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New Transfer Policy 2023 : Transfer Policy for MP Govt. Employees - मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए नीति जारी की, 15 June, 2023 से 30 June, 2023 तक ट्रान्सफर पर बैन हटाया.

New Transfer Policy 2023 -  Transfer Policy for MP Govt. Employees

ट्रान्सफर से प्रतिबन्ध हटाया, 30 June 2023 तक हो सकेंगे अधिकारीयों / कर्मचारियों के ट्रान्सफर.

स्थानांतरण नीति 2021 के अनुसार होंगे ट्रान्सफर, Trabsfer Policy 24/06/2021 की जानकारी भी पोस्ट में आगे दी गई है, ट्रान्सफर पालिसी की पूरी जानकारी के लिए MP Education Gyan Deep की इस पोस्ट को अंत तक पढ़िए. 

New Transfer Policy 2022 -  Transfer Policy for MP Govt. Employees

मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए नीति जारी की, 15 June, 2023 से 30 June, 2023 तक ट्रान्सफर पर बैन हटाया.

सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश शासन मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल ने आदेश क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9 भोपाल दिनांक 24 जून 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर स्थानांतरण नीति पर अधिकारियों / कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2021 जारी कर दी गई थी.

मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल द्वारा विभाग के क्रमांक एफ 6-1/2021/1/9 भोपाल दिनांक 24 जून, 2021 के संदर्भ में जारी आदेश क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9 भोपाल दिनांक 14/06/2023 के अनुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 15 जून, 2023 से 30 जून, 2023 तक की अवधि के लिए स्थानांतरण से प्रतिबन्ध हो शिथिल किया गया है, इस अवधि में प्रत्येक विभाग अपनी प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण कर सकेंगे.

इस अवधि में जिला संवर्ग के कर्मचारी एवं राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिले के भीतर स्थानांतरण जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत किये जायेंगे। स्थानांतरण आदेश विभागीय जिला अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किये जायेंगे।

सामान्य प्रशासन विभाग के समसंख्यक ज्ञाप दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा जारी स्थानांतरण नीति की कंडिका-7 में दिनांक 01/04/2020 से 30/06/2021 के स्थान पर दिनांक 01/04/2022 से 14/06/2023 एवं कंडिका- 41 में दिनांक 31 जुलाई 2021 के स्थान पर दिनांक 30/06/2023 पढ़ा जाए।

ट्रान्सफर स्थानांतरण नीति 2021 (सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-1/2021/1/9 भोपाल दिनांक 24 जून, 2021) के अनुसार होंगे. 

राज्य शासन द्वारा राज्य एवं जिला स्तर के लिए 24 जून 2021 को जारी स्थानांतरण नीति इस प्रकार है -

1. यह स्थानांतरण नीति (Transfer Policy) मध्यप्रदेश संवर्ग (Madhya Pradesh) के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारीगण, मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा के अधिकारीगण एवं मध्यप्रदेश मंत्रालय सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी।

2. जो विभाग अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के संबंध में अपने लिए पृथक स्थानांतरण नीति (Transfer Policy) निर्धारित करना चाहेंगे, वे सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति से ऐसा कर सकेंगे, परन्तु इस नीति के मुख्य प्रावधानों से अन्यथा नीति नहीं बनाई जायेगी।

3. इस स्थानान्तरण नीति से हटकर किये जाने वाले स्थानान्तरण के प्रकरणों में माननीय मुख्यमंत्रीजी (CM) के समन्वय में आदेश प्राप्त करने होंगे। 

प्रतिबंध अवधि को शिथिल किए जाने के दौरान स्थानांतरण प्रक्रिया

4. प्रदेश में राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों / कर्मचारियों के पूरे वर्ष निरन्तर स्थानान्तरण करने पर प्रतिबंध लागू रहेगा। दिनांक 1 जुलाई, 2021 से 31 जुलाई, 2021 तक की अवधि के लिए स्थानांतरण से प्रतिबन्ध को शिथिल किया जाता है। इस अवधि में प्रत्येक विभाग अपनी प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण कर सकेंगे।

