई दवाईयों को बिल के आधार पर चेक करेगा और जो दवाइया शासन ने मान्य की है उसे स्वीकृत करेगा और जिसे शासन ने मान्य नहीं की है उसे अस्वीकृत कर आपको लौटाएगा।
3- इसके उपरांत आपको अपने फॉर्म और बिल को कवरिंग लेटर के साथ अपने आहरण वितरण अधिकारी (DDO) को देना होगा।  आहरण वितरण अधिकारी फॉर्म के आधार पर बिल बनाएगा और जिले के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से काउंटर साइन करवाकर कोषालय में भुगतान के लिए प्रस्तुत करेगा। इसके उपरांत कोषालय से आपके बैंक खातें में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा।

अस्पताल में भर्ती  होने की स्थिति में चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति
(Medical expenses reimbursement in case of hospitalization)

(ख ) यदि पेशेंट (लोकसेवक अथवा परिजन) की तबियत में सुधार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो -
1- सरकारी अस्पताल के डॉक्टर से प्रमाणपत्र लेकर की चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है , उस प्रमाणपत्र को अपने कवरिंग पत्र के साथ अपने कार्यरत कार्यालय को सूचित करना आवश्यक होता है। इस प्रमाणपत्र में डॉक्टर से लिखवाना होता है की बीमारी क्या है और इस पर कितना खर्च होना संभावित है। इस अनुमानित खर्च के आधार पर ही इलाज के लिए 80 प्रतिशत धनराशि अग्रिम स्वीकृत हो सकेगी अन्यथा नहीं।
 
यदि आप इलाज के उपरांत एक साथ खर्च की धनराशि चाहते है तो आपको इलाज के उपरांत फीस प्रतिपूर्ति का फॉर्म भर कर बिन्दु क्रमांक 1 एवं 2 में उल्लेखित प्रक्रिया का पालन कर अपने फॉर्म को आपके द्वारा पूर्व में जो अपने कार्यालय को अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी गई थी उसके फोटो कॉपी के साथ कार्यालय प्रमुख / आहरण वितरण अधिकारी को व्यय पूर्ति के लिए आवेदन करना होगा।
 
आहरण वितरण अधिकारी बिंदु क्रमांक तीन के आधार पर कार्यवाही कर आपको व्यय की प्रतिपूर्ति करेंगे।

Treatment in private hospital 

2- यदि चिकित्सा सुविधा शासकीय अस्पताल में संभव नहीं हो तो निम्नानुसार कार्यवाही कर इलाज करवाए -

शासकीय अस्पताल में जाकर चिट्ठी कटवाएं, अर्थात आप चिकित्सालय में पंजीबद्ध हो गए। इसके उपरांत डॉक्टर आपको लिखकर प्रमाणपत्र देगा कि पेशेंट का इलाज यहाँ पर या प्रदेश के किसी भी अस्पताल में संभव नहीं है तभी आप प्रायवेट अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवाकर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति करवा सकेंगे अन्यथा नहीं।

3- यदि पेशेंट आकस्मिक रूप से बीमार हुआ है तो आपको घटनोत्तर सूचना अविलम्ब अपने कार्यालय को देना होगी। इसके उपरांत आप उपरोक्तानुसार कार्यवाही कर सकेंगे।

नोट - मैं जो भी जानकारी आपको आज तक  देते आ  रहा हूँ वो सब ईश्वर एवं अपने गुरुदेव की प्रेरणा अनुसार ही है। इच्छा सिर्फ एक है कि मेरे सहकर्मी मित्र को उसके जिंदगी के सफर में आसानी हो जाएँ। शुभकामनाओं के साथ।
आपका दीपक हलवे (प्राचार्य)
मोबाइल नम्बर 9425352110
नोट -  शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाली चिकित्सा / चिकित्सा प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में पोस्ट में सामान्य जानकारी दी गई है, नियमों में परिवर्तन हो सकता है. कृपया शासन के निर्देश / विभाग की वेबसाइट http://www.health.mp.gov.in/ पर उपलब्ध जानकारी जरुर देखिये. 
 
आशा है आदरणीय श्री दीपक हलवे सर द्वारा प्रस्तुत यह जानकारी आप सभी के लिए उपयोगी रहेगी, यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे तो पोस्ट की लिंक Whatsapp, facebook आदि के माध्यम से अपने मित्रों को जरुर share कीजिए.

Recognized Hospitals List for MP Govt. Employees : 

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