Sewa Sharte : MP Tribal Department : अध्यापक संवर्ग से ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्ति की सेवा शर्तें दिनांक 09/10/2019
शिक्षक संवर्ग सेवा शर्तें |
अध्यापक संवर्ग से ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्ति की सेवा शर्तें Tribal Department द्वारा दिनांक 09/10/2019 को जारी कर दी गई.
इससे पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 27/07/2019 को अध्यापक संवर्ग से नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति सेवा शर्तें जारी की जा चुकी है।
मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग,
(सेवा एवं भर्ती) नियम 2018, के अंतर्गत अध्यापक
संवर्ग की जनजातीय कार्य विभाग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति उपरांत सेवा शर्तों के संबंध में आदेश क्रमांक एफ
04-22/2019/1/25 भोपाल, दिनांक 9/10/2019 जारी किया गया.
सेवा शर्तों की प्रमुख बातें –
- दिनांक 01/07/2018 से 7 वे वेतनमान का लाभ मिलेगा.
- 6 टे वेतनमान की शेष किश्तें पूर्वानुसार प्राप्त होगी.
- मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम,
1965 तथा मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं
अपील) नियम, 1966 प्रभावशील होगा.
- शासकीय आवास गृह आवंटन एवं शासकीय सेवकों के सामान गृह भाड़ा भत्ते का लाभ मिलेगा.
- यात्रा भत्ते / स्थानांतरण यात्रा भत्ते की पात्रता.
- म.प्र. समूह बीमा सह बचत योजना का प्रावधान लागु होगा.
- NPS योजना यथावत लागु रहेगी.
- सेवा निवृत्ति / सेवा में रहते मृत्यु होने पर अवकाश नगदीकरण की पात्रता.
- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अनुकम्पा नियुक्ति की नीति अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता.
- विभागीय स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण होंगे.
- पदोन्नति / क्रमोन्नति / समयमान के लिए अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि लाभ (अधिकतम 10 वर्ष)
- भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों अनुसार पदोन्नति.
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी सेवा शर्तें इस
प्रकार है -
1. म.प्र. पंचायत अध्यापक संवर्ग
(नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2008 तथा म.प्र. नगरीय निकाय अध्यापक
संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008 के निरसन होने के फलस्वरूप शासन ने मध्यप्रदेश राज्य
जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग, (सेवा एवं भर्ती) नियम
2018, लागू किए हैं। पूर्व नियमों के अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत
अध्यापक संवर्ग को नवीन नियमों के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग में सुसंगत
पदों पर नवीन नियुक्ति दी गई हैं।
2. राज्य शासन की संदर्भित अधिसूचना
द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग, (सेवा एवं भर्ती)
नियम 2018, दिनांक 1.7.2018 (एतद् पश्चात भर्ती नियम, 2018 कहा
जायेगा) से प्रवृत्त किये गये है। विभागीय समसंख्यक आदेश द्वारा भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत अध्यापक संवर्ग की आदिम जाति कल्याण विभाग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश
जारी किये जाकर चरणबद्ध कार्यवाही हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई है।
भर्ती नियम, 2018 में निहित प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में
अध्यापक संवर्ग की सुसंगत पदों पर नवीन नियुक्ति के फलस्वरूप सेवा शर्ते निम्नानुसार होंगी : -
2.1 भर्ती नियम, 2018 के नियम 4 (1) के अंतर्गत सेवा में
नियुक्त व्यक्ति की सवायें दिनांक 01.07.2018 से प्रारम्भ होगी।
तदनुसार इस सेवा में नियुक्ति पर दिनांक 01.07.2018 की स्थिति में मध्यप्रदेश वेतन
पुनरीक्षण नियम, 2017 के प्रावधानों के अंतर्गत वेतन निर्धारण किया जायेगा।
दिनांक 1.07.2018 की स्थिति में 6 वें वेतनमान में प्राप्त हो रहे वेतन के
आधार पर सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण की पात्रता होगी। 7
वें वेतनमान में निर्धारित किये गये वेतन का अनुमोदन वेतन पुनरीक्षण नियम,
