School Education Department Teachers Transfer Policy : शिक्षकों के स्थानांतरण के सम्बन्ध में स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण आदेश यहाँ देखिये
स्कूल शिक्षा विभाग स्थानांतरण नीति 2022
MP Education Teachers Transfer Policy 2022 - मध्यप्रदेश शिक्षक स्थानांतरण नीति 2022 पोस्ट में आगे दी गई है.
Teachers Transfer Policy Order by School Education Department : शिक्षकों के स्थानांतरण के सम्बन्ध में स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण आदेश यहाँ देखिये
मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल का आदेश क्रमांक एफ 01-09/2022/20-1 भोपाल, दिनांक 08/09/2022
स्कूल शिक्षा विभाग स्थानांतरण नीति 2022
प्रदेश में राज्य संभाग एवं जिला स्तर पर विभागीय अधिकारियों / कर्मचारियों के लिये निम्नानुसार स्थानांतरण नीति निर्धारित की जाती है
1.1 भूमिका एवं उदेश्य - शिक्षा विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों से जनित आवश्यकताओं के दृष्टिगत यह विभागीय नवीन स्थानांतरण नीति तैयार की गई है। शिक्षण सत्र प्रतिवर्ष एक निश्चित समय पर प्रारंभ होता है, अतः इस नीति का प्रमुख उदेश्य शिक्षण सत्र प्रारंभ होने से पूर्व विद्यालयों में शिक्षकों की युक्तियुक्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जारी होने वाली स्थानांतरण नीति से इस नीति को पृथक रखा गया है क्योंकि शिक्षण सत्र के दौरान स्थानांतरण प्रक्रिया संचालित होने से विद्यालयों में पठन-पाठन की अपूर्णीय क्षति होती है इस नीति के तहत शिक्षकों के स्थानांतरण प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि के पूर्व निश्चित कालखण्ड में किये जायेंगे ताकि सत्र प्रारंभ होने पर पठन-पाठन सुचारू ढंग से संपादित हो सकें।यह जानकारी आप MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. इस नीति का अन्य प्रमुख उदेश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विद्यालयों की आवश्यकता के आधार पर समानता पूर्ण ढंग से शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रयोजन करना है।
1.2 परिभाषाएँ - इस अधिसूचना में, जब तक कि सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -
क. शैक्षणिक सत्र शैक्षणिक सत्र से अभिप्रेत है, कोई कालावधि जो राज्य सरकार द्वारा इस रूप में विनिर्दिष्ट की जाए।
ख. शिक्षक विभागीय भर्ती नियम 1973, 2016 एवं 2018 के तहत नियुक्ति एवं कार्यरत विभिन्न संवर्ग के शिक्षक
ग. शहरी क्षेत्र मध्यप्रदेश शासन द्वारा यथा अधिसूचित शहरी क्षेत्र
घ. ग्रामीण क्षेत्र मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिसूचित ग्रामीण क्षेत्र।
ड. विभाग मध्यप्रदेश शासन का स्कूल शिक्षा विभाग.
च. गंभीर बीमारी गंभीर बीमारी से अभिप्रेत है कि कैंसर, ब्रेन टयूमर, किडनी ट्रांसप्लांट, ओपन हार्ट सर्जरी / बायपास सर्जरी एवं लकवा (पैरालायसिस) से पीड़ित जिसका प्रमाणीकरण जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया हो।
छ. परिवार - परिवार से अभिप्रेत है कि पति, पत्नी और आश्रित बच्चे।
ज. पोर्टल - पोर्टल से आशय है कि स्कूल शिक्षा विभाग का एजुकेशन पोर्टल
झ. प्रत्याशित रिक्ति सेवानिवृत्ति के कारण 30 अप्रैल तक उद्भूत होने वाली रिक्तियां
2. स्थानांतरण नीति के विशेष उपबंध
2.1 इस स्थानांतरण नीति के प्रभावी होने के उपरांत आगामी वर्षों में वर्ष विशेष के लिए पृथक स्थानान्तरण नीति जारी नही की जाएगी। यद्यपि आवश्यक होने पर अधिसूचना के माध्यम से वर्तमान नीति में आवश्यक संशोधन / परिवर्धन किया जा सकेगा।
2.2 नवीन उन्नयन किए जाने वाले विद्यालय अथवा संकाय वृद्धि संबंधी स्वीकृति प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर के पूर्व जारी की जाएगी। स्वीकृत नवीन पदों को स्थानांतरण प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा।
2.3 प्रत्येक लोकसेवक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित की एजुकेशन पोर्टल में दर्ज व्यक्तिगत एवं पदस्थापना संबंधी जानकारी सही है। अन्यथा स्थिति में संबंधित लोकसेवक द्वारा उक्त जानकारी में सुधार बाबत समुचित अभ्यावेदन मय आवश्यक अभिलेख, नियत समय सीमा में, उनके संकुल प्राचार्य / कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत करना होगा। संकुल प्राचार्य / कार्यालय प्रमुख द्वारा अभ्यावेदन का परीक्षण कर सक्षम स्तर से आवश्यकतानुसार स्वीकृति प्राप्त कर एजुकेशन पोर्टल पर जानकारी अद्यतन की जाएगी। त्रुटिपूर्ण जानकारी के आधार पर स्थानान्तरण प्रक्रिया में विसंगति पैदा होने पर प्रकरण की जांच की जाकर जबाबदेह लोकसेवक / संकुल प्राचार्य / अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। (अपनी e-Service Book कैसे देखें और e-Service Book में त्रुटि सुधार या जानकारी को अपडेट कैसे करें? यहाँ देखिये)
2.4 स्थानांतरण हेतु वास्तविक एवं प्रत्याशित रिक्तियों की गणना प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल की स्थिति में की जाएगी. प्रत्याशित रिक्तियों में नवीन सृजित पद तथा सेवानिवृत्ति से रिक्त हो रहे पदों इत्यादि को सम्मिलित किया जाएगा.