5. इन निर्देशों के अधीन जिला संवर्ग के कर्मचारीगण का एवं राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिले के भीतर स्थानांतरण जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत किया जायेगा। स्थानांतरण आदेश विभागीय जिला अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किये जायेंगे।

6. सभी विभागों के राज्य संवर्ग के अंतर्गत विभागाध्यक्ष तथा शासकीय उपक्रमों एवं संस्थाओं में पदस्थ प्रथम श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (चाहे वे किसी भी पदनाम से जाने जाते हो) के स्थानांतरण आदेश समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरांत प्रशासकीय विभाग द्वारा जारी किए जायेंगे। राज्य संवर्ग के शेष समस्त प्रथम श्रेणी अधिकारीगण तथा द्वितीय एवं तृतीय श्रेणियों के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण (जिले के भीतर किये जाने वाले स्थानांतरण को छोड़कर) आदेश विभागीय भारसाधक मंत्री के अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव / सचिव द्वारा जारी किए जायेंगे। राज्य संवर्ग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण (जिले के भीतर किये जाने वाले स्थानांतरण को छोड़कर) विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत विभागाध्यक्ष द्वारा किए जायेंगे।

7. दिनांक 01/04/2020 से 30/06/2021 (स्थानांतरण नीति वर्ष 2023 के लिए 15/06/2023 से 30/06/2023) के बीच जिन अधिकारियों / कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया, उन्हें पुन: स्थानांतरित, समन्वय में अनुमोदन लेने के पश्चात ही उपरोक्तानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया जावेगा।

8. गृह विभाग के अंतर्गत उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के पुलिस अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानान्तरण के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-73/1998/ब- 2/दो, दिनांक 14.02.2007 द्वारा गठित पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा जिले में पदस्थापना का निर्णय लिया जाएगा। जिले के भीतर पुलिसअधीक्षक द्वारा प्रभारी मंत्री के परामर्श के उपरांत पदस्थापना की जाएगी। उप पुलिस अधीक्षक और उससे वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतर पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन पश्चात् किए जाएंगे।

प्रतिबंध अवधि के दौरान स्थानांतरण

9. स्थानांतरण नीति की कंडिका 4 में वर्णित अवधि को छोड़कर वर्ष की शेष अवधि में स्थानांतरणों पर प्रतिबंध रहेगा। प्रतिबंध अवधि में तथा स्थानांतरण नीति से हटकर सामान्यत: केवल निम्न अपवादिक परिस्थितियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के स्थानांतरण आदेश माननीय मुख्यमंत्री जी से समन्वय में अनुमोदन उपरांत ही जारी किए जा सकेंगे

9.1 स्वयं की गंभीर बीमारी अथवा स्वयं की शारीरिक / मानसिक दिव्यांगता के कारण प्रस्तुत आवेदन के आधार पर 

9.2 ऐसे न्यायालयीन निर्णय के अनुक्रम में, जिसके माध्यम से प्रदत्त आदेश के अनुपालन के अतिरिक्त और कोई विकल्प शेष न हो।

9.3 शासकीय सेवक (Govt. Employee) की अत्यंत गंभीर शिकायत / गंभीर / गंभीर लापरवाही प्रथम दृष्टया प्रमाणित होने अनियमितता पर।

9.4 लोकायुक्त संगठन / आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो अथवा पुलिस द्वारा शासकीय सेवक के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने अथवा अभियोजन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर जांच प्रभावित न होने की दृष्टि से किए जाने वाले स्थानांतरण।

9.5 निलंबन, दीर्घअवकाश त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य / अनिवार्य / स्वैच्छिक), पदोन्नति, क्रमोन्नति, प्रतिनियुक्ति से वापसी अथवा शासकीय सेवक के निधन के फलस्वरूप रिक्त हुए पद की पूर्ति हेतु, जिसके संबंध में विभाग का यह मत हो कि लोकहित में उक्त पद की पूर्ति स्थानांतरण पर प्रतिबंध अवधि में की जाना अत्यंत आवश्यक है। 