2017 के प्रावधान अनुसार किया जाना आवश्यक होगा।
2.2 कंडिका- 2.1 में उल्लेखित व्यवस्था अनुसार नियत वेतन
पर शासन द्वारा समय समय पर शासकीय सेवकों को देय महंगाई भत्ता प्राप्त होगा।
2.3 अधिकांश प्रकरणों में वास्तविक रूप से नियुक्ति आदेश
दिनांक 01.07.2018 के बाद जारी हुए हैं। अतः दिनांक 01.07.2018
से भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत नियुक्ति दिनांक तक की 7 वै
वेतनमान की एरियर की राशि नियुक्त किये गये समस्त शिक्षकों को देय
होगी। संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी 7 वें वेतनमान के लंबित स्वत्वों के
देयक कोषालय को प्रस्तुत कर देय राशि संबंधित शिक्षकों को अंतरित कर सकेंगे।
2.4 अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01.01.2016 से 6 वां वेतनमान
स्वीकृत किया गया है तथा दिनांक 01.07.2017 से इसका नगद भुगतान स्वीकृत है।
दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 30.06.2017 तक एरियर की राशि दिनांक
01.04.2018 से प्रारंभ कर 03 वित्तीय वर्षों में भुगतान किये जाने
के निर्देश हैं। भर्ती नियम, 2018 में नियुक्ति के फलस्वरूप अध्यापक
संवर्ग की 6 वें वेतनमान की प्रथम किश्त की राशि, यदि शेष हो तो, तथा द्वितीय
एवं तृतीय किश्त की राशि पूर्व में की गई गणना एवं सेवा पुस्तिका में की गई
प्रवृष्टि अनुसार देय होगी। इस राशि का संबंधित आहरण संवितरण अधिकारी
द्वारा आहरण किया जाकर संबंधित शिक्षकों के खाते में अतरित किया जावेगा।
2.5 भर्ती नियम, 2018 अनुसार सुसंगत पदों
पर नियुक्ति के फलस्वरूप समस्त शिक्षकों के एम्पलाई डाटाबेस,
पे-डाटाबेस तथा पोस्ट डाटा बेस संचालनालय कोष एवं लेखा के सेंट्रल
सर्वर पर संधारित किये जायेंगे। इसके उपरांत समस्त शिक्षकों के वेतन
भत्तों तथा अन्य स्वत्वों का आहरण तथा नियमानुसार की जाने वाले विभिन्न
कटौतियां संबंधित कोषालय के माध्यम से की जाएगी।
2.6 भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन अध्यापक संवर्ग
से नवीन संवर्ग में नियुक्त किये गये शिक्षकों पर मध्यप्रदेश
सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के प्रावधान प्रभावशील होंगे।
2.7 सुसंगत पदों पर नियुक्त किये गये शिक्षकों को शासकीय
आवास आवंटन नियम, 2000 के प्रावधानों के अनुरूप शासकीय आवास गृह के
आवंटन की पात्रता होगी तथा मध्यप्रदेश मूलभूत नियम, 45-ए एवं बी
के अंतर्गत शासकीय सेवकों के समान गृह भाड़ा भत्ता का लाभ प्राप्त
होगा।
2.8 मध्यप्रदेश यात्रा भत्ता नियमों के प्रावधान अनुसार यात्रा
भत्ते/स्थानांतरण यात्रा भत्ते की पात्रता होगी।
2.9 म.प्र.सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 1958 के
प्रावधान अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पात्रता होगी।
2.10 मध्यप्रदेश समूह बीमा सह बचत योजना 2003 के यथा संशोधित
प्रावधान प्रभावशील होगा।
2.11 नवीन संवर्ग के लिए वर्तमान में अध्यापक संवर्ग हेतु
प्रभावशील राष्ट्रीय पेंशन योजना यथावत लागू रहेगी। योजना के प्रावधान अनुसार
शिक्षकों के अंशदान तथा नियोक्ता अंशदान (शासन का अंशदान) यथास्थिति संचालनालय, कोष एवं लेखा तथा संचालनालय, पेंशन द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रिया अनुसार एन.एस.डी.एल. को प्रेषित किये जाएंगे।
2.12 म.प्र.सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के अंतर्गत जारी
निर्देशों के अनुसार सेवानिवृत्त/सेवा में रहते मृत्यु होने पर अवकाश
नगदीकरण की पात्रता होगी।
2.13 भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किये
गये शिक्षकों की शासकीय सेवा में रहते हुये निधन होने पर तत्समय
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रभावशील अनुकंपा नियुक्ति की नीति के
अनुसार पात्रता होगी।
2.14 भर्ती नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किये
गये शिक्षकों के स्थानांतरण
आदिम जाति विभाग द्वारा समय-समय पर प्रभावशील की गई नीति अनुसार किये जा सकेंगे।
2.15 पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान के प्रयोजन के लिए पूर्व
में अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि का लाभ अधिकतम 10
वर्ष तक का निम्नांकित पैरा 3 के स्थानांतरण आदिम जाति कल्याण विभाग