2.5 शिक्षक सहित समस्त संवर्गों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया प्रतिवर्ष 15 मई ताकि समयावधि में पूर्ण की जाएगी, समय सारिणी निम्रानुसार होगी:
तालिका क्र. 1
2. एजुकेशन पोर्टल पर प्रत्येक लोक सेवक की व्यक्तिगत व पदस्थापना संबंधी जानकारी अद्यतन कराने संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण करना
समय सीमा - 15 जनवरी तक
दायित्व - समस्त कार्यालय प्रमुख / संकुल प्राचार्य / आहरण संवितरण अधिकारी / जिला शिक्षा अधिकारी / संभागीय संयुक्त संचालक / आयुक्त लोकशिक्षण
3. वास्तविक एवं प्रत्याशित रिक्तियों का निर्धारण
समय सीमा - 31 जनवरी तक
दायित्व - जिला शिक्षा अधिकारी / संभागीय संयुक्त संचालक / आयुक्त लोकशिक्षण
4. रिक्त पदों को एजूकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित कराना
समय सीमा - 01 मार्च तक
दायित्व - आयुक्त, लोकशिक्षण
5. पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की कार्यवाही
समय सीमा - 31 मार्च तक
दायित्व - आयुक्त, लोकशिक्षण
6. ऑनलाइन स्थानान्तरण आदेश जनरेट करना
समय सीमा - 30 अप्रैल तक
दायित्व - आयुक्त, लोकशिक्षण
7. भारमुक्ति / कार्यभार ग्रहण करने संबंधी कार्यवाही पूर्ण करना
समय सीमा - 15 मई तक
दायित्व - समस्त कार्यालय प्रमुख / संकुल प्राचार्य / आहरण संवितरण अधिकारी / जिला शिक्षा अधिकारी / संभागीय संयुक्त संचालक
2.6 प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण प्राथमिकता पर किये जायेंगे। इसके पश्चात रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर स्वैच्छिक स्थानांतरण किए जायेंगे।
2.7 स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु शिथिलता की अवधि में पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। शेष अवधि के दौरान किसी भी मोड में स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु कोई आवेदन स्वीकार नही होगा।
2.8 समस्त स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक स्थानांतरण आदेश एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन जारी किए जाएंगे एवं एम-शिक्षामित्र मोबाइल एप पर संबंधितों को उपलब्ध होंगे।
2.9 जिला अथवा संभाग के शिक्षक संवर्ग के पदोन्नति के पदों पर अन्य जिला अथवा संभाग संवर्ग के शिक्षकों को स्थानान्तरित कर पदस्थ नहीं किया जाएगा। किन्तु जिला / संभाग संवर्ग के अंतर्गत पदोन्नती पदों पर स्थानांतरण हेतु कोई बंधन नहीं होगा।
2.10 जिला अथवा संभाग अंतर्गत, अन्य जिला अथवा संभाग से स्थानांतरण द्वारा पदस्थापना उस जिला अथवा संभाग में शिक्षक संवर्ग के कुल स्वीकृत पदों की संख्या की सीमा तक ही की जा सकेगी। यह जानकारी आप MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. ऐसे स्थानांतरण का आधार जिला अथवा संभाग की संस्था विशेष में रिक्त पद को नहीं बनाया जाऐगा।
2.11 प्राथमिक / माध्यमिक विद्यालयों हेतु निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं नियम 2011 के तहत जारी संरचना, हाई स्कूल / हायर सेकण्ड्री स्कूल के लिए विभागीय आदेश दिनांक 11.03.2013 द्वारा जारी पद संरचना तथा एकीकृत शाला हेतु जारी पद संरचना के आधार पर संस्थावार सेटअप निर्धारित कर प्रकाशित / जारी किया जाएगा। प्रतिवर्ष सेटअप की समीक्षा की जाएगी एवं आवश्यक होने पर शैक्षणिक संस्थाओं / कार्यालयों के सेटअप में परिवर्तन किया जा सकेगा।
2.12 संस्था विशेष हेतु संख्या व विषयमान से, जैसी भी स्थिति हो, निर्धारित सेटअप से अधिक कार्यरत शिक्षकों को अतिशेष श्रेणी में चिन्हित किया जायेगा। अतिशेष शिक्षकों के लिए इस नीति की कंडिका 3.2 अनुसार समरूप पदों पर शिक्षकों की कमी वाली संस्थाओं में पदस्थापना की जाएगी।
2.13 विभागीय कार्यालयों में निर्धारित सेटअप से अधिक पदस्थ अतिशेष लोक सेवकों को अन्य संस्थाओं में रिक्त समरूप पदों पर स्थानांतरित कर पदस्थ किया जायेगा।
