Tribal Department में लागु होगी Ek Parisar Ek Shala की व्यवस्था, विभाग द्वारा 'एक परिसर एक शाला' के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी
Tribal Department में लागु होगी Ek Parisar Ek Shala की व्यवस्था, विभाग द्वारा 'एक परिसर एक शाला' के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी.
Tribal Department MP - Ek Parisar Ek Shala Order
School Education Department में संचालित ‘एक परिसर एक शाला’ के सामान ही Tribal Department की शालाओं में भी ‘एक परिसर एक शाला’ के सम्बन्ध में आदिम जाति कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए. आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ‘एक परिसर एक शाला के सम्बन्ध में जारी आदेश क्रमांक एफ 12-4/2020/25-2/891 भोपाल दिनांक दिनांक 10/12/2020 के अनुसार विभागीय शालाओं में एक परिसर एक शाला के सञ्चालन के सम्बन्ध में दिशा निर्देश इस प्रकार है -
आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत 20 जिलों के 89 आदिवासी विकासखण्डों में एक ही परिसर में विभिन्न स्तर की शालाएं पृथक-पृथक इकाई के रूप में संचालित हैं तथा उक्त विद्यालयों का शैक्षणिक एवं प्रशासकीय नियन्त्रण अलग-अलग प्रधानाध्यापक/प्राचार्य के द्वारा किया जा रहा है एक ही परिसर में स्थित विभिन्न विद्यालयों में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग एवं एक ही परिसर में संचालित आश्रम शालाओं/प्राथमिक/माध्यमिक /हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी को एकीकृत विद्यालय के रूप में संचालित करने से नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) के प्रावधान की पूर्ति के साथ ही विभिन्न शालाओं पर पृथक-पृथक होने वाले व्यय को एकीकृत करने से समग्र रूप से राशि की बचत होगी। पूर्व में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित "एक परिसर एक शाला" के अनुरूप ही आदिम जाति कल्याण विभाग के एक ही परिसर में संचालित 10506 स्कूलों को एकीकृत कर 4746 शालाओं के रूप मे कण्डिका 3 में उल्लेखित प्रक्रिया के अनुसार संचालित किया जाये।
एकीकृत शालाओं का संचालन/ संपूर्ण प्रशासन एक ही प्राचार्य/ प्रधानाध्यापक के नियंत्रण में रहेगा.
Ek Parisar Ek Shala (EPES) हेतु निर्धारित मापदण्ड – एक परिसर का तात्पर्य 150 मीटर की परिधि में एक ही परिसर में सम्मिलित आश्रम शाला, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी शालाओं से है. आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Department MP) द्वारा "एक परिसर एक शाला" के क्रियान्वयन हेतु निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं -
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक शालाओं का एक ही शाला के रूप में संचालन।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक माध्यमिक शालाओं का एक ही माध्यमिक शाला के रूप में संचालन । एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक आश्रम शालाओं की प्राथमिक अथवा माध्यमिक शालाओं का कक्षा 1 से 8वी तक की एक ही शाला के रूप में संचालन।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक अथवा माध्यमिक शालाओं का कक्षा - 1 से 8वी तक की एक ही शाला के रूप में संचालन।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक अथवा हाई स्कूल शालाओं का कक्षा 1 से 10वी तक की एक ही शाला का संचालन ।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल अथवा हायर सेकण्डरी शालाओं का कक्षा 1 से कक्षा 12वी तक की एक ही शाला का संचालन ।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी शालाओं का एक ही शाला के रूप में संचालन ।
उपरोक्त सभी मापदण्डों के अनुसार समस्त परिसरों में निर्धारित परिधि में आने वाली समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की आश्रम शालाओं को भी सम्मिलित किया जाएगा।
आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Department MP) अंतर्गत शालाएं - 20आदिवासी जिलों के 89 विकास खण्डों में 150 मीटर की परिधि में एक ही परिसर में सम्मिलित आश्रम शाला, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल अथवा हायर सेकण्डरी शालाओं की कुल संख्या 10506 है । इन विभिन्न 10506 स्कूलों को एकीकृत करने के उपरांत 4746 एकीकृत परिसर गठित होगें।
एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन की प्रक्रिया – एक परिसर का तात्पर्य 150 मीटर की परिधि में एक ही परिसर में सम्मिलित आश्रम शाला, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी शालाओं से है.