9.6 परियोजना का कार्य पूर्ण होने पर अथवा पद अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के कारण स्थानांतरित किया जा सकेगा। 

10 प्रतिबंध अवधि में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रकरण प्रशासकीय विभाग द्वारा निराकृत किए जाएंगे।

स्थानांतरण नीति के अन्य प्रमुख प्रावधान

11 स्थानांतरण आदेश जारी करने के पूर्व विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति के महत्वपूर्ण मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व विभाग के अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव का रहेगा तथा विभागाध्यक्ष स्तर से किये गये स्थानांतरण में दायित्व विभागाध्यक्ष का रहेगा। जिला स्तर पर यह दायित्व संबंधित विभागीय अधिकारी का रहेगा।

12. स्थानांतरण आदेश का निरस्तीकरण अथवा संशोधन स्थानांतरण की श्रेणी में ही आता है। अतएव ऐसे प्रकरणों में स्थानांतरण पर प्रतिबंध की अवधि में स्थानांतरण के लिये निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण आवश्यक है। एक ही मुख्यालय पर स्थित एक कार्यालय से उसी मुख्यालय पर स्थित दूसरे कार्यालय में प्रशासकीय दृष्टि से स्थानीय परिवर्तन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है। यह एक स्थानीय व्यवस्था है, जिसे स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।

13. प्रत्येक पद/संवर्ग में वर्ष में (प्रतिबंध अवधि एवं प्रतिबंध शिथिलीकरण अवधि को मिलाकर) अधिकतम निम्नानुसार स्थानांतरण किए जा सकेंगे

स.क्र. पद / संवर्ग की संख्या
अधिकतम स्थानांतरण का प्रतिशत
(पद / संवर्ग में कार्यरत संख्या के आधार पर)
1 200 तक 20 प्रतिशत तक
2 201 से 2000 तक 10 प्रतिशत तक
3 2000 से अधिक 5 प्रतिशत तक

14. स्थानांतरण द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति सब अनुसूचित क्षेत्रों में की जाए। अनुसूचित क्षेत्रों में शत-प्रतिशत रिक्त पदों की पूर्ति होने के बाद ही गैर अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त पद स्थानांतरण द्वारा भरे जाएं। अनुसूचित क्षेत्रों में 3 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर ही स्थानांतरण किए जाएंगे, किन्तु ऐसे स्थानांतरण, उनकी जिले में पदस्थापना की वरिष्ठता के क्रम से किये जायें अर्थात जो पूर्व से पदस्थ हों उसका स्थानांतरण पहले किया जाये। अनुसूचित क्षेत्रों से गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरित शासकीय सेवकों को तब तक भारमुक्त न किया जाये, जब तक कि उनके स्थान पर पदस्थ अधिकारी / कर्मचारी द्वारा पदभार ग्रहण न कर लिया गया हो, परंतु उक्त शर्त एक अनुसूचित क्षेत्र से दूसरे अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित अधिकारियों / कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी। अनुसूचित क्षेत्रों से गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरित शासकीय सेवकों के रिलीवर की प्रतीक्षा किए बिना भारमुक्ति के विशिष्ट आपवादिक प्रकरणों में विभागीय मंत्री द्वारा समन्वय में मुख्यमंत्रीजी का अनुमोदन प्राप्त कर निर्णय किया जा सकेगा। यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं. 

15. राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिले में की जायेगी। जिले के भीतर डिप्टी कलेक्टर / संयुक्त कलेक्टर की अनुविभाग में पदस्थापना या अनुविभाग परिवर्तन, कलेक्टर द्वारा जिला प्रभारी मंत्री से परामर्श उपरान्त किया जा सकेगा।

16. तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की जिले में पदस्थापना / स्थानांतरण जिला कलेक्टर द्वारा जिला प्रभारी मंत्री के परामर्श उपरान्त ही की जा सकेगी।

17. जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा।

18. प्रशासनिक आधार पर किये जाने वाले स्थानान्तरणों में उन शासकीय सेवकों को पहले स्थानांतरित किया जा सकेगा, जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया गया हो। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं. यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। निर्माण एवं नियामक स्वरूप के विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में मात्र 3 वर्ष की अवधि को ही स्थानांतरण का आधार न बनाया जाये। न्यायालयीन निर्णय के अनुपालन, गंभीर शिकायतों, रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं प्रतिनियुक्ति से वापसी आदि के प्रकरणों में विभाग नीति में वर्णित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए स्थानान्तरण कर सकता है।

19. रिक्त स्थानों की पूर्ति हेतु श्रृंखला बनाना प्रतिबंधित होगा। 

20. स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण अथवा परस्पर स्थानांतरण (Mutual Transfer) हेतु आवेदन यथास्थिति ऑन-लाइन (Online) अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा सत्यापित आवेदन प्रस्तुत किये जायेंगे। स्वयं के व्यय पर रिक्त पद / परस्पर किये गये स्थानांतरण तथा प्रशासनिक कारणों से किये गये स्थानांतरण संबंधी आदेश अलग-अलग जारी किये जाएं।

21. स्वेच्छा से स्थानान्तरण संबंधी आवेदन में उन शासकीय सेवकों के स्थानान्तरणों को प्राथमिकता दी जायेगी जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण किया हो । 

22. जिन अधिकारियों / कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति में एक वर्ष या उससे कम समय शेष हो, सामान्यत: उनका स्थानांतरण नहीं किया जाए।

23. पति-पत्नी के स्वयं के व्यय पर एक ही साथ पदस्थापना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा, परन्तु पदस्थापना का स्थान प्रशासकीय आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित होगा। इसका आशय यह नहीं है कि पति / पत्नी यदि एक ही जिले / मुख्यालय में कार्यरत हों तो उनका स्थानान्तरण नहीं किया जा सकता है। यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं.

24. गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, किडनी खराब होने के कारण डायलेसिस करवाने ओपन हार्ट सर्जरी के कारण अथवा कोविड (COVID-19) जैसी संक्रामक महामारी से गंभीर रूप से पीड़ित होने के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो जिला मेडिकल बोर्ड (District Medical Board) की अनुशंसा पर शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा।

25. शिकायती जांच के परिणामस्वरूप प्रथम दृष्टि में दोष सिद्ध पाये जाने पर संबंधित अधिकारी / कर्मचारी का स्थानांतरण किया जा सकेगा। यदि किसी कर्मचारी को शिकायत या अन्य प्रशासनिक कारणों से किसी स्थान से पूर्व में स्थानांतरित किया गया हो तो उसे पुन: उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया जावेगा।

26. ऐसे दिव्यांग कर्मचारी, जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो, के सामान्यतः स्थानांतरण न किये जायें, किन्तु उनके द्वारा स्वयं के व्यय पर स्वेच्छा से स्थानांतरण का आवेदन (Transfer Application) देने पर स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा।

27. ऐसे शासकीय अधिकारियों / कर्मचारियों को जिनके पति / पत्नी एवं पुत्र / पुत्री मानसिक निःशक्तता, स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निःशक्तता से पीड़ित है, को स्वयं के व्यय पर ऐसी जगह पर पदस्थापना करने के संबंध में विचार किया जा सकेगा, जहां निःशक्तता से पीड़ित का उपचार एवं पुत्र/पुत्री को शिक्षा सुलभ हो सके, बशर्ते कि वे ऐसी निःशक्तता के उपचार / शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से इस बारे में समुचित प्रमाण प्रस्तुत करें।

28. कमीशन प्राप्त एन.सी.सी. अधिकारियों के स्थानांतरण करते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि जिन स्थानों पर अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाता है उन स्थानों पर एन.सी. सी. की संबंधित इकाई संचालित हो ।