2.14 नवीन भर्ती द्वारा नियुक्त किये जाने वाले विभिन्न संवर्गों के शिक्षकों को समान्यतः ग्रामीण क्षेत्रों मैं स्थित विद्यालयों में पदस्थ किया जायेगा। उस विद्यालय में उन्हें न्यूनतम 3 वर्ष की कालावधि अथवा परिवीक्षा अवधि, जो भी अधिक हो, तक कार्य करना होगा। ऐसे शिक्षकों को सम्पूर्ण सेवा अवधि में न्यूनतम 10 वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करना होगा। यह जानकारी आप MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. नव नियुक्ति शिक्षकों की सेवा में उपस्थिति से पूर्व तत्संबंधी वचन पत्र प्रस्तुत करना होगा। विशेष विद्यालयों में चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों के लिए इस हेतु शिथिलता दी जाएगी।
2.15 10 वर्ष या इससे अधिक अवधि से एक ही संस्था, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में स्थानांतरित कर पदस्थ किया जाएगा। ऐसे शिक्षक स्वैच्छिक स्थानांतरण प्रक्रिया में भाग ले सकेगे। इस मापदण्ड अंतर्गत आने वाले शिक्षकों की कुल संख्या के न्यूनतम 10 प्रतिशत शिक्षकों को भर्ती वर्ष के क्रमानुसार वरिष्ठता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों को अधिकतम 10 वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करना होगा।
2.16 कंडिका 2.15 के अनुक्रम में शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों के साथ-साथ अध्यापक संवर्ग के ऐसे शिक्षक जिनकी प्रथम नियुक्ति नगरीय निकाय में शिक्षाकर्मी / संविदा शिक्षक के रूप में हुई थी एवं ये वर्तमान में नवीन संवर्ग में नियुक्ति होकर नगरीय क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे है उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नलिखित अवधि अनुसार पदस्थ किया जाएगा -
- वर्ष 2001 तक नियुक्त शिक्षाकर्मी / संविदा शिक्षक - 05 वर्ष
- वर्ष 2008 तक नियुक्त संविदा शिक्षक - 07 वर्ष
- वर्ष 2013 तक नियुक्त संविदा शिक्षक - 10 वर्ष
- वर्ष 2018 के पश्चात नियुक्त शिक्षक - 10 वर्ष
2.17 कंडिका 2.15 एवं 2.16 के परिप्रेक्ष्य में ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति में 03 वर्ष शेष है एवं अथवा गंभीर बीमारी / विकलांगता से पीडित है उन्हें इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाएगा। इन कंडिकाओं के तहत कार्यवाही के संबंध में आवश्यक मैट्रिक्स / अधिभार निर्धारण आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा नियत किया जाएगा।
2.18 दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों अथवा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में प्रशासकीय रूप से पदस्थ किए गए शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में एक निश्चित राशि प्रदान की जाएगी जैसा कि निर्धारित किया जाए। इस नीति के प्रकाशन के 03 माह की अवधि में ऐसे क्षेत्रों के विद्यालयों का चिन्हांकन आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा किया जाएगा।
2.19 आयुक्त, लोक शिक्षण के तहत विभिन्न वर्ग के शिक्षकों, प्राचायों तथा अधिकारियों को विभागांतर्गत अन्य कार्यालयों / मंडलों जैसे राज्य शिक्षा केंद्र, माध्यमिक शिक्षा मंडल, पाठ्यपुस्तक निगम, ओपन बोर्ड, महर्षि पंतजलि संस्कृत संस्थान इत्यादि में किसी पद विशेष पर स्थानांतरण द्वारा पदस्थ किया जा सकेगा। ऐसी पदस्थापना संबंधित कार्यालय की मांग, शर्तों एवं नियत प्रक्रिया अनुसार निश्चित अवधि हेतु की जाएगी। यह जानकारी आप MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. संबंधित को वेतन भत्ते आदि का भुगतान उस विभागाध्यक्ष / कार्यालय द्वारा किया जायेगा जिसमे संबंधित शिक्षक / प्राचार्य को पदस्थ किया गया है। अन्य विभागाध्यक्ष / मण्डलों में स्थानांतरण के कारण हुई कमी की प्रतिपूर्ति हेतु पदस्थ किए गए शासकीय सेवकों की संख्या के मान से ऐसे पदों को आयुक्त, लोक शिक्षण के अधीन समान संवर्गीय पदों में जोड़ा जाएगा।
2.20 शिक्षा विभाग से अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निहित प्रावधानों के तहत अपरिहार्य परिस्थितियों में ही की जाएगी। इस हेतु आयुक्त, लोक शिक्षण अधिकृत होंगे। प्रतिवर्ष शिक्षा विभाग से अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ लोकसेवकों के संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा समीक्षा की जाएगी तथा विभागीय आवश्यकता अनुसार ऐसे लोकसेवकों को वापिस मूल विभाग में पदस्थ करने संबंधी निर्णय लिया जायेगा।