द्वारा समय समय पर प्रभावशील की अनुसार प्राप्त होगा।
3. शासकीय सेवकों को
सुसंगत भर्ती के अंतर्गत निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर पदोन्नति की
पात्रता होती है। पदोन्नति हेतु पदों की उपलब्धता नहीं होने के कारण शासकीय सेवक को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से क्रमोन्नति/समयमान का
प्रावधान है। भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत नवीन नियुक्ति होने से अध्यापक
संवर्ग में उनके द्वारा की गई सेवा को पदोन्नति/क्रमोन्नति एवं
समयमान की पात्रता में गणना में लिये जाने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार : -
3.1 भर्ती नियम, 2018 की अनुसूची 4 में अगले पद पर पदोन्नति
हेत 5 वर्ष का अनुभव निर्धारित है। इस प्रयोजन के लिये अध्यापक संवर्ग
में की गई सेवा अवधि को गणना में लिया जायेगा। उदाहरणार्थ यदि कोई व्यक्ति
अध्यापक संवर्ग में वर्ष 2015 में नियुक्त हुआ है तथा दिनांक
01.07.2018 को उसकी नवीन नियुक्ति प्राथमिक
शिक्षक के पद पर हुई हैं. तब प्राथमिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति के लिये अनुभव की गणना के लिए वर्ष 2015 से दिनांक 30.06.2018 तक के अनुभव को जोड़ा जाएगा । तदनुसार उपरोक्त प्रकरण में वह शिक्षक वर्ष 2020 में पदोन्नति हेतु विचार किये जाने के लिये पात्र होगा।
3.2 प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान हेतु 12 वर्ष
की सेवा अवधि पूर्ण होना आवश्यक है। इस प्रयोजन के लिए उपर्युक्त अनुसार
क्रमोन्नति के लिये भी अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा को सेवा
अवधि की गणना में लिया जाएगा। अध्यापक संवर्ग को संविदा शाला शिक्षक में
नियुक्ति दिनांक से योग्यता एवं अन्य शर्तों की पूर्ति करने पर वरिष्ठता का लाभ क्रमोन्नति के लिए प्राप्त है। उदाहरण स्वरूप, यदि कोई
व्यक्ति दिनांक 01.04.2008 को संविदा शाला शिक्षक में नियुक्त
हुआ है एवं दिनांक 01.04.2011 से अध्यापक संवर्ग में कार्यरत है, तो अध्यापक
सवंर्ग में संविदा शाला शिक्षक की सेवा अवधि को जाते हुए 12 वर्ष अर्थात
दिनांक 01.04.2020 को प्रथम क्रमोन्नति तथा 24 वर्ष अर्थात दिनांक
01.04.2032 को दवितीय क्रमोन्नत वेतनमान हेतु विचार किये जाने के लिए पात्र
होगा। भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत दिनांक 01.07.2018 को
नियुक्त प्राथमिक शिक्षक को सामान्य अवस्था में प्रथम क्रमोन्नति दिनांक
01.07.2018 से 12 वर्ष पूर्ण होने पर अर्थात दिनांक 01.07.2030
को पात्रता होती, परन्तु अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि को गणना में लिया जाकर
ऊपरवर्णित उदाहरण में संबंधित शिक्षक दिनांक 01.04.2020 को ही प्रथम
क्रमोन्नत के लिए पात्र हो सकेंगे।
इसी प्रकार यदि किसी संविदा शाला शिक्षक को वर्ष
20132015 एवं 2017 में प्रथम क्रमोन्नति प्राप्त है, तब उन्हें द्वितीय
क्रमोन्नति, प्रथम क्रमोन्नति के 12 वर्ष पश्चात अन्य आवश्यक अर्हता
पूर्ण करने पर वर्ष क्रमशः 2025, 2027 एवं 2029 में पात्रता होगी।
3.3 शासकीय सेवक को संपूर्ण सेवाकाल में तीन उच्चतर वेतनमान,
इस हेतु निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर प्राप्त हो सकती हैं।
अध्यापक संवर्ग में प्राप्त क्रमोन्नति/समयमान/पदोन्नति को उपर्युक्त तीन
उच्चतर वेतनमान की पात्रता पर विचार करते समय गणना में लिया
जायेगा अर्थात अध्यापक संवर्ग में यदि एक पदोन्नति तथा एक क्रमोन्नति/समयमान के माध्यम से दो उच्चतर वेतनमान प्राप्त हो चुके हैं, तब आवश्यक सेवा अवधि पूर्ण करने पर तीसरे उच्चतर वेतनमान की पात्रता के लिए विचार में लिये जाने की पात्रता होगी।
3.4 पदोन्नति/क्रमोन्नत/समयमान का लाभ प्राप्त करने के लिये
भर्ती नियम तथा संगत नियम, निर्देशों में उल्लेखित शर्तो तथा
मापदंडों की पूर्ति की जानी आवश्यक होगी।
3.5 किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में शासन का निर्णय
अंतिम होगा।
उपरोक्तानुसार सेवा परिलाभ तथा सेवा शर्ते वित्त विभाग
द्वारा यू.ओ.क्रमांक 2028/1760/19/वित्त/नियम/चार दिनांक 05/10/2019 दवारा जारी
सहमति के परिपालन में जारी किये गये है।
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