Teacher Sharing in Schools DPI New Order - स्कूलों में होगी शिक्षक शेयरिंग, शिक्षक व्यवस्था के सम्बन्ध में लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश का नया आदेश
स्कूलों में होगी शिक्षक शेयरिंग लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश का नया आदेश
Teacher Sharing in Schools DPI New Order
आदेश का विषय - विद्यालय में अनुपलब्ध विषय शिक्षक के स्थान पर नजदीकी विद्यालय में पदस्थ विषय शिक्षक की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु।
शिक्षक व्यवस्था के सम्बन्ध में लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश का आदेश इस प्रकार है -
MP Education Department - आगामी माह में कक्षा 10वी की बोर्ड परीक्षाएं प्रारंभ हो रही है। अतः कक्षा 10वी में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षण सहयोग हेतु तथा परीक्षा परिणाम में वृद्धि हेतु अनुपलब्ध शिक्षकों की व्यवस्था निम्नानुसार की जाए
ऐसी शालाएं जहाँ विषयमान से शिक्षक नहीं है वहाँ (अर्थात जहां अतिथि शिक्षक नहीं है)
एक परिसर एक शाला के सम्बन्ध में
• एक परिसर एक शाला वाले स्कूलों की प्राथमिक / माध्यमिक शालाओं के स्नातक / स्नातकोत्तर उपाधि धारी शिक्षकों का उपयोग हाई / हायरसेकेण्डरी में विषय अध्यापन हेतु अनिवार्यतः किया जाये।
शिक्षक साझेदारी
• ऐसे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाये जहाँ स्कूलों की आपस में साझेदारी हो सकती है। उदाहरण के लिये यदि एक स्कूल में गणित के शिक्षक उपलब्ध है, किन्तु अंग्रेजी के नहीं है, जबकि निकटस्थ किसी स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक उपलब्ध है किन्तु गणित के नहीं, ऐसी स्थिति में दोनों स्कूलों के विषय शिक्षकों की सेवायें साझा कर ली जायें। विषय शिक्षण की इस साझेदारी व्यवस्था कराने को प्राथमिकता दी जाये।
अन्य विद्यालय से व्यवस्था
• जहाँ साझेदारी न हो सके वहाँ भी शिक्षक व्यवस्था अन्य विद्यालयों से विषयमान से पूर्ण की जाये।
• उपरोक्त व्यवस्था में शिक्षकों को सप्ताह में 04 दिवस अपने विद्यालय में तथा 02 दिवस निकट के विषय शिक्षक विहीन विद्यालय में सेवायें देनी होगी। संबंधित दोनों विद्यालय (शिक्षक की मूल शाला तथा आवंटित शाला दोनों) के लिए इस व्यवस्था को ध्यान में रखकर उचित प्रकार से समय-चक्र निर्धारित करेंगे तथा संबंधित विषय के शिक्षक अपनी मूल शाला एवं आवंटित शाला दोनों स्थानों पर अपने विषय का पठनपाठन पूर्ण करायेंगे। अर्थात मूल शाला भी प्रभावित न हो यह भी सुनिश्चित किया जायेगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किये जाएंगे। इन शिक्षकों की उपस्थिति दोनों स्कूलों में ली जाये तथा निर्देश का पालन न करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे।
'रेमिडयल टीचिंग मद' से रू. 1500 प्रतिमाह आवागमन व्यय
• इस प्रकार की गई व्यवस्था में प्रयुक्त शिक्षक को नियमानुसार माह में न्यूनतम 10 दिवस की अन्य शाला में उपस्थिति के लिए आवागमन व्यय 'रेमिडयल टीचिंग मद' से रू. 1500 प्रतिमाह दिया जायेगा।
• जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने जिले के साझेदार किए गए शिक्षकों की जानकारी विषयवार एवं दिनवार फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में संचालनालय के समग्र कक्ष में उपलब्ध करायी जायेगी जिसका व्यय अधिगम उन्नयन कार्यक्रम (LEP) से किया जायेगा।
• साझेदार शिक्षण हेतु एक पंजी प्रत्येक विषय के शिक्षक द्वारा संधारित की जायेगी। जिसमें विद्यार्थी की उपस्थिति, उसके टेस्ट के नंबर प्रत्येक अध्याय पर उसकी समझ कमी का कारण इत्यादि का वितरण लिखा जायेगा।
अभ्यास
• प्रत्येक विषय हेतु साझेदार शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी की एक कॉपी बनवाए। जो शिक्षक अध्यापन करायेंगे वे प्रतिदिन की दिनांक एवं टॉपिक कॉपी पर लिखवाएंगे।
• विद्यार्थियों से बार बार अभ्यास कराकर उन्हें उस दक्षता में दक्ष बनाया जायेगा। निदानात्मक का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों से सतत अभ्यास करवाकर उन्हें दक्ष बनाना है।
• ग्राफ चित्र / मॉडल, प्रयोग करके दिखाना / करवाना वर्कशीट से अभ्यास कराया जायेगा।
• प्रतिदिन निदानात्मक शिक्षण से सम्बंधित विषय पर अलग से कक्षा कार्य एवं गृहकार्य देना और जांचकर त्रुटियों को सुधरवाया जायेगा।
मूल्यांकन -
• विद्यार्थियों का निरंतर टेस्ट लिया जायेगा एवं टेस्ट पेपर दिए गए है तथा उसका रिकार्ड संधारित किया जायेगा।
• टेस्ट के आधार पर विद्यार्थी क्या सीख नहीं पाया इसका आकलन कर उन विद्यार्थियों को पुनः उसी टॉपिक को पढ़ाया जायेगा।
• निरीक्षणकर्ता विद्यार्थियों की कॉपी देखकर निदानात्मक कक्षाओं का अवलोकन करेंगे।
निरीक्षण / मॉनिटरिंग-
• समस्त विद्यार्थियों की काउंसलिंग की जायेगी। प्राचार्य प्रत्येक सप्ताहिक बैठक में शिक्षकवार, विषववार, विद्यार्थीवार समीक्षा करेंगे। जिसमें विद्यार्थियों को आने वाली कठिनाईयों पर विशेष चर्चा करेंगे। इस पूर्ण कार्यवाही के अभिलेखों का संधारण करेंगे।
• प्रभावी क्रियान्वयन हेतु यह आवश्यक है कि शाला के प्राचार्य नियमित कक्षाओं की तरह निदानात्मक कक्षाओं के संचालन की जवाबदेही तय करें एवं इस ओर ध्यान दें तथा समुचित रूप से उद्देश्य के अनुरूप कार्यवाही करें। सभी विद्यार्थियों को न्यूनतम दक्षता हासिल करवाना सुनिश्चित करेंगे।
• जिला स्तरीय टीम द्वारा आकस्मिक मॉनिटरिंग जिला स्तर से अकादमिक दल के अतिरिक्त नियमित रेमिडियल कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था की मॉनिटरिंग हेतु टीम गठित की जाएगी जो आकस्मिक रूप से शालाओं का निरीक्षण कर यह सत्यापित करेंगी कि प्रत्येक शाला में निदानात्मक कक्षाएँ चल रही है या नहीं।
• इस सम्पूर्ण कार्य की मॉनिटरिंग का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक का होगा।
DPI Order Date 06-01-2025ये भी देखिये -
स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024
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