2.21 विभिन्न संवर्ग के शिक्षकों / प्राचार्यों को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
3. स्थानांतरण प्रक्रिया
3.1 स्वैच्छिक स्थानांतरण
3.1.1 रिक्त पदों पर स्वैच्छिक स्थानांतरण ऑनलाइन किए जा सकेंगे किन्तु उपलब्ध मानवीय संसाधनों के युक्ततम उपयोग सुनिश्चित करने, उनका समानुपातिक रूप से वितरण करने एवं क्षेत्र विशेष में एकत्रीकरण रोकने के दृष्टिगत स्वैच्छिक स्थानान्तरण / पदोन्नति प्रक्रिया से पूर्व पद विशेष को अवरुद्ध (ब्लॉक) किया जा सकेगा।
3.1.2 स्थानांतरण हेतु प्राथमिकता का क्रम निम्न तालिका अनुसार होगा। अतिशेष शिक्षकों को प्रत्येक श्रेणी में वरीयता दी जाएगी -
तालिका क्र. 2वरीयता क्रम | शिक्षक संवर्ग के महिला/ पुरुष | स्थानांतरण में वरीयता क्रम का क्रमानुसार विवरण |
1 | महिला पुरुष | स्थानान्तरण सत्र से पहले सत्र की वार्षिक परीक्षा में कक्षा 10वी की बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम लाने वाले विद्यालयों में पदस्थ प्राचार्य और समस्त शैक्षणिक अमला (कक्षा 10वीं की परीक्षा में न्यूनतम 40 छात्रों का सम्मिलित होना अनिवार्य होगा) |
2 | महिला वर्ग | स्वयं अथवा परिवार के सदस्य गंभीर बीमारी से पीडित होने की स्थिति में। |
3 | पुरुष वर्ग | स्वयं अथवा परिवार के सदस्य गंभीर बीमारी से पीडित होने की स्थिति में। |
4 | महिला/ पुरुष | विवाह के कारण पत्री/पति के निवास अथवा कार्यस्थान पर स्थानांतरण |
5 | महिला वर्ग | निःशक्त श्रेणीं |
6 | पुरुष वर्ग | निःशक्त श्रेणीं |
7 | महिला/ पुरुष | विधवा अथवा परित्यक्ता / विधुर पुरुष वर्ग महिला |
8 | महिला | कोविड-19 जनित जटिल स्थिति के कारण पदस्थापना स्थल से अन्य स्थल पर चिकित्सयीय आवश्यकता होने पर |
9 | पुरुष | कोविड-19 जनित जटिल स्थिति के कारण पदस्थापना स्थल से अन्य स्थल पर चिकित्सयीय आवश्यकता होने पर |
10 | महिला वर्ग | राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक |
11 | पुरुष वर्ग | राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक |
12 | महिला वर्ग | राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक |
13 | पुरुष वर्ग | राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक |
14 | महिला वर्ग | एक से अधिक आवेदक होने पर अतिशेष शिक्षक को वरीयता दी जाएगी। |
15 | पुरुष वर्ग | एक से अधिक आवेदक होने पर अतिशेष शिक्षक को वरीयता दी जाएगी। |
16 | महिला वर्ग | एक से अधिक आवेदक होने पर वरिष्ठ शिक्षक (सम्पूर्ण सेवा अवधि के आधार पर) को वरीयता दी जाएगी। |
17 | पुरुष वर्ग | एक से अधिक आवेदक होने पर वरिष्ठ शिक्षक (सम्पूर्ण सेवा अवधि के आधार पर) को वरीयता दी जाएगी। |
3.1.4 पात्र आवेदकों को उपर्युक्त तालिका 3.1.2 में निर्धारित प्राथमिकता / वरीयता के आधार पर उनके द्वारा च्वाइस की गई संस्थाओं / ब्लॉक के वरीयता क्रम में उपलब्धतानुसार रिक्त पद पर बगैर मानवीय हस्तक्षेप के स्थानांतरित किया जा सकेगा।
3.1.5 स्वैच्छिक रूप से पारस्परिक (आपसी) स्थानान्तरण भी ऑनलाइन हो सकेंगे इसके लिए समान पद और समान विषय होना अनिवार्य होगा।
3.1.6 उत्कृष्ट विद्यालयों, मॉडल विद्यालयों तथा सी.एम. राइज विद्यालयों (प्रथम चरण में चयनित 275 विद्यालयों) में शिक्षकों / प्राचायों की पदस्थापना एक निश्चित अवधि के लिए विभागीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से की जाएगी। इसमें नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा भी भाग लिया जा सकेगा. ऐसे परिवीक्षाधीन चयनित शिक्षकों को सी.एम. राइज में पदस्थापना के लिए शिथिलता प्रदान की जा सकेगी। इसी प्रकार उत्कृष्ट मॉडल एवं सी.एम. राइज विद्यालयों में पदस्थ शैक्षणिक अमले का स्थानांतरण अन्य विद्यालयों में किया जा सकेगा परन्तु इन विद्यालयों में स्वैच्छिक स्थानान्तरण के माध्यम से पदस्थापना नहीं की जाएगी।
3.1.7 प्राचार्य / सहायक संचालक एवं उक्त पद से वरिष्ठ पदों को छोड़कर शेष स्वैच्छिक स्थानांतरण एजुकेशन पोर्टल पर स्थापित ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उपरोक्त कंडिका 3.1.2 अनुसार प्राथमिकता के क्रम में बिना मानवीय हस्तक्षेप के किये जायेंगे। स्थानांतरण आदेश आयुक्त लोक शिक्षण के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी किए जाएंगे।