29. किन्हीं भी कार्यपालिक कर्मचारियों / अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ न किया जाए, किन्तु अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिलें में स्थानांतरण किया जा सकेगा।

30. कृषि विकास संचालनालय एवं कृषि अभियांत्रिकीय संचालनालय के अधीनस्थ तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को उनके गृह तहसील / विकास खण्ड को छोड़कर गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा पदस्थ किया जा सकेगा।

31. जिन कार्यालयों में निर्धारित मापदंड से अधिक स्टाफ है, उसे अन्यत्र स्थानांतरित कर युक्तियुक्तकरण किया जावे।

32. तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग के जिन संस्थाओं विद्यालयों / महाविद्यालयों में विषयवार निर्धारित संख्या से अधिक शिक्षक (Teachers) कार्यरत हों, वहां से अतिशेष शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ किया जाये। ऐसा करने में कनिष्ठतम शिक्षक को अतिशेष कर्मचारी होने की स्थिति में सबसे पहले स्थानांतरित किया जाए, किन्तु मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए महिला, 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले विकलांग एवं ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्तमें एक वर्ष से कम समय शेष है, उन्हें अतिशेष मान कर स्थानांतरित नहीं किया जाये। स्वीकृत पद से अधिक पदस्थापना किसी भी स्थिति में न की जावे। पदस्थापना के समय विषयवार रिक्ति का ध्यान रखा जाये एवं तदनुसार ही पदस्थापना की जाये। यह जानकारी आप Septadeep.blogspot.com पर देख रहे हैं.

33. राज्य शासन से पत्राचार करने की मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के प्रदेश / संभाग / जिला / तहसील / विकास खण्ड शाखा के पदाधिकारियों यथा- अध्यक्ष / सचिव / कोषाध्यक्ष को पद पर नियुक्ति उपरांत स्थानांतरण से दो पदावधि के लिये अर्थात 4 वर्ष तक की सामान्यतः छूट प्राप्त होगी। यह सुविधा उसके पूरे सेवाकाल में नियमानुसार दो पदावधि के लिये मिलेगी। 4 वर्ष से अधिक पदस्थापना अवधि पूर्ण होने पर प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार ऐसे पदाधिकारियों को भी स्थानांतरित किया जा सकेगा। संगठन के पदों में नियुक्ति की पूर्व सूचनाके संबंध में सक्षम प्राधिकारी की संतुष्टि का आधार मुख्य होगा। इस संबंध में शासन के पत्र क्रमांक एफ 10- 6/05/1-15/क.क. दिनांक 24 अप्रैल, 2006 के प्रावधानों का अवलोकन करें, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों द्वारा निर्वाचन के पश्चात् निर्वाचित पदाधिकारियों की सूची उनके कार्यकाल सहित संबंधित कलेक्टर को दी जायेगी इसके साथ-साथ संबंधित विभाग प्रमुख, जहां वे कार्यरत हों तथा सामान्य प्रशासन विभाग (कर्मचारी कल्याण प्रकोष्ठ) को दिनांक 30 अप्रैल की स्थिति में सौंप दी गई हो, उन्हीं पदाधिकारियों को स्थानांतरण से छूट का लाभ दिया जाना चाहिए।

34. किसी भी स्थापना में स्वीकृत पदों से अधिक पदस्थापना नहीं की जावेगी।

35. क्रय / स्टोर / स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारियों / कर्मचारियों को सामान्यत: 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में / अन्य स्थान पर पदस्थ किया जाए। जो अधिकारी / कर्मचारी वित्तीय अनियमितताओं एवं शासकीय धन के दुरुपयोग / गबन आदि के प्रकरणों में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाएं, उन्हें ऐसे पदों से हटाया जाए। ऐसे दोषी कर्मचारियों को पुनः ऐसे पद पर पदस्थ न किया जाए।

36. माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने याचिका क्रमांक 14195/2007 (एस) में निर्णय / आदेश दिनांक 20.11.2008 में शासन द्वारा कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण में स्थानांतरण नीति के अंतर्गत जारी निर्देशों का ध्यान नहीं रखने पर टिप्पणी की है, जैसे बिना रिक्त पद के स्थानांतरण किया जाना। पद रिक्त न होने के कारण कर्मचारियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है, अतः विभाग आदेश जारी करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि जिस अधिकारी / कर्मचारी का स्थानांतरण जहां किया जा रहा है वहां पद रिक्त है या नहीं। आदेश जारी करने के पूर्व विभाग द्वारा पद रिक्तता का विनिश्चय करने का दायित्व विभाग के प्रमुख सचिव / सचिव का रहेगा। विभागाध्यक्ष स्तर से किये गये स्थानांतरण में दायित्व विभागाध्यक्ष का रहेगा। 

37. जिस जिले में अधिकारी पूर्व में पदस्थ रह चुके हों, वहां उनकी उसी पद पर पुनः पदस्थापना सामान्यतः नहीं की जाए।

38. राज्य शासन की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में न्यूनतम स्थानांतरण किये जायें एवं इन योजनाओं में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानांतरण योजना क्रियान्वयन विभाग की अनापत्ति के बिना न किए जाएं। 

39. संलग्न तालिका में सम्मिलित कम लिंगानुपात वाले जिलों में उच्च प्रशासनिक पदों पर यथासंभव महिला अधिकारियों की पदस्थापना की जावे।

40. जिन अधिकारियों / कर्मचारियों के विरुद्ध नैतिक पतन संबंधी आपराधिक प्रकरण लंबित हों, उनकी तैनाती कार्यपालिक (executive) पदों पर न की जाए। ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों जिनके विरुद्ध विभागीय जांच लंबित हो, की पदस्थापना सामान्यतः कार्यपालिक (executive) पदों पर नहीं की जाए। 

41. समस्त स्थानान्तरण आदेश ऑनलाइन अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव / सचिव / विभागाध्यक्ष के शासकीय ई-मेल द्वारा जारी किये जायेंगे। 31 जुलाई, 2021 (स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 के लिए 05 अक्टूबर 2022) के बाद की गई ई-मेल में उल्लेखित स्थानांतरण निर्धारित अवधि के बाद जारी किये जाने माने जाकर स्वमेव (Suo moto) शून्य माने जावेगे। ऐसे आदेशों का पालन नहीं किया जावेगा

42. स्थानांतरण आदेश जारी होने के दो सप्ताह के भीतर स्थानांतरित अधिकारी / कर्मचारी को कार्यमुक्त किया जाना अनिवार्य होगा।

43. यदि किन्हीं महत्वपूर्ण लंबित शासकीय कार्यों को निपटाने के लिए कार्यमुक्त करने में कठिनाई हो तो कार्यमुक्त करने के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा स्थानांतरण आदेश जारी करने वाले अधिकारी से पूर्वोक्त दो सप्ताह की अवधि बढ़ाने का तत्काल अनुरोध किया जाएगा। स्थानांतरण आदेश जारी करने वाला अधिकारी लिखित में कार्यमुक्त होने की अवधि को 10 दिवस से अनाधिक बढ़ा सकेगा। ऐसी बढ़ी हुई अवधि तक ही स्थानांतरित अधिकारी / कर्मचारी पूर्व पदस्थापना पर रोका जा सकेगा।

44. यथा स्थिति, दो सप्ताह की सामान्य समयावधि अथवा बढ़ी हुई समयावधि व्यतीत हो जाने पर सक्षम प्राधिकारी या उससे वरिष्ठ स्तर का अधिकारी स्थानांतरित अधिकारी / कर्मचारी को कार्यमुक्त करेगा। उक्त अवधि में स्थानांतरित अधिकारी / कर्मचारी यदि कार्यमुक्त नहीं होता है, तो उसे एक तरफा कार्यमुक्त किया जाएगा। एक तरफा कार्यमुक्त करने की तिथि से स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित होना माना जाएगा।