एकीकृत शाला के आदेश एवं नामकरण की प्रक्रिया :
एकीकृत शाला का नाम - एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरान्त एकीकृत शाला का नाम वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम से जाना जायेगा। वरिष्ठ शाला से आशय उस शाला से है, जिसमें उच्चतम स्तर की कक्षाए संचालित हो रही है । समान स्तर की शालाओं में अधिक नामांकन (सत्र 2020-21 की क्षमता अनुसार) वाली शाला को मुख्य शाला के रूप में नामांकित किया जायेगा। यदि किसी शाला परिसर में वर्तमान में कोई शाला किसी महापुरूष/विभूति के नाम से संचालित है तो एकीकृत शाला का भी वही नाम रखा जावेगा ।
एकीकृत शाला का Dise Code - एक परिसर में संचालित समस्त शाला को एकीकृत करने के उपरांत मुख्य शाला का डाईस कोड (Dise Code)ही एकीकृत शाला का डाईस कोड (Dise Code) होगा।
एक से अधिक पाली में संचालित शालाएं - एक ही परिसर में संचालित शालायें यदि एक से अधिक पाली में संचालित हो रही है, तो इन शालाओं का भौतिक सत्यापन सहायक आयुक्त द्वारा किया जाएगा तथा भौतिक सत्यापन में उपयुक्त पाये जाने पर जिला स्तरीय समिति के द्वारा इन शालाओं को "एक परिसर एक शाला" के रूप में संचालित करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।
150 मीटर की परिधि के बाहर के स्कूल - "एक परिसर एक शाला" के चिन्हाकंन के उपरांत पूर्व से संचालित विद्यालय जो 150 मीटर की परिधि में नही आते है, वे सभी विद्यालय यथावत संचालित होगे।
एकीकृत विद्यालय में संस्था प्रमुख एवं शैक्षणिक अमले की व्यवस्था:
एकीकृत शाला प्रमुख - एक परिसर में स्थित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण की स्थिति में वरिष्ठतम शाला के प्राचार्य / प्रधानाध्यापक एकीकृत शाला के प्राचार्य /प्रधानाध्यापक होगे । समान स्तर की शालाओं के एकीकरण की स्थिति में वरिष्ठ प्राचार्य /प्रधानाध्यापक एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्राधानाध्यापक के रूप में कार्य करेगे। प्रभारी प्राचार्य /प्रधानाध्यापक होने की स्थिति में वरिष्ठता के आधार पर एकीकृत शाला के प्राचार्य /प्रधानाध्यापक का प्रभार सहायक आयुक्त के द्वारा सौंपा जायेगा।
एकीकृत शाला का स्टाफ - एक परिसर में स्थित समस्त विद्यालयों का शैक्षणिक एवं अन्य अमला एकीकृत विद्यालय के अमले के रूप में माना जायेगा तथा वर्तमान में उक्त विद्यालयों में कार्यरत अमला यथावत कार्य करता रहेगा एवं एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य करेगा।
एकीकृत शाला का Time Table - एकीकृत विद्यालयों की समस्त कक्षाओं हेतु समेकित समय सारणी (टाइम टेबल) बनायी जाकर उसके आधार पर अध्यापन व्यवस्था की जायेगी यह दायित्व भी एकीकृत विद्यालय के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक का होगा।
शाला प्रबंध परिषद् का गठन
केवल सेकण्डरी स्तर के विद्यालयों के एकीकरण होने की स्थिति में शाला प्रबंध परिषद् की गठन की प्रक्रिया - एकीकृत विद्यालय जो कि केवल कक्षा 9वी से 10वी एवं 9वी से 12वी तक संचालित होगी उनमे एकीकरण के उपरांत एकीकृत शाला में शाला प्रबंध एवं विकास समिति की व्यवस्था यथावत संचालित होती रहेगी। एकीकृत विद्यालय में शाला प्रबंध एवं विकास समिति के अध्यक्ष एकीकृत शाला के प्राचार्य एवं सचिव वरिष्ठ शाला की शाला प्रबंध एवं विकास समिति के सचिव होंगे.
एकीकृत शाला के प्रबंधन/संचालन हेतु शाला प्रबंध परिषद् का गठन - प्रत्येक एकीकृत शाला जिसमें आश्रम शाला प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्तर की शाला सम्मिलित होगी, में शाला प्रबंध परिषद् का गठन किया जायेगा। इस परिसर की एक साधारण सभा एक कार्यकारिणी समिति होगी। एकीकृत शाला की शाला प्रबंध परिषद् की एक कायर्कारिणी समिति होगी जिसके सदस्य एकीकृत शाला में विलय की गई समस्त शालाओं के प्रबंध समिति/शाला प्रबंध एवं विकास समिति के अध्यक्ष एवं सचिव होगे । कार्यकारिणी समिति के सचिव के रूप में एकीकृत शाला के प्राचार्य /प्रधानाध्यापक कार्य करेगे।
एकीकृत शाला के लेखे (अकाउंटस्) एवं अन्य प्रशासकीय/ अकादमिक व्यवस्था - एक ही परिसर में संचालित स्कूलों के एकीकरण के उपरान्त मुख्य शाला का बैंक खाता संचालित किया जाएगा तथा शेष विलय की गई शालाओं के खाते बंद किये जाकर उनमें वर्तमान में उपलब्ध राशि को एकीकृत शाला के मुख्य खाते में अंतरित किया जाएगा । एकीकृत विद्यालय की कैश बुक में विलय होने वाली शालाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है इसका उल्लेख किया जायेगा। एकीकृत शाला में विलय की गई समस्त उपलब्ध निधि को आवश्यकता अनुसार व्यय करने हेतु कार्यकारिणी समिति सक्षम होगी। परन्तु कार्यकारिणी के द्वारा उक्त व्यय साधारण सभा के द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा।
क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति का गठन - एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी। जिसमें जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सहायक आयुक्त/जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग, प्राचार्य डाईट एवं जिला परियोजना समन्वयक सम्मिलित होंगे समिति के सचिव सहायक आयुक्त होंगे। गठित समिति क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों पर निर्णय लेगी। "एक परिसर एक शाला" के क्रियान्वयन में कोई नीतिगत प्रश्न उद्भुत होता है तो समिति अपने अभिमत सहित प्रस्ताव आयुक्त, आदिवासी विकास को प्रेषित करेगी।
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