3.1.8 प्राचार्य / सहायक संचालक एवं उक्त से वरिष्ठ पदों पर कार्यरत अधिकारियों के स्वैच्छिक स्थानान्तरण आवेदन नियत अवधि में ऑनलाइन स्वीकार्य होंगे। आवेदनों का निराकरण आवश्यकतानुसार ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन मोड में किया जा सकेगा।
3.1.9 भारमुक्ति और पदभार ग्रहण संबंधी कार्यवाही ऑनलाइन की जाएगी। यदि आवेदक द्वारा स्थानांतरण प्रक्रिया में वरीयता (गंभीर बीमारी, निःशक्ता इत्यादि) प्राप्त की गई है ऐसी स्थिति में संबंधित की भारमुक्ति से पूर्व प्राप्त वरीयता के संबंध में प्रमाण पत्र आदि का सत्यापन संबंधित संकुल प्राचार्य द्वारा किया जाएगा तथा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित द्वारा समस्त प्रभार का विधिवत हस्तांतरण कर दिया गया है।
3.1.10 ऑनलाइन स्थानांतरण जिस प्राथमिकता / वरीयता के आधार पर किया गया है उसके संबंध में यदि यह पाया जाता है कि संबंधित आवेदक द्वारा त्रुटिपूर्ण जानकारी के आधार पर पोर्टल पर वरीयता / पात्रता प्राप्त की गयी है तो ऐसी स्थिति में संबंधित लोक सेवक के विरुद्ध सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी एवं उनका स्थानांतरण आदेश निरस्त किया जायेगा।
3.1.11 भारमुक्ति हेतु स्थानान्तरण आदेश में उल्लेखित समय सीमा में यदि संकुल प्राचार्य/कार्यालय प्रमुख द्वारा किसी लोकसेवक को भारमुक्त नहीं किया जाता है तो सम्बंधित संकुल प्राचार्य / कार्यालय प्रमुख के विरुद्ध सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत अनुशासनात्मक की जाएगी
3.1.12 स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के पश्चात् आगामी 03 शैक्षणिक सत्र तक विशेष परिस्थितियों को छोड़कर ऐसे शिक्षकों के स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
3.1.13 शिक्षकों के प्रशासनिक स्थानांतरण उनके संवर्ग के अंतर्गत ही किए जाएगे। संवर्ग से बाहर जन्य जिले अथवा संभाग में स्थानान्तरण मात्र स्वैच्छिक आधार पर होगें, ऐसी स्थिति में संबंधित आवेदक शिक्षक की वरिष्ठता नवीन पदस्थापना वाले जिले / संभाग में उनके संवर्ग में निम्नतम स्थान पर मान्य होगी।
3.2 अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन एवं स्थानांतरण
3.2.1 उपयुक्त कंडिका 2.10, 2.11 एवं 2.12 में वर्णित मापदंडों के आधार पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में संख्या व विषयमान से, जैसी भी स्थिति हो, अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन किया जाएगा। संस्था विशेष में कार्यरत अतिशेष शिक्षक एजुकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित होंगे।
3.2.2 संख्या अथवा विषयमान से, जैसे भी स्थिति हो, अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन, पदस्थ संस्था में उनकी कार्यरत सेवा अवधि के आधार पर वरिष्ठता क्रम में किया जायेगा। तात्पर्य यह है कि जो शिक्षक वर्तमान पदस्थापना वाली संस्था में सबसे ज्यादा समय से कार्यरत है वे अतिशेष की श्रेणी में चिन्हित होंगे।
3.2.3 अतिशेष शिक्षक भी अन्य शिक्षकों की भांति ऑनलाइन स्वैच्छिक स्थानान्तरण प्रक्रिया में भाग लेंगे। अतिशेष शिक्षकों को कंडिका 3.1.2 अनुसार प्रत्येक श्रेणी में स्थानान्तरण हेतु वरीयता प्राप्त होगी।
3.2.4 ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम समय शेष हैं, 40% या उससे अधिक निशक्तता है अथवा गंभीर बीमारी से ग्रसित है, को अतिशेष मानकर स्थानांतरित नहीं किया जायेगा। ऐसी स्थिति में कंडिका 3.2.2 अनुसार अगले क्रम पर उपलब्ध वरिष्ठ शिक्षक का स्थानान्तरण किया जायेगा।
3.2.5 ऐसे अतिशेष शिक्षक जिनके द्वारा स्वैच्छिक स्थानांतरण प्रक्रिया में भाग नहीं लिया गया अथवा उनका स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन वरीयता क्रम में न आने से असफल हो गया है, उनका प्रशासनिक स्थानांतरण शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाली संस्थाओं में किया जायेगा।
3.2.6 प्रतिबंध अवधि में भी आवश्यकतानुसार समय-समय पर अतिशेष शिक्षकों के प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण शिक्षकों की कमी वाली संस्थाओं में किए जा सकेंगे।
3.2.7 अध्यापक / शिक्षाकर्मी / संविदा शिक्षक / गुरूजी जैसी भी स्थिति हो, यदि उनकी नवीन संवर्ग में नियुक्ति नहीं हुई है, उनको अतिशेष घोषित कर अन्यत्र पदस्थ नहीं किया जायेगा, चूँकि ऐसे लोकसेवकों की नियुक्ति संस्था विशेष के लिए की गयी है।
3.3 प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण
3.3.1 प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण के अंतर्गत मुख्य रूप से
i. शिक्षक विहीन तथा शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में रिक्त पदों की पूर्ति, प्रतिनियुक्ति से वापसी, न्यायालयीन निर्णयों के अनुपालन, गंभीर शिकायतों अथवा शिकायत में दोष सिद्ध पाए जाने के दृष्टिगत, गंभीर अनुशासनहीनता की स्थिति में संस्था / शाला प्रमुखों द्वारा की गयी अनुशंसा पर प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण किये जायेंगे ।
ii. उत्कृष्ट एवं मॉडल विद्यालयों तथा नगरीय क्षेत्रों में स्थित हाई / हायर सेकण्ड्री विद्यालयों के विगत वर्ष के वार्षिक परीक्षा परिणाम 60% से कम होने तथा शेष हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री विद्यालयों के वार्षिक परीक्षा परिणाम 40% से कम होने पर, संबंधित प्राचार्य तथा विषयों के विषय शिक्षक के लिए उनके विषय में क्रमश: 70% एवं 50% परीक्षा परिणाम उक्त निर्धारित सीमा से यदि कम है तो ऐसे प्राचार्यों एवं शिक्षकों का प्रशासनिक स्थानांतरण शिक्षकों की कमी वाली ग्रामीण क्षेत्रों की दूरस्थ शालाओं में किया जा सकेगा।
iii. प्राथमिक / माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी न्यून परीक्षा परिणामों के आधार पर प्रशासनिक रूप से स्थानांतरित किया जा सकेगा। आयुक्त लोक शिक्षण इस हेतु आवश्यक मापदंड निर्धारित करेंगे।
iv. अन्य प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत अपरिहार्य स्थिति में भी प्रशासनिक स्थानान्तरण किये जा सकेंगे।
33.2 प्रशासनिक स्थानांतरण द्वारा संख्यावार तथा विषयवार रिक्तियों को ध्यान में रखा जाकर ही पदस्थापना की जाएगी। जिन शालाओं में संख्यामान अथवा विषयमान से अतिशेष शिक्षक पदस्थ हैं, उन शालाओं में पदस्थापना नहीं की जाएगी।
3.3.3 प्रशासनिक आधार पर स्थानातरण करने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त स्थानान्तरण से शाला शिक्षक विहीन न होने पाए। ऐसी स्थिति में प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण करने से पूर्व किसी अन्य शिक्षक की पदस्थापना सुनिश्चित की जायेगी।
3.3.4 उत्कृष्ट विद्यालयों, मॉडल विद्यालयों तथा सी.एम. राइज विद्यालयों में विभागीय परीक्षा के माध्यम से पदस्थ किये गए शिक्षकों के कार्य का मूल्यांकन सामान्यतः प्रति 5 वर्ष में किया जायेगा। यह जानकारी आप MP Education Gyan Deep पर देख रहे हैं. मूल्यांकन में अपेक्षित परिणाम प्राप्त न होने पर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों की कमी वाने विद्यालयों में स्थानांतरित किया जायेगा। किन्तु 5 वर्ष के पूर्व भी प्राचार्य की अनुशंसा पर अपेक्षित परिणाम प्राप्त न होने से उन्हें स्थानांतरित किया जा सकेगा।
3.3.5 कार्य सुविधा के दृष्टिगत प्रशासनिक आधार पर उत्कृष्ट विद्यालयों, मॉडल विद्यालयों तथा सी.एम. राइज विद्यालयों में कार्यरत प्राचार्य / शिक्षकों का आपसी स्थानांतरण संबंधित विद्यालयों के अंतर्गत किया जा सकेगा।
3.3.6 विभिन्न विभागीय कार्यालयों में सामान्यतः 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत विशेष रूप से क्रय / स्टोर / स्थापना शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को अन्य कार्यालय / शाखा / कक्ष में पदस्थ किया जा सकेगा ।
3.3.7 समस्त प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण विभागीय मंत्री जी के अनुमोदन उपरान्त आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा ऑनलाइन जारी किए जाएंगे।
3.3.8 प्रत्येक पद / संवर्ग में वर्ष में (प्रतिबंध अवधि एवं प्रतिबंध शिथिलीकरण अवधि को मिलाकर) अधिकतम निम्नानुसार स्थानान्तरण किए जा सकेंगे :