45. स्थानांतरण आदेश (Transfer Order) के क्रियान्वयन के लिए सभी स्थानान्तरण आदेशों में ट्रेजरी में प्रयुक्त होने वाला एम्पलाई कोड (Employee Code) डालना अनिवार्य होगा। कार्यमुक्ति के लिये पूर्वोक्त कंडिकाओं में निर्धारित समयावधि के उपरांत कर्मचारी / अधिकारी का वेतन का आहरण जिस स्थान से स्थानान्तरण किया गया है उस स्थान से अनिवार्यतः बंद हो जायेगा। यदि इसके विपरीत वेतन आहरित होता है, तो यह वित्तीय अनियमितता मानी जाएगी। कार्यमुक्ति के तत्काल पश्चात् अंतिम वेतन प्रमाण पत्र (Last Pay Certificate) तथा अन्य सेवा अभिलेख आवश्यक रूप से नवीन पदस्थापना कार्यालय को भिजवा दिए जाएंगे। इसके लिए कार्यालय प्रमुख, आहरण व संवितरण अधिकारी विशेष रूप से उत्तरदायी होगा।

46. कार्यमुक्त होने के पश्चात् स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी का वेतन नवीन पदस्थापना से ही आहरित होगा।

47. कार्यमुक्त होने के पश्चात् एवं नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के मध्य की अवधि के किसी भी प्रकार का अवकाश प्रशासकीय विभाग के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत प्राप्त करने के पश्चात् ही स्वीकृत किया जा सकेगा।

48. स्थानांतरण आदेश का बिना युक्तिसंगत कारणों अपालन, बिना पूर्वानुमति एवं स्वीकृति के अवकाश पर प्रस्थान करने वाले अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध पृथक से अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी।

49. स्थानांतरित किये गये शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना वाले कार्यालय से ज्वाइन करने के पश्चात् स्वीकृत किया जायेगा ।

50. स्थानांतरण के विरुद्ध अभ्यावेदन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2005/1/9 दिनांक 10.5.2005, 29.7.2005, 9.8.2005, 29.10.2005 एवं 14.03.2016 के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत निपटाए जायेंगे। जहाँ तक कलेक्टर / विभागीय अधिकारी, वन संरक्षक एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किए गये स्थानांतरण आदेशों के विरुद्ध अभ्यावेदन का प्रश्न है, इनका निराकरण विभागाध्यक्ष के द्वारा संबंधित विभाग के विभागीय मंत्री के अनुमोदन से किया जाएगा। विभागों द्वारा किए गए प्रथम श्रेणी संवर्ग के अधिकारियो के स्थानांतरण से संबंधित अभ्यावेदनों का निराकरण मुख्य सचिव द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी के अनुमोदन से किया जाएगा। द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानांतरण से संबंधित अभ्यावेदनों का निराकरण विभागीय अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव / सचिव द्वारा विभागीय मंत्रीजी के अनुमोदन से किया जाएगा।

51. सामान्यतः स्थानांतरण द्वारा रिक्त होने वाले पद की पूर्ति उसी पद के समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना से की जाए। नियमित अधिकारी  /कर्मचारी का स्थानांतरण कर उस पद का प्रभार कनिष्ठ अधिकारी को न दिया जाए।

52. सभी प्रकार के संलग्नीकरण समाप्त किया जाना सुनिश्चित किया जावे।

53. विभागीय प्रमुख विभागाध्यक्ष जारी किये गये स्थानांतरण / सचिव आदेश की एक प्रति आदेश जारी होने के दिनांक को ही सामान्य प्रशासन विभाग के ई-मेल acsgad@mp.gov.in पर प्रेषित करेंगे। प्रमुख सचिव / विभागाध्यक्ष इस मेल को भेजने के लिये स्वत: उत्तरदायी होंगे।

MP Govt. Transfer Policy 2023 - राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति PDF में देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए.

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