क्रमांक | पद/संवर्ग की संख्या | अधिकतम स्थानान्तरण का प्रतिशत (पद/संवर्ग में कार्यरत संख्या के आधार पर) |
1 | 200 तक | 20 प्रतिशत |
2 | 200 से अधिक | 15 प्रतिशत |
3.4 प्रतिबन्ध अवधि में प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण
3.4.1 प्रतिबन्ध की अवधि, प्रत्येक वर्ष, कंडिका 2.5 में उल्लेखित संवर्ग विशेष के लिए स्थानांतरण की शिथिलता अवधि को छोड़कर होगी।
3.4.2 प्रतिबन्ध अवधि में प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण कंडिका 3.3.1 (i, ॥ एवं iii) के दृष्टिगत किये जाएगे।
3.4.3 प्रतिनियुक्ति से वापसी के प्रकरणों में प्राचार्य संवर्ग एवं उससे कनिष्ठ पदों के लिए पदस्थापना आदेश प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा तथा शेष वरिष्ठ पदों के लिए शासन स्तर से पदस्थापना आदेश जारी किए जाएंगे। प्रतिनियुक्ति से वापसी संबंधी पदस्थापना कार्य के दृष्टिगत अधिक आवश्यकता वाले रिक्त पदों पर की जाएगी।
3.4.4 प्रतिबंध अवधि में प्रथम श्रेणी अधिकारियों के प्रकरणों में समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे।
3.4.5 संकुल अंतर्गत शाला शिक्षक विहीन होने / संख्या व विषयमान से शिक्षकों की अत्यन्त कमी होने अथवा अन्य अपरिहार्य परिस्थितियों के दृष्टिगत सत्र विशेष के लिए अथवा सत्र में निश्चित समयावधि के लिए संकुल अंतर्गत पदस्थ शिक्षक की एक शाला से दूसरी शाला में निम्न तालिका अनुसार तात्कालिक शैक्षणिक व्यवस्था की जा सकेगी:
पद विवरण | सक्षम अधिकारी |
माध्यमिक शिक्षक / उ.श्रे. शि. / प्र.अ. माध्यमिक शाला / उच्च माध्यमिक शिक्षक / व्याख्याता/ खेलकूद शिक्षक श्रेणी ब | संभागीय संयुक्त संचालक (संबंधित संकुल / संस्था प्रमुख की मांग व जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंसा पर) |
प्राथमिक शिक्षक / सहायक शिक्षक / प्र.अध्यापक प्रा.शा. / खेलकूद शिक्षक श्रेणी अ | जिला शिक्षा अधिकारी (संबंधित संकुल/संस्था प्रमुख की मांग पर) |
उपर्युक्तानुसार शिक्षकों की शैक्षणिक व्यवस्था आवश्यकतागत पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक रूप से सत्रांत तक के लिए की जा सकेगी, जो सत्र की समाप्ति पर स्वतः निष्प्रभावी हो जायेगीं।
4. स्थानान्तरण नीति की अन्य शर्ते
4.1 जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष या उससे कम समय शेष है तो ऐसे शिक्षकों / अधिकारियों / कर्मचारियों का सामान्यतः प्रशासनिक स्थानान्तरण नहीं किया जायेगा।
4.2 कमीशन प्राप्त एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस. से संबंधित अधिकारियों के स्थानान्तरण करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जिन स्थानों पर इन अधिकारियों का स्थानान्तरण किया जाना है उन स्थानों पर एन.सी.सी. / एन.एस.एस. की संबंधित इकाई संचालित हो।
4.3 सहायक संचालक संवर्ग एवं उनसे वरिष्ठ संवर्ग के लोक सेवकों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ नहीं किया जाएगा, किन्तु अविवाहित, विधवा, गंभीर बीमारी से पीड़ित, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं एवं पति-पति की गंभीर बीमारी के प्रकरणों में उनके गृह जिले में स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
4.4 राज्य शासन से पत्राचार करने की मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के प्रदेश / संभाग / जिला / तहसील / विकासखण्ड शाखा के पदाधिकारियों यथा – अध्यक्ष / सचिव / कोषाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति उपरान्त स्थानान्तरण से दो पदावधि के लिये अर्थात् 4 वर्ष तक की सामान्यतः छूट प्राप्त होगी। यह सुविधा उसके पूरे सेवाकाल में नियमानुसार दो पदावधि के लिये मिलेगी। 4 वर्ष से अधिक पदस्थापना अवधि पूर्ण होने पर प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार ऐसे पदाधिकारियों को भी स्थानान्तरित किया जाएगा। संगठन के पदों में नियुक्ति की पूर्व सूचना के संबंध में सक्षम प्राधिकारी की संतुष्टि का आधार मुख्य होगा। इस संबंध में शासन के पत्र क्रमांक एफ 10-6/05/1-15/क.क. दिनांक 24 अप्रैल 2006 के प्रावधानों के अनुसार मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों द्वारा निर्वाचन के पश्चात् निर्वाचित पदाधिकारियों की सूची उनके कार्यकाल सहित संबंधित जिला कलेक्टर को दी जायेगी। इसके साथ-साथ संबंधित विभाग प्रमुख, जहाँ के कार्यरत हो, तथा सामान्य प्रशासन विभाग (कर्मचारी कल्याण प्रकोष्ठ) को दिनांक 30 अप्रैल की स्थिति में सौंप दी गई हो, उन्हीं पदाधिकारियों को स्थानान्तरण से छूट का लाभ दिया जाएगा।
4.5 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने याचिका क्रमांक 14195/2007 (एस) में पारित निर्णय / आदेश दिनांक 20.11.2008 में शासन द्वारा कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण में स्थानान्तरण नीति के अन्तर्गत जारी निर्देशों का ध्यान नहीं रखने पर टिप्पणी की है जैसे- बिना रिक्त पद के स्थानान्तरण किया जाना। पद रिक्त न होने के कारण कर्मचारियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है, अतः आदेश जारी करने के पूर्व यह सुनिश्चित किया जायें कि जिस अधिकारी / कर्मचारी का स्थानान्तरण जहाँ किया जा रहा है वहां पद रिक्त है या नहीं।
4.6 एक ही मुख्यालय में स्थित एक कार्यालय / संस्था से दूसरे कार्यालय / संस्था में किया गया स्थानान्तरण स्थानीय व्यवस्था है, इसे स्थानान्तरण की श्रेणी में मान्य नहीं किया जायेगा। शाला को कार्यालय श्रेणी अंतर्गत नहीं माना जायेगा।
4.7 सभी प्रकार के संलग्नीकरणों को समाप्त किया जाएगा।
4.8 प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण आदेश के निरस्तीकरण अथवा उसमें संशोधन के लिये उक्त स्थानांतरण हेतु निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा।
5. एकतरफा कार्यमुक्ति - यथा स्थिति बढ़ी हुई समायावधि व्यतीत हो जाने पर सक्षम प्राधिकारी या उससे वरिष्ठ अधिकारी स्थानान्तरित अधिकारी / कर्मचारी को कार्यमुक्त करेगा। उक्त अवधि में स्थानान्तरित अधिकारी / कर्मचारी यदि कार्यमुक्त नहीं होता है तो उसे एकतरफा कार्यमुक्त किया जायेगा। एकतरफा कार्यमुक्त करने की तिथि से स्थानान्तरण आदेश क्रियान्वित होना माना जायेगा।
6. वेतन आहरण - स्थानान्तरण आदेश के क्रियान्वयन के लिये पूर्वोक्त कण्डिकाओं में निर्धारित अवधि के पश्चात् स्थानान्तरित अधिकारी / कर्मचारी का वेतन आहरण पूर्व पदस्थापना से आहरित नही की जायेगा। यदि इसके विपरीत उसी संस्था से वेतन आहरित होता है, तो यह वित्तीय अनियमितता मानी जायेगी। कार्यमुक्ति के तत्काल पश्चात् अंतिम वेतन प्रमाण पत्र तथा अन्य सेवा अभिलेख आवश्यक रूप से नवीन पदस्थापना कार्यालय को प्रेषित किए जायेंगे एवं इसकी प्रविष्टि पोर्टल पर की जायेगी। इसके लिये कार्यालय प्रमुख तथा आहरण एवं संवितरण अधिकारी विशेष रूप से उत्तरदायी होगा। कार्यमुक्त होने के पश्चात् स्थानान्तरित अधिकारी / कर्मचारी का वेतन नवीन पदस्थापना से ही आहरित होगा।
7. अवकाश स्वीकृति कार्यमुक्त होने के पश्चात् एवं नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के मध्य की अवधि के किसी भी प्रकार का अवकाश का निराकरण नियुक्तिकर्ता कार्यालय के अभिमत प्राप्त करने के पश्चात् ही सक्षम अधिकारी द्वारा निराकृत किया जाएगा।
8. पालन न होने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही - स्थानान्तरण आदेश का बिना युक्तिसंगत कारणों से पालन नहीं करने, बिना पूर्व अनुमति एवं स्वीकृति के अवकाश पर प्रस्थान करने वाले शासकीय सेवकों के विरुद्ध पृथक से अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
9. स्थानान्तरण के विरुद्ध अभ्यावेदन -
9.1 स्वैच्छिक स्थानान्तरण होने के उपरांत संबंधित लोकसेवक को नवीन पदस्थापना पर पदभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा सामान्यतः स्थानांतरण निरस्तीकरण संबंधी कोई आवेदन स्वीकार नहीं होगा। अपरिहार्य परिस्थति में इस संबंध में कारणों को दर्शाते हुए आदेश जारी दिनांक के 15 दिवस की समयावधि में एजूकेशन पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। ऐसे आवेदनों का निकरारण आवेदन दिनांक से 30 दिवस की समयावधि में आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा किया जावेगा